मोहब्बत हो गयी है तुम्हें (भाग 6 ) Laiba Hasan द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोहब्बत हो गयी है तुम्हें (भाग 6 )

इस भाग को पढ़ने से पहले इस कहानी के बाकी भागो को अगर आप ने नही पढ़ा है तो जरूरी पढ़ें.
तो फिर आपके और मेरे पसंदीदा किरदारों के साथ मोहब्बत हो गयी है तुम्हें का ये भाग शुरू करते हैं


Good morning... पापा, ऐना ने आंख खोली तो सामने सालार को बैठा देखा.
सुबह बखैर मेरी जान, सालार ने मुस्कुराते हुए कहा. चलिए अब जल्दी से फ्रेश होकर आईए फिर नाश्ता करते हैं आप को स्कूल भी तो जाना है ना, सालार ने कहा और ऐना का सिर सहला कर रुम के बाहर निकल गया।

नाश्ते की टेबल पर किरन ने तीन कप चाय एंड ब्रेड आमलेट ला कर रखा और चेयर पर बैठ गयी. वो जब घर से नाश्ता नही कर के आती तो अक्सर हानिया और उसकी आम्मी के साथ साथ अपना भी नाश्ता बना लिया करती
हानिया ने जल्दी में थोड़ा सा खाया और स्कूल जाने के लिए उठ गयी.

अरे अरे बाजी पूरा नाश्ता तो खा लें कम से कम, किरन ने मेज पर सजे नाश्ते की तरफ इशारा करते हुए कहा.
तुम खाओ मुझे देर हो रही है, हानिया ने मुस्कुराते हुए कहा और अपनी चादर उठा कर ओढ़ ली.

हानिया मैं देख रही हुं आज कल सही से नाश्ता नही कर रही तुम और कल रात भी तुम काफी देर में सोई थी कोई परेशानी है,
आम्मी उसे हमेशा हानि ही कहती थी लेकिन जब उन्हें नाराजगी जतानी होती तो हानिया कह कर ही पुकारती.
नहीं आम्मी कोई बात नहीं है, हानिया ने वापिस चेयर पर बैठते हुए कहा.
आज मै थोड़ा जल्दी में हुं और कल रात को मुझे नींद ही नहीं आ रही थी इसलिए थोड़ा बालकनी में टहेल रही थी बाकी टेंशन वाली कोई बात नही है.
अच्छा, आएशा बीबी ने कुछ सोचते हुए कहा.
अब मै जाऊं, हानिया ने अपनी आम्मी का हाथ पकड़ते हुए कहा.
हुं जाओ,
अच्छा किरन तुम कल नाश्ता नही बनाना कल मै हम सब के लिए नाश्ता बनाउंगी फिर कल मजे से खाएंगे ठीक है ना आम्मी, हानिया ने खड़े होते हुए कहा.
हां ठीक है,
अच्छा ना फिर मुस्कुरा तो दें वरना पूरा दिन खराब जाने वाला है मेरा,
अच्छा ठीक है हानि.. जाओ अब अल्लाह हाफ़िज़, आएशा बीबी ने मुस्कुराते हुए कहा तो हानिया भी मुस्कुरा दी खुदा हाफ़िज़, हानिया ने जवाब दिया और स्कूल जाने के लिए निकल पड़ी।

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ऐना नाश्ता कर लिया आप ने,

जी पापा,

चलिए फिर कार की तरफ मै आता हूं अभी,
हिना और सादिया बेगम अभी तक नाश्ता ही कर रही थी
चलता हूं आम्मी, सालार ने तीन जुमले कहे और जाने के लिए मुड़ गया..
हम्म खैरियत से जाना, सादिया बेगम ने एप्पल के स्लाइस चबाते हुए कहा..

अस्सलाम ओ अलैहकुम भाईजान, जाते जाते सालार सामना सीढ़ी उतरते रोहान से हुआ.
वालेकुम अस्सलाम ये तुम रोज नाश्ते का टाइम खत्म होने पर ही क्यों आते हो, सालार ने कहा.
वो क्या है ना भाई आप लोग नाश्ता ही इतना जल्दी कर लेते हैं की मै लेट हो जाता हुं, रोहान ने थोड़ा मसखरे अंदाज में कहा.
अच्छा अब जाओ नाश्ता करो और हां आज रात को तुम्हारा कहीं बाहर डिनर का तो प्लान नहीं है ना,
नहीं भाई फिलहाल तो नही बना है ऐसा कोई प्लान,
ठीक है फिर बनाना भी मत डिनर पर मिलते हैं फिर कुछ जरूरी बातें करनी हैं तुमसे चलता हूं अभी अल्लाह हाफ़िज़, सालार ने कहा और आफिस जाने के लिए निकल गया.

रोहान कुर्सी पर बैठा और मिल्क शेक का गिलास उठा कर पीने लगा..
क्या बात है रोहान फिर बाहर किसी से कोई लड़ाई झगड़ा तो नहीं कर आए तुम,
क्या नही आम्मी ऐसी तो कोई बात नहीं है,
तो फिर सालार किस बारे में बात करने वाला है, सादिया बेगम ने सोचते हुए कहा.
मुझे क्या पता वैसे वो गुस्से में तो नहीं लग रहे थे,
भाई कब गुस्से में आ जाएं किसी को क्या पता, हिना ने कहा.
हां उनके गुस्से में आने की ज्यादातर वजह तुमसे ही जुड़ी हुई होती है,
हां तुम तो बहुत शरीफ हो ना जैसे,
अच्छा तुमसे तो,
बस चुप करो तुम दोनों, सादिया बेगम ने चिढ़कर कहा.
हिना तुम उठो और जाकर कमरे में मेरा मोबाइल रखा हुआ है उससे मुलाजिमा को फोन करो पता तो चले दो दिनों से कहा गायब है वो,
लेकिन आम्मा मेरा नाश्ता,
एक घंटे से तुम्हारा नाश्ता ही नही हुआ है अभी अब क्या खाना बाकी रह गया है.
सादिया बेगम की बात पर रोहान ने जोर से हंसते हुए हिना की तरफ देखा सादिया बेगम ने उसे घूरा तो उसने चुपचाप ओट्स खानी शुरू कर दी
तुमने उठना है,
हां उठ रही हुं, हिना ने कहा और उठकर अंदर कमरे की तरफ चल दी सादिया बेगम भी उसके पीछे हों लीं
रोहान ने नाश्ता खत्म किया और अपनी गर्लफ्रेंड मिस्बाह को फोन मिलाते हुए अपने कमरे की तरफ हो लिया ।..

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हानिया जब स्कूल पहुंची तभी स्टाफ रूम में मीटिंग शुरू ही होने वाली थी..
सौरी मैडम मैं थोड़ी लेट हो गई, हानिया ने स्टाफ रूम के दरवाजे पर से ही प्रिंसीपल मैडम से कहा.
कोई बात नहीं मिस हानिया हम आपका ही वेट कर रहे थे आऐं बैठें, प्रिंसीपल मैडम ने हानिया को अंदर आने का इशारा करते हुए कहा.
हानिया अंदर जाकर बाकी टिंचरो के बीच कुर्सी पर बैठ गयी
तो ये मीटिंग मैंने आप सब को ये बताने के लिए रखी है की
क्लास 5 की क्लास टीचर मिस शबनम ने कल रिजाइन दे दी है क्योंकि उनकी शादी है इसलिए अब से वो स्कूल नहीं आएंगी तो फिर,
हानिया ने सिर्फ इतना ही सुना क्योंकि उसके बाद उसे शादी का लफ्ज़ कुछ साल पीछे ले गया था

तुम्हारी शादी, अलयान ने हंसते हुए कहा
क्यों नही हो सकती आम्मी ने कहा है वो रिश्ता देख रही है मेरे लिए, हानिया ने कमरे के दरवाजे पर टेक लगाते हुए कहा
अच्छा ये बात उन्होने कही है तुमसे, अलयान ने थोड़ा सिरीयस होते हुए पुछा.
नहीं वो किसी से फोन पर बात कर रहीं थीं मैंने सुन लिया,
अच्छा तुम्हें पसंद है कोई तो बता दो उन्हें,
नहीं बता सकती, हानिया ने उदास लहजे में कहा
क्यों नही बता सकती,
क्योंकि मुझे तो नहीं पता ना के वो भी मुझे पसंद करता है या नहीं,
कौन पसंद है तुम्हें मुझे दोस्त समझ कर ही बता दो,
आप, हानिया ने आखिर आज बोल ही दिया था उसे लगता था कि वो ज्यादा दिन अपनी बात दिल में रखेगी तो अलयान उससे दूर हो जाएगा.
उसकी बात पर पहले तो अलयान चौंक गया लेकिन फिर उसने बोलना शुरू कर दिया, क्या बकवास है मैंने तुमसे दोस्त समझ कर थोड़ी बात क्या कर लीं तुमने पता नहीं क्या समझ लिया,
हानिया को उससे इस कदर बेरुखी की उम्मीद बिल्कुल नहीं थी उसकी आंखों में आंसु आने लगे थे,
तो आप नहीं पसंद करते मुझे, हानिया ने आंसु कंट्रोल करते हुए कहा.
तुम प्लीज़ जाओ यहां से, अलयान ने कहा और अंदर कमरे में जाकर जोर से दरवाजा बंद कर दिया..
हानिया को लगा जैसे उसका दिल बुरी तरह टूट गया है लेकिन अभी तो उसे पता भी नहीं था के दिल टुटना आखिर कहते किसको है।

हानिया हानिया, स्नेहा ने हानिया के कंधों को जोर से थपथपाते हुए कहा..
हां क्या हुआ, हानिया को लगा जैसे वो नींद से जागी हों..
मिस हानिया आप ने सुना मैंने क्या कहा, प्रिंसीपल मैडम ने हानिया की तरफ देखते हुए पुछा..
जी जी मैडम, हानिया ने जवाब दिया..
किसी को कोई प्रोब्लम हो तो मुझे बता दें प्रिंसीपल मैडम के बोलने के बाद भी सब चुप ही रहें
ठीक है तो फिर ये पक्का हो गया है कि आप सब दो दो सब्जेक्ट पढ़ायेंगे जब तक मिस शबनम की जगह हमे कोई टीचर नही मिल जाती अब आप सब अपने अपने क्लास रूम में जा सकते हैं, प्रिंसीपल मैडम ने कहा और रुम के बाहर निकल गई...
उनके जाने के बाद वहां थोड़ी बहोत टीचर्स की आपस में बातें हुई फिर सब अपने अपने क्लास रूम की तरफ चल दिए
कहां खोई थी तुम स्टाफ रूम में, मिस स्नेहा ने स्टाफ रूम से निकलते ही हानिया से पुछा
कहीं नही बस ऐसे ही कुछ सोच रही थी,
अच्छा चलो फिर लंच ब्रेक में मिलते हैं, मिस स्नेहा ने कहा और क्लास रूम में चलीं गईं
हां, हानिया ने भी हामी भरी और अपने क्लास रूम में दाखिल हो गई...
हानिया की बातचीत स्कूल में सब से थी लेकिन एक स्नेहा ही थी जिसके साथ अक्सर हानिया को देखा जा सकता था हानिया का फोन नंबर भी बस स्नेहा और प्रिंसीपल मैडम के पास ही था बाकी किसी से हानिया ने इतना मेलजोल ही नहीं बढ़ाया था कि फोन नंबर लेने या देने की जरूरत पड़ती ।...

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भाभी शमशाद भाई नाश्ता किये बिना ही चले गए आज, इस्तेखार ने बड़े भाई की कुर्सी खाली देखी तो बड़ी भाभी से पूछ बैठा,
हां आज वो काफी जल्दी चले गए, बड़ी भाभी आबदा ने कहा..
घर का बड़ा बेटा शमशाद किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था और छोटा बेटा इस्तेखार सरकारी मुलाजिम था.
अब्बा जी आज फिर नाश्ता करने नहीं आए आज किस दोस्त की तरफ चल दिए, मोमल ने शिकायती लहजे में आम्मी से कहा,
हां मस्जिद से वापस आते वक़्त रोक लिया होगा किसी दोस्त ने,
अच्छा आम्मी आब्बा जी को ये अरबी पढ़ाते हुए दस साल तो हो ही चुके होंगे ना, मोमल ने कहा.
नहीं नहीं उससे ज्यादा ही हो गए होंगे कि, इस्तेखार ने कहा और जल्दी जल्दी पराठे खाने लगा,
हां तुम्हारे अब्बा जी को पंद्रह साल हो गए हैं पढ़ाते हुए,
आबदा तुम्हारा नाश्ता हो गया हो तो बचे हुए परांठे किचन में रख दो वरना तुम्हारे अब्बा जी के आने तक हवा से खराब हो जाएंगे सारे,
अच्छा आम्मी मै निकलता हूं अब अल्लाह हाफ़िज़, इस्तेखार
ने कहा और अपने कमरे की दरवाजे तक जा कर वहीं से सामेआ को आवाज लगाई सामेआ मिशी सो गयी क्या,
नहीं कोशिश कर रही हुं सो जाएंगी थोड़ी देर में,
अच्छा कहो तो मोमल के हाथों तुम्हारा नाश्ता भेजवा दूं,
नहीं रहने दें मै अभी खुद जा कर लुंगी नाश्ता,
अच्छा चलता हूं अल्लाह हाफ़िज़,
खुदा हाफ़िज़, सामेआ ने हमेशा की तरह मुस्कुराते हुए कहा..
चल रहा हूं आम्मी इस्तेखार ने फिर मां के पास आकर कहा और बाहर की तरफ चल दिया..
आबदा भी नाश्ता खत्म करके उठी और बाकी बचे हुए परांठे लेकर किचन की तरफ बढ़ गई,
मोमल तुम जाओ जरा रानिया को तो जाकर उठाओ अब क्या दोपहर के खाने के वक़्त ही उठेगी क्या, मोमल की आम्मी ने कहा और उठ कर सोफे पर बैठ गयी,
जी आम्मी मै उठाती हुं फिर मुझे बुक्स भी लेने जानी है उनके साथ, मोमल ने कहा और टेबल पर रखी प्लेटें उठाने लगी ।

इस भाग को पढ़ने के लिए आप सब का बहोत बहोत धन्यवाद..

मैंने इस भाग में अब तक के सारे किरदारों को शामिल किया है ताकि आप सब को समझने में कोई दिक्कत हो अगर फिर भी आप को कोई उलझन हो तो मुझसे जरूर राबता करें

मोहब्बत हो गयी है तुम्हें का अगला भाग जल्दी ही आप तक पहुंचेगा क्योंकि अगर मै अपनी कहानियों को आप तक नही पहुंचाती तो उनका फायदा ही क्या है..

तो मै हमेशा की तरह आपकी अनमोल समीक्षाओं के इंतेज़ार में रहुंगी अगला भाग आने तक आपके मन में कोई विचार सुझाव या शिकायत हो तो मुझसे जरूर सांझा करें

और हमेशा की तरह अपनी दुआओं और प्रार्थनाओं में सारे देश वासियों को जरूर याद रखें...