मोहब्बत हो गयी है तुम्हें - (भाग 9) Laiba Hasan द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोहब्बत हो गयी है तुम्हें - (भाग 9)

अब आप खुश हैं ना ऐना, सालार ने ऐना को पार्क में लाने के बाद पूछा..
जी पापा वो देखें मेरे फ्रैंड्स, ऐना ने उसके हम उम्र बच्चो की तरफ हाथ हिलाते हुए कहा जो कि ऐना को देखकर पहले से ही हाथ हिला रहे थे.
पापा मै कैच कैच खेलने जाऊं,
हां जाइए लेकिन मेरे सामने ही रहिएगा ओके,
ओके, ऐना ने कहा और खेलने चली गई.
और सालार पार्क में चहलकदमी करने लगा.

पार्क में दाखिल होते ही हमेशा की तरह हानिया ने अपनी पसंदीदा बैंच की तरफ का रूख किया जोकि छोटे से फव्वारे के ठीक बगल में थी कितना सुकून है यहां हानिया ने आसमान की तरफ देखा मौसम काफी खुशगवार था हानिया ने अपनी नावेल पढ़नी शुरू ही की थी तभी
छपाक की आवाज के साथ बॉल फव्वारे में आकर गिरी और हानिया पानी में भीग गई..
अरे ये क्या किया ऐना अब तो बहोत डांट पढ़ने वाली है, एक छोटी बच्ची ने कहा..
चलो चलो भागते हैं, दूसरे लड़के ने कहा और सारे बच्चों दौड़कर उधर भाग गए.

लेकिन सालार ने ऐना को हमेशा यही समझाया था की अगर आप कोई गलती करते हैं और सौरी ना बोल कर और वहां से भाग जाते हैं तो ये उससे भी बड़ी गलती है..

सौरी, हानिया बैंच पर अपनी नावेल और मोबाइल रखकर रूमाल से पोंछ रही थी तभी ऐना ने कहा..
हानिया को आवाज जानी पहचानी लगी उसने मोबाइल और नावेल को वहीं रखा और घूमकर देखा तो उसने तुरंत ऐना को पहचान लिया वही मासूम सी गुड़िया जैसी बच्ची जिसका ना जाने उसने कितनी बार अपनी मां से जिक्र किया था..
तो आप मासूम होने के साथ साथ शरारती भी हैं बॉल आपने ही फैकी है ना, हानिया ने थोड़ा नाराजगी वाले अंदाज पूछा..
ऐना ने हां में सिर हिलाया.. उसे भी हानिया थोड़ी थोड़ी देखी देखी लग रही थी मगर छोटे बच्चे कहां इतना ध्यान दे पाते हैं
यहां आइऐ मेरे पास,
ऐना अब डर गई थी क्योंकि उसके पापा के कहें मुताबिक सौरी बोलने के बाद तो सामने वाला गुस्सा खत्म कर देता है उसे लगा अब उसे सजा मिलने वाली है इसलिए वो हानिया के पास नही आई और दौड़कर सालार के पास भाग गयी..

अरे सुनो अपनी बॉल तो लेलो लगता है मैने उसे डरा दिया, हानिया ने सोचा और फव्वारे के पास झुककर बॉल निकाल ली...
मै उसे ये दे देती हुं और नाम भी पूछ लेती हुं आखिर मै इतने दिन से इंतेज़ार कर रही थी, हानिया ने सोचा और बॉल लेकर उधर ही चल दी जिधर ऐना गयी थी.

पापा पापा,
जी ऐना क्या हुआ,
मैंने उन्हे चोट लगा दी, ऐना ने उदास होते हुए कहा
किन्हें चोट लगा दी आप ने,
मैने गलती से बॉल फैंकी और वो पानी में चली गई, ऐना ने अपनी गलती सालार को बता दी.
आप ने उन्हें सौरी बोला,
जी मगर वो नाराज़ हैं,

किसने कहा मै आपसे नाराज हुं, हानिया ने कहा..

सालार ने नजरें उठा कर हानिया की तरफ देखा उसके भीगे बाल उसके खुबसूरत चेहरे पर चिपक रहे थे जिन्हें हानिया पीछे कर रही थी सालार को एक पल के लिए जैसे कुछ हुआ था शायद लेकिन अगले ही पल जो भी अहसास था वो ना जाने किधर गायब हो गया था..

अपनी बेटी ऐना की तरफ से मै माफी चाहता हूं आप से,
जी माफी की कोई जरूरत नहीं मै तो बस ये बॉल वापस करने आई थी,
तो आप का नाम ऐना है आप जितनी प्यारी हैं ना आप का नाम भी उतना ही प्यारा है अब आप ने तो अपना नाम बताने से मुझे मना कर दिया था उस दिन देखें आज आप के पापा ने खुद ही बता दिया,

सालार को अब समझ आ रहा था की यही वो लड़की थी जिसके बारे में हिना बात कर रहीं थीं
उसने एक सरसरी सी निगाह हानिया पर डालीं उसकी आदत किसी को इस तरह देखने की नहीं थी हानिया ने खुद को काफी अच्छी तरह चादर से कवर कर रखा था वैसे तो सालार किसी के भी बारे में इतनी जल्दी राय नही बनाता था लेकिन उसे हानिया को देखकर कहीं से भी नही लग रहा था कि उसने हिना की बताई कोई भी हरकत की होंगी..

अपनी बॉल तो ले लें, हानिया ने ऐना की तरफ बॉल बढ़ाते हुए कहा.
ऐना ने हाथ बढ़ाकर कर बॉल लेली अब उसे भी याद आ गया था की ये वहीं थीं जिन्होंने उस दिन उसकी मदद की थी..
आप को पता है ऐना मै आप से फिर से मिलना चाहती थी माशाअल्लाह आप इतनी प्यारी हैं मन करता है आप से ढ़ेर सारी बातें करु आप ने मुझे पहचान लिया ना,
जी, ऐना ने स्माइल करते हुए कहा..
गुड एक मिनट रुके ये आपके लिए, हानिया ने बैग में से चाकलेट निकाल कर ऐना की तरफ बढ़ाते हुए कहा..
नही इसकी कोई जरूरत नहीं है ऐना अनजान लोगों से कुछ नहीं लेती, सालार ने कहा..
मै ये किसी गलत इरादे से नही दे रही थी फिर भी आप को बुरा लगा तो मै माफी चाहती हुं, हानिया ने कहा और चाकलेट वापस बैग में रख ली..
बाएं ऐना अगर अल्लाह पाक ने चाहा तो फिर आप से मुलाकात होंगी, हानिया ने मुस्कुराते हुए कहा और हैंडशेक करने के लिए ऐना की तरफ हाथ आगे बढ़ा दिया..
दो मुलाक़ात में ही ऐना हानिया के प्यार भरे लहजे की वजह से उसे पसंद करने लगी थी नतीजन उसने भी हाथ आगे बढ़ा कर हैंडशेक किया..
हानिया ने सालार की तरफ देखा और पार्क से बाहर घर की ओर चल दी..

अब हम घर चलें पार्क बन्द होने का वक़्त हो चुका है, सालार ने घड़ी की तरफ देखते हुए ऐना से कहा.
पापा मेरे फ्रैंड्स हैं सामने फव्वारे के पास मै उन्हें बाय कर के चलूं,
हां चलिए मै भी चलता हूं, सालार ने कहा और ऐना के साथ फव्वारे तक चल पड़ा.

ऐना अपने दोस्तों से बातें करने लगी और सालार वही बेंच पर बैठ गया बैठते ही उसकी नजर वहां रखी नावेल पर पड़ी साथ चलते हुए जयश्री रॉय उसने हाथ बढ़ाकर नावेल उठा ली नावेल उठाते ही सालार की नजर उसके नीचे रखे मोबाइल पर भी पड़ी उसने उठा कर इधर उधर देखा पार्क लगभग खाली सा हो गया था आस पास कोई था ही नही.. किस कदर लापरवाह लोग हैं दुनिया में, सालार ने मन ही मन में सोचा..
सर पार्क बन्द होने का वक़्त हो गया है गार्ड ने आकर सालार से कहा..
अच्छा चलो ऐना, सालार ने कहा और ऐना का हाथ थाम कर बाहर की तरफ चल दिया।..

हानिया ने ऐना से मुलाकात की बात खुशी खुशी अम्मी को बताई उन्हें भी काफी अच्छा लगा जान कर..
चलो अब तो तुम खुश हो गई ना अच्छा हुआ मैंने तुम्हें पार्क भेजा आज,
जी ये तो है,
अच्छा अम्मी साढ़े छः बज रहे हैं खाना क्या बनेगा बता दें,
किरन से मैंने सब्जियां कटवा ली है उसने दाल भी बना दी और आटा भी गुंथ के रख दिया है तुम बस मिक्स वेज सब्जी चावल और रोटियां बना लो,
ठीक है, हानिया ने कहा और किचन की तरफ बढ़ गई..
बाजी सुनें घर पर फोन लगा कर कह दें कि मुझे थोड़ी सी देर हो जाएगी,
मेरे कमरे में से मोबाइल तो ले कर आओ तभी ना लगाउंगी,
अभी ब्रेक आता है तो जाती हुं,
अच्छा, हानिया ने कहा और किचन के अंदर आकर उसने गैस चालू किया और कढ़ाई में तेल डालकर गरम करने के बाद उसमें हींग और जीरा डाल कर भूनने लगी..

ब्रेक आते ही किरन हानिया के रुम में गई और हर तरफ नजर घुमाई लेकिन उसे मोबाइल कहीं नजर नहीं आया आखिर नजर आता भी कैसे नजर आने के लिए वहां होना भी तो चाहिए आखिरकार किरन हार मानकर किचन में ही आ गई...

बाजी मोबाइल नही दिख रहा मैंने पुरे कमरे में देख लिया,
अच्छा मेरे बैग में देखा तुमने, हानिया ने एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर और धनियां पाउडर डालते हुए पूछा..
नहीं बैग में तो नहीं देखा आप देख लें ना प्लीज़ और फोन भी लगा दें, किरन ने मिन्नत करते हुए कहा..
अच्छा ठीक है मै ही देखती हुं तुम ऐसा करो कि फ्रीज में मिर्च टमाटर और अदरक का पेस्ट रखा हुआ है उसको इसमें डाल कर थोड़ी देर भूनने के बाद सब्जियां डाल देना मै फोन करके आती हुं, हानिया ने किरन से कहा और कमरे में आ गई..
तीन चार बार ढूंढने के बाद हानिया ने पूरा बैग ही पलट दिया नावेल और मोबाइल दोनो ना मिलने पर जब हानिया को अपनी हरकत याद आई तो उसने माथा पीट लिया..

सालार नावेल और मोबाइल अपनी बैड पर रख कर शावर ले रहा था उतनी देर में करीब तीन बार मोबाइल बज चुका था सालार नहा कर बाहर आया और टावल से अपना बाल पोंछते हुए मोबाइल उठा कर आॅन किया तो वालपेपर पर हानिया की उसके क्लास के बच्चे के साथ खींची गई एक प्यारी सी तस्वीर लगी थी सालार उसे देख ही रहा था तभी कॉल आई और स्कीन पर स्नेहा का नाम जगमगाया सालार ने फोन उठा लिया..

हैलो हानिया कहां हो जी शाम से कितनी काल्स कर रही हुं एक का भी जवाब नही दे रही हो,
हैलो,
सालार की आवाज सुनकर स्नेहा बुरी तरह चौंक गईं थीं क्योंकि हानिया की जिंदगी में दूर दूर तक किसी मर्द का कोई नामोनिशान नहीं था उसने मोबाइल हटा कर नम्बर देखा हानिया का नम्बर उसके पास काफी पहले से सेव था तो गलत होने का सवाल ही पैदा नहीं होता..
आप कौन बोल रहे हैं,
मै, इससे पहले सालार कुछ बोलता मोबाइल स्विच ऑफ हो चला था सालार ने मोबाइल बेड पर रख दिया और नावेल उठा कर पढ़ने लगा।

हानिया कहा जा रही हो,
बस थोड़ी देर में आ रही हुं अम्मी,
हानिया ने कहा और पार्क की तरफ चल दी...

सुनें मुझे अंदर जाना है क्या आप दो मिनट के लिए गेट खोल देंगे, हानिया ने गेट पर पहुंचते ही वहां बैठे गार्ड से कहा,
मैडम पार्क कब का बन्द हो चुका है...
हां मुझे पता है लेकिन मेरा जरूरी सामान छूट गया है अंदर,
तो आपको पहले आना चाहिए था ना अब आप को सुबह ही जाने दे सकते हैं,
सिर्फ दो मिनट के लिए,
नही आप सुबह आइएगा छः बजे के बाद हम किसी को अंदर नही जाने दे सकते हैं, गार्ड ने कहा
पता नही सुबह मिलेगा भी या नही, हानिया ने मन ही मन कहा और उदास मन से घर की तरफ चल दी।

हानिया घर आकर चुपचाप कुर्सी पर बैठ गयी..

क्या हुआ हानि कहा गई थी, आम्मी ने फिक्रमंद होते हुए पूछा..

मोबाइल भुल आई थी पार्क में वही लेने गई थी लेकिन गार्ड ने अंदर जाने ही नहीं दिया सुबह ही जाने देंगे वो,
किसी ने अगर देखा होगा तो उठा ही लिया होगा हानि, आम्मी ने कहा...
हां आंटी जी सही कह रही हैं बाजी शायद ही कल वहां मोबाइल मिले आपको,
हां लगता तो ऐसा ही है देखूंगी कल जाकर नावेल के नीचे रखा था मैने हो सकता है किसी की नजर ना पड़ी हो,
अच्छा बाजी अब मै जा रही हुं आप चल कर दरवाजा बंद कर लें सब्जी मैंने बना कर रख दी है और चावल भी दम पर हैं मै रोटियां भी बना देती लेकिन देर हो रही थी,
अरे नही तुम जाओ सब इंतेज़ार कर रहे होंगे घर पर,
ठीक है, किरन ने आएशा बीबी को सलाम किया और घर की तरफ चल दी हानिया ने भी दरवाजा बंद किया और रोटियां बनाने किचन में आ गई...

हानिया ने हाथ में आटा लिया और लोई बनाते हुए सोचने लगी..

काश मोबाइल वहीं हो उसमे मेरी आब्बु के साथ बहोत सारी पिक्चर्स हैं मुझे मोबाइल लेकर जाना ही नही चाहिए था, हानिया ने लोई चौके पर रखी और रोटी बेलने लगी..
हानि स्नेहा का फोन आया है, अम्मी ने उसे आवाज लगाई..
हानिया ने रोटी जल्दी से तवे पर डाली और भाग कर डाइंग में जाकर फोन थाम लिया..

हां बोलो, हानिया ने फोन कान से लगाते हुए कहा..
तुम्हें पता है आज मैने जो सुना मुझे यकीन ही नही हुआ,
अच्छा ऐसा क्या और कहां से सुन लिया,
आज जब मैने मिस हानिया का नम्बर डायल किया तो इतने सालों में पहली बार उनके अलावा किसी और कि आवाज सुनने को मिली,
क्या क्या मतलब कब की बात है ये, हानिया ने चौंकते हुए पूछा...
अभी एक घंटे पहले की तो बात है पहले तो फोन नही उठा फिर जब उठा तो किसी आदमी ने हैलो कहा जब मैने पूछा कौन तो काट दिया फिर उसके बाद से मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा है,
ओह मतलब मेरा मोबाइल गया अब हाथ से, हानिया ने अफसोस भरे लहजे में कहा..
क्या मतलब कहां गया, स्नेहा जो कि पहले से थोड़ी उलझी हुई थी अब और उलझ गई थी..
कल मिलती हुं तो बताती हुं अब रख रही हुं,
अरे, स्नेहा ने कुछ कहना चाहा मगर हानिया ने बाएं कहकर फोन रख दिया और किचन में आ गई जहां तवे पर डली रोटी लगभग जलने ही वाली थी हानिया ने जल्दी से रोटी पलटी और दूसरी रोटी बेलने लगी।

अरे कम से कम रात का खाना तो खा कर जाती आबदा, सादिया बेगम ने आबदा को जाने की तैयारी करते हुए देखा तो अपनी दिल की बात कही...
नहीं अम्मा काफी देर हो जाएगी,
कार से चली जाइएगा बाजी रोहान छोड़ देगा आपको, हिना ने भी बहन को रोकने के लिए सुझाव दिया..
हां-हां क्यों नहीं काफी टाइम हो गया खाला जान से भी मुलाकात नही हुई है, खाला जान का तो सिर्फ नाम था असल में उसे मुलाकात किससे करनी थी ये तो हमें पता ही है..
तो फिर मै खाना लगवा लेती हुं,
हां खाला आप लगवा लें रूक जाएं ना भाभी सब इतना इसरार कर रहे हैं तो, रानिया ने कहा जोकि सोफे पर इस तरह आराम से बैठी थी कि अब बिना जोर जबरदस्ती के कोई उसे वहां से उठा ही नही सकता था...

आबदा कुछ कहती उससे पहले नौकर अंदर आ गया..
बड़ी बाजी आटो वाला आ गया है पूछ रहा है कितनी देर लगेगी आने में,
उससे कहो पांच मिनट में आ रहे हैं देख लें आम्मा अब तो आटो वाला भी आ गया ,
अच्छा ठीक है अरे सुनो ये चीजें भी आटो में रख दो, सादिया बेगम ने कुछ थैलियों की तरफ इशारा करते हुए कहा जिनमें मिठाईयां और फल वगैरह थे नौकर ने थैलियां उठाई और लेकर बाहर चल दिया...

अब कब आएंगी बाजी, हिना ने पूछा...
आउंगी किसी दिन चलो रानिया, आबदा ने कहा
रानिया दिल पर पत्थर रखते हुए उठकर खड़ी हुई और सादिया बेगम को सलाम किया उसे इस वक़्त सालार के साथ डिनर का प्लान चौपट होता देखकर निहायत ही दूख हो रहा था मन ही मन उसने आटो वाले को अच्छा खासा कोस डाला था..
कुछ देर दुआ सलाम का सिलसिला चला और फिर आबदा गेट की तरफ चल पड़ी रानिया ने हसरत भरी निगाहों से सीढ़ियों की तरफ देखा कम से कम सालार जाते वक्त ही नजर आ जाएं क्योंकि जबसे वो पार्क से वापस आया था और जो कमरे में घुसा तो अभी तक नीचे उतरा ही नही ना ही हानिया को उपर जाने का कोई मौका हाथ लगा..
रानिया रिदा और अऐदा के साथ तुम आगे चलो, आबदा ने उसे धीरे कदमों से चलते देखा तो उसको आगे करते हुए कहा रानिया ने बुरा सा मुंह बनाया और आगे बढ़ गई.. सब आटो में बैठे और आटो चल पड़ी..
रोहान ने सबको अल्लाह हाफ़िज़ कर अपने कमरे की तरफ का रुख किया और हिना सादिया बेगम सब को दरवाजे से अलविदा कह कर सोफे पर कयाम पजीर हो गई।

खाना खाने के बाद हानिया ने बर्तन धोए और आम्मी के बगल में आ कर लेट गई उसका अपने कमरे में सारा दिन गुजर जाता था मगर रात को अकेले सोने में उसे ना जाने क्यों घबराहट सी होती थी इसलिए वो आम्मी के साथ ही सोती थी..
इतना मत सोचो हानि मोबाइल मिल जाएगा,
नही मिलेगा आम्मी स्नेहा बता रही थी कि उसने फोन किया था तो किसी आदमी ने उठाया था,
क्या,
हां फिर उसकी आवाज सुनकर काट दिया तब से मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा है,
ओह तुम कोशिश कर के देखो हो सकता है इस वक़्त चालू किया हो उसने,
थोड़ी देर पहले किया था आम्मी लेकिन स्वीच ऑफ ही बता रहा था मुझे लगता है मोबाइल जिसके भी पास है उस ने ज़रूर सिम कार्ड निकाल कर फेंक दिया होगा,
जाने दो हानि इतना ना सोचो सो जाओ अब सुबह जल्दी उठना है ना, अम्मी ने प्यार से कहा तो हानिया ने आंखें बन्द कर ली और सोने की कोशिश करने लगी।

हानिया इधर तो आओ, इंटरवल में स्नेहा का हानिया से सामना हुआ तो उसने कल रात वाली बात पूरी करने के लिए उसे रोक लिया,
हद है इतनी बड़ी भुलक्कड़ हो तुम, पूरी बात सुनने के बाद स्नेहा ने अपना माथा पीटते हुए कहा..
हां क्या करूं गलती ही होती है हमेशा मुझसे मुझे मोबाइल लेकर जाना ही नही चाहिए था, हानिया ने कहा..
अच्छा तुम्हें नही लगता की तुम्हें पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवानी चाहिए,
हां करवानी तो चाहिए लेकिन मै पुलिस के चक्करों में नही पढ़ना चाहती कल जाकर सिम कार्ड बन्द करवा दूंगी,
हां ये भी ठीक है, स्नेहा ने सहमति जताई

मिस हानिया कोई साहब बाहर आप से मिलने आऐ हैं, पीयुन ने कहा..
अच्छा आप उन्हें आफिस में बैठाएं मै आती हुं. हानिया ने पीयुन से कहा. एडमिशन डेट तो कब की गुजर गई पता नही अब कौन और किस काम से आया है, हानिया ने स्नेहा से कहा और खड़ी हो गई ..
हो सकता है किसी बच्चे के फादर हों,
हां देखती हुं, हानिया ने दुपट्टा सही करते हुए कहा और आफिस की तरफ चल दी..
अंदर बैठे इंसान को देखकर सबसे पहले तो हानिया चौक गई उसके बाद उसके मुंह से यही अल्फाज़ निकल थे..आप यहां...

इस भाग को पढ़ने के लिए आप सब का बहोत बहोत शुक्रिया...

आगे के भाग यानी मोहब्बत हो गयी है तुम्हें भाग 10 को पढ़ने के लिए आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा..

आखिर कौन आया था हानिया से मिलने?

सालार और हानिया का एक दूसरे से सामना हो जाने पर क्या इनकी जिंदगी में कोई बदलाव आएगा..

आपकी समीक्षाओं का इंतेज़ार रहेगा...