मोहब्बत हो गयी है तुम्हें - (भाग 7) Laiba Hasan द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मोहब्बत हो गयी है तुम्हें - (भाग 7)

मै उम्मीद करती हूं कि आप ने अब तक के सारे भाग जरूर पढ़ें होंगे तो फिर शुरू करते मोहब्बत हो गयी है तुम्हें के सातवें भाग के साथ...



रोहान जिसने अपनी गर्लफ्रेंड मिस्बाह के साथ लंच का प्लान बनाया था उसकी ना सुनकर चिढ़ते हुए काॅल काट दिया
चलो फिर किसी दोस्त की तरफ ही चलता हूं, उसने अपनी कार स्टार्ट की और तैमूर के घर की तरफ चल पड़ा दोपहर का वक्त था रोड काफी खाली थी रोहान ने स्पीड थोड़ी और तेज कर ली तभी उसे किसी की चीख सुनाई पड़ी रोहान को लगा शायद किसी को चोट लग गई है उसने तुरंत गाड़ी रोकी और बाहर उतर कर देखा तो इक लड़की झुक अपनी गिरी हुई किताबें और दूसरा सामान उठा रही थी गाड़ी उसके बगल से काफी तेज स्पीड से गुजरी थी इस वजह से ही उसका बैलेंस बिगड़ गया था शायद...

आई एम सॉरी आप ठीक तो हैं, रोहान ने लड़की के पास पहोंच कर पुछा..
रोहान तुम, मोमल ने उसकी आवाज सुनकर अपनी किताब उठाएं बिना ही अपना चश्मा ठीक करते हुए उसकी तरफ देखा..
अरे मोमल तुम.. देखो कितने दिनों बाद मुलाकात हुई तुमसे वैसे तुम यहां अकेली क्या कर रही हो रानिया बाज़ी नही हैं तुम्हारे साथ, रोहान ने थोड़ा खुश होते हुए पुछा..
तुम्हें किताबें नजर नहीं आ रही क्या, मोमल ने बची हुई किताबों को जल्दी से उठाते हुए कहा और आगे चल पड़ी
रोहान भी उसके पीछे हो लिया..
मेरा मतलब की तुम तो हमेशा रानिया बाज़ी के साथ ही जाती हो ना हर जगह इसलिए पुछा मैंने, रोहान ने सफाई देने वाले अंदाज में कहा..
मोमल ने कोई जवाब नहीं दिया तो उसने ही फिर आगे बोलना शुरू कर दिया.. अच्छा तो घर जा रही या कहीं और भी जाना है तुम्हें अभी..
घर ही जा रही हुं,
तो कोई आॅटो या रिक्शा लेलो ना पैदल क्यों जा रही हो,
तुम्हें कोई आॅटो या रिक्शा नजर आ रहा है क्या यहां पर,
मोमल ने चिढ़ते हुए कहा रोहान ने मन ही मन मजा लिया क्योंकि उसने ये मोमल को चिढ़ाने के इरादे से ही कहा था..
अच्छा वैसे मै अपने दोस्त की तरफ जा रहा हूं चलों तुम्हें घर तक छोड़,
सोचना भी मत, रोहान की बात पूरी होने से पहले ही मोमल उसको खबरदार कर चुकी थी..
देखो यार,
यार नहीं हुं मै तुम्हारी,
ठीक है देखो मोमल, रोहान ने भी इस बार थोड़ा खीझते हुए कहा.. देखो तो सही क्या बोल रहा हूं मै...
क्या है दिखाओ, मोमल ने वही रूकते हुए पुछा..
वहीं पर रोहान की कार भी खड़ी थी.
मै बोल रहा हूं थोड़ी दूर पर ही घर है ना मै छोड़ दूंगा तो क्या हो जाएगा और मै आबदा बाजी से भी मिल लुंगा,
हां यही तो मैं भी बोल रही हूं कि थोड़ी दूर पर ही तो घर है फिर मै कार में क्यों बैठूं और वो भी तुम्हारे साथ और जहां तक बात है बड़ी भाभी से मिलने की तो तुम कार से चलो मै पैदल ही ठीक हुं, मोमल ने कहा और फिर से चलना शुरू कर दिया..
वो भी मेरे साथ से तुम्हारा क्या मतलब है कहने का क्या हूं मै हां, रोहान ने मोमल के सामने आकर खड़े होते हुए पुछा वो गुस्से में आ रहा था.
कुछ नही सामने से हटो मेरे, मोमल के पास यकीनन कोई अच्छा जवाब था लेकिन वो बहस को मजीद खिंचना नही चाहती थी..
नही पहले ये बताओ मोमल अहमद के तुम चाहती क्या हो क्यों चिढ़ती हो इतना मुझसे तुम,
मतलब के तुम सड़क पर तमाशा लगाना चाहते हो सड़क पर तमाशा लगाना तुम्हारी आदत होगी रोहान अब्बास हमारे वहां ऐसा नही होता, मोमल ने काफी गुस्से में कहा था सड़क पर तमाशा तो यकीनन लग ही जाता अगर दोपहर का वक़्त होने की वजह से सन्नाटा ना होता तो.. रोहान ने जवाब देना चाहा लेकिन उसकी जुबान से ना जाने क्यों कुछ नहीं निकला रोहान ने मोमल को देखा और उसका रास्ता छोड़ जाकर अपनी कार में बैठ गया..
मोमल अपने रास्ते आगे बढ़ गई और रोहान ने गाड़ी वापस घर की तरफ मोड़ ली क्योंकि खराब मुड में वो कहीं जाना नही चाहता था वैसे तो दोनों की मुलाकात कभी कभी ही होती थी लेकिन जब होती तो नार्मल बातचीत से शुरू हो कर लड़ाई पर ही खत्म होती थीं।


लंच ब्रेक होते ही सारे बच्चे जल्दी जल्दी क्लास रूम के बाहर की तरफ दौड़ पड़े..
और हानिया चुपचाप चेयर पर बैठी खिड़की से आसमान की तरफ देख रही थी इसलिए उसे पता ही नहीं चला कि कब मिस स्नेहा आकर उसके बगल वाली चेयर पर बैठ गयी..

तुम टिफिन क्यों नहीं लेकर आती, मिस स्नेहा ने पुछा
क्योंकि मुझे इस वक़्त भुख ही नहीं लगती, हानिया ने जवाब दिया और बच्चों की कापियों को चेक करने के लिए बैंग से पेन निकाल ली..
चलो फिर मेरे लिए ही ले आया करो वैसे भी मै अपने घर का खाना खा कर बोर हो चुकीं हुं, मिस स्नेहा ने हमेशा की तरह अपने मजाकिया लहजे में कहा..
अच्छा सच में ठीक है फिर कल से ले आया करूंगी, हानिया ने कहा और डेस्क में से कापियों निकालने लगी..
अरे नहीं मजाक कर रही थी मै, चलो कैंटीन समोसे खा कर आते हैं...
नही मुझे कापियां चेक करनी है अभी तुम जाओ,
ठीक है फिर मै भी नहीं जाती हुं तुम्हें पता है ना मुझसे चुप नही रहा जाता और आप के अलावा किसी टीचर में इतनी हिम्मत कहां मिस हानिया के वो मुझे झेल सके,
काफी सारी कापियां है अभी और फिर मुझे होमवर्क भी देना है बच्चों को,
छोड़ो ये सब अब चलो भी ना वैसे भी आधे घंटे का तो लंच ब्रेक होता है उसमें भी दस बीस मिनट तो तू जाएंगे और नही जाएंगे में निकाल देती है,
ठीक है चलो वैसे भी तुम मानने वालों में से थोड़ी ना हो, हानिया ने कहा और मिस स्नेहा के साथ कैंटीन की तरह चल दी।


सालार ने स्कूल से वापस घर की तरफ ड्राइव करते हुए इक नज़र गुमसुम बैठी ऐना पर डाली..

क्या बात है ऐना आप सैड हो,
नही पापा,
फिर आप आज पापा से बात क्यों नहीं कर रही हैं,
पापा हम अब कहीं घूमने क्यों नहीं जाते, ऐना ने कहां
अच्छा तो इसलिए मेरी गुड़िया इतनी गुमसुम है आजकल मै काम में थोड़ा ज्यादा ही मसरूफ होता हुं इसलिए हम कहीं जा ही नही पाते कल संडे है कहां जाना है आपको बताएं कल चलते हैं हम घूमने,
पापा मेरे सारे दोस्त रोज शाम को पार्क जाते हैं क्या हम नही जा सकते, ऐना ने हमेशा की तरह मासुमियत से पूछा.
हम रोज तो नहीं जा सकते लेकिन मै आपके लिए आफिस से जल्दी आने की कोशिश करूंगा इसलिए मै रोज का तो प्रोमिस नही करता लेकिन संडे को हम पक्का पार्क जाया करेंगे ओके,
ओके पापा, ऐना खुश होते हुए कहा तो सालार ने भी मुस्कुरा दिया।


ठीक है तो फिर मंडे को मिलते हैं, हानिया ने आॅटो में बैठते हुए स्नेहा से कहा... जोकि स्कूल के गेट पर खड़ी अपने भाई का वेट कर रही थी वहीं उसे रोज लाकर छोड़ता और लेकर जाता भी था स्नेहा ने हाथ हिलाकर हानिया को बाय किया और फिर आॅटो चालू हो गई।


और भाभी क्या हो रहा है, रानिया ने बड़ी भाभी आबदा के कमरे में दाखिल हो कर बेड पर बैठते हुए पुछा...
कुछ नही बस रिदा का होमवर्क चेक कर रही थी कोई काम है तुम्हें, आबदा ने कापी का पेज पलटते हुए कहा..
नहीं बस ऐसे ही मै सोच रही थी कि कितने दिन हो गए हैं ना आप अपने घर नहीं गई और खाला भी याद कर रहीं होंगी ना आपको,
हां ये तो है लेकिन कुछ दिनों पहले आम्मी आईं थी ना तब ही मिल लिया था उनसे तो इसलिए अभी कोई जाने की जरूरत नही है इतनी,
अच्छा सब लोग कैसे हैं वहां,
सब का छोड़ो तुम्हें किसका हाल जानना है ये बताओ,
आपको तो पता ही है,
हां ठीक है वो भी वैसे तुम्हारी हिम्मत की दांत देनी पड़ेगी सालार के सामने कोई तुम्हारा नाम भी ले लेता है तो वो चिढ़ जाता है और इक तुम हो की पाच साल से पागल हो उसके पीछे,
चिढ़ता है तो चिढ़े है वो मेरा ही है और एक दिन ये बात वो खुद भी मानेगा आप भी देख लिजिए गा,
तुम अभी तक यही सपना देख रही हो, आबदा ने मजाक उड़ाते हुए कहा..

रानिया को गुस्सा तो आया था लेकिन उसे आबदा के मुंह ना लगने में ही समझदारी लगी क्योंकि अगर आबदा उससे चिढ़ गई तो वो कभी भी उसे अपने साथ अब्बास विला नही ले जाने वाली थी,

मेरा बस यही इक सपना ही है भाभी और आप देखिए गा मै इस सपने को हकीकत कैसे बनाती हुं,
हां-हां अच्छा ये तो तुमने पांच साल पहले भी कहां था,
तब हालात कुछ और थे उस वक़्त वो डायन सालार की जिंदगी में थी अब इन पांच सालों में काफी कुछ बदल चुका है,
हां सालार इक अदद बच्ची का बाप बन चुका है और कुछ रिश्ते वाले तुम्हें और इक दो रिश्ते वालों को तुम मना कर चुकी हो मेरी मानो तो अब किसी रिश्ते वाले को मना मत करना मुझे नही लगता की तुम मेरी भावज कभी बन पाओगी,

रानिया काफी बदतमीज थी वो दिल ही दिल में ना जाने आबदा को कितना बुरा भला बोल चुकी थी लेकिन मुंह पर कुछ बोल कर वो सालार तक जाने वाले रास्ते को बंद नही करना चाहती थी..

क्या बात है सदमा लग गया क्या किस सोच में डुब गयी, आबदा ने रानिया को चुप देखकर पूछा..
कुछ नही भाभी जान मै बस ये सोच रही थी की आब तो शानजे भी मेरे रास्ते में नही है सालार बिल्कुल अकेला पड़ गया है अब तो उसे मै जरूर नजर आऊंगी,
अच्छा तो तुम्हें लगता है की अब कुछ हो सकता है, आबदा ने रिदा की कापी उसके बैग में रखकर रानिया की तरफ तव्वजो देते हुए पूछा..
हां अगर आप वहां मेरे लिए बात करें तो शायद कुछ,
क्या! क्या कहा तुमने मै सोचना भी मत वैसे भी मै महीनों बाद अपने मायके जाती हुं अब एकदम बंद करवाओगी क्या मेरा जाना तुम्हें लेकर चली जाती हुं तो सालार चिढ़ जाता है और उसके दिमाग का कोई भरोसा नहीं है, आबदा रानिया की बात पर काफी ज्यादा भड़क गई थी..
ठीक है कोई बात नहीं, रानिया ने कहा...
लेकिन उसने भी मन ही मन तय कर लिया था की आबदा भाभी को तो वो हर कीमत पर अपने लिए बात करने पर मजबुर कर के रहेगी..
रानिया उठी और बाहर की तरफ निकल कर चली गई
सुनो आऐदा को अंदर भेजती हुईं जाना सामेआ के कमरे में होगी, आबदा ने रानिया को कमरे से बाहर निकलते हुए देखा तो आवाज लगाई जिसे रानिया ने सुनकर भी अनसुना कर दिया था क्योंकि वो सिर्फ वही सुनती थी जोकि उसके मतलब की बात हो।


अस्सलाम ओ अलैहकुम आम्मी, हानिया ने घर में दाखिल होते हुए कहा और बैग साइड में रख कर सोफे पर बैठ गयी...
वालेकुम अस्सलाम, आएशा बीबी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया..
खाना खाया अपने,
हां अभी थोड़ी देर पहले ही खाया हमने तुम्हारे लिए निकलवा दु किरन से,
नहीं अभी रहने दें.. किरन नजर नहीं आ रही, हानिया ने चारो तरफ देखते हुए कहा...
छत पर गई है काफी अच्छा मौसम हो रहा है जाओ तुम भी हो आओ,
हानिया छत पर तो नही गयी लेकिन ज़हन में वो काफी पिछे निकल गई थी...

क्या बात है काफी मेहनत हो रही है, अलयान ने हानिया को छत पर से कपड़े उतारते हुए देखकर कहा...
हानिया ने कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि उसने तय कर लिया था जबतक वो इजहार नही सुन लेती अलयान से कुछ नहीं बोलेगी उसे यकीन था की उस दिन अलयान ने जो भी कहा सब झूठ था..
तुम कहीं गयी थी क्या दो हफ्तों से ऊपर नहीं आई तुम और जब बाहर जाता हूं तो भी नजर नहीं आती.. मुझसे छुप रही हो,
अलयान की बात को पूरी तरह अनसुना करते हुए हानिया ने कपड़े उतारना जारी रखा
अब अलयान को बैचेनी होने लगी थी..
नाराज हो जानता हूं मैंने उस दिन जिस तरह तुमसे बात की वो सही नही था लेकिन मै खुद को लेकर तुम्हें कोई ख्वाब नही देखने दे सकता हानि ख्वाब टूटने की तकलीफ़ क्या होती है ये अभी तुम नही जानती,
माफ़ी की जरूरत नहीं है आप के जो दिल में था आप ने वहीं कहा आप तो मुझे पसंद तक नहीं करते और मैंने तो मोहब्बत तक का अंदाजा लगा लिया था, हानिया ने कहा और सीढ़ियों से नीचे उतरने लगी...
अलयान के दिल ने चाहा की हाथ बढ़ा कर हानिया को रोक ले आखिर सच्ची मोहब्बत पर उसका भी कोई हक था इससे पहले उसका दिल उसे मजबूर करता उसने अपना ज़हन दूसरी तरफ मोड़ लिया।

क्या हुआ हानि, आएशा बीबी ने हानिया को खामोश देखकर पुछा..
नहीं कुछ नही मै अपने कमरे में जा रही हुं थोड़ा आराम करने , हानिया ने सोचों से बाहर आते हुए कहा और उठकर रूम की तरफ चल दी।

मोमल अपने कमरे में बैठी नावेल पढ़ रही थी..
और फिर सच्ची मोहब्बत करने वाले हमेशा के लिए एक हो गए... मोमल ने नावेल खत्म करके बेड पर रखते हुए कहा.. बकवास है सब ऐसे लोग थोड़ी ना होते हैं अब जो एक लड़की को पसंद करें उससे मोहब्बत करे और सारी जिंदगी उसके साथ ही गुज़ार दे ऐसे लोग तो नावेल में ही जिंदा रह गए हैं असल जिंदगी में तो रोहान जैसे लोग ही हैं जिनकी एक्स गर्लफ्रेंड भी होती हैं गर्लफैंड भी होती है और फिर हर लड़की को ताड़ते भी रहते हैं...
क्या बात है मोमल गुस्से में लग रही हो, सामेआ ने उसे बड़बड़ाते हुए देखा तो उसके कमरे में आकर पुछा..
हां बाहर से आते वक़्त मुड खराब हो गया सारा,
हां गई तो काफी अच्छे मुड में थी तुम फिर रास्ते में ऐसा क्या हो गया,
रोहान मिल गया था इसलिए, मोमल बेझिझक अपनी हर बात सामेआ से शेयर करती थी क्योंकि बड़ी भाभी से उसकी इतनी बनती नही थी और रानिया को कुछ बताना तो जैसे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना पहले तो उसको कुछ समझ नहीं आएगा और फिर उसके बाद समझेगी तो गलत ही..
उसने कुछ बोला तुम्हें,
वो मुझे क्या बोलेगा मैंने उसे सुना दिया अच्छा खासा अपनी दौलत का रौब दिखाता रहता है हमेशा,
मैं मिली हुं उससे एक दो बार मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगा,
आपने समझा नही है उसे सही से ना अभी समझती हु मै आप ही गौर करें उसको देखें और जरा सालार भाई को देखें,

सालार के बारे में क्या बात हो रही है, रानिया ने कमरे में दाखिल होते हुए पुछा
आप कब से हमारी बातें सुन रही है, मोमल ने रानिया को घूरते हुए पूछा..
सुनो मुझे क्या पड़ी है जो छुपकर बातें सुनूं मै बस अम्मा के कहने पर सामेआ भाभी को बुलाने आई थी समझी,
सामेआ ने सुना और उठकर अपनी सास के कमरे की तरफ चल दी..
रानिया वहीं मोमल के सामने बैठ गयी मोमल ने साइड से न्यूज पेपर उठाया और पढ़ने लगी..
तुमने बताया नही के सालार के बारे में क्या बात हो रही थी,
कुछ नही, मोमल ने रानिया की तरफ देखे बिना ही जवाब दिया..
झूठ क्यों बोल रही हो,
मै झूठ नही बोल रही हुं उनके बारे में कोई बात नहीं हो रही थी बात दूसरी हो रही थी उनका बस जिक्र हुआ था,
तुम मुझसे इतना चिढ़ती क्यों हो बहन हुं तुम्हारी कोई दुश्मन नहीं हुं सामेआ से बहोत हंस हंस कर बाते करती हो,
कभी थोड़ी शर्म कर जाया करें बड़ी भाभी हैं वो, मोमल ने कहा और अखबार मोड़ कर साइड में रख दिया..
मै उसको कुछ नहीं मानती मेरी सिर्फ एक ही भाभी हैं समझी, रानिया ने कहा और मोमल की बेड पर से उठकर खड़ी हो गई..
हां वो भी आपको इतनी अज़ीज़ क्यों है ये मै अच्छे से जानती हुं,
क्या कहना चाहती हो,
कुछ नही, मोमल ने कहा और अपनी किताबें उठाकर कमरे से बाहर निकल गई
रानिया ने मोमल को जाते हुए देखकर बुरा सा मुंह बनाया और अपनी बेड पर लेट कर कुछ दिन पहले आबदा की शादी के एलबम में से चुराई हुई सालार की फोटो अपनी तकिया के नीचे से निकाल कर निहारने लगी।



क्या रानिया का पागलपन सालार को उसका बना कर छोड़ेगा???

और हानिया आखिर कब तक बीते कल और आज को लेकर जीती रहेगी??

और हां हमारे दो लड़ाकू किरदार मोमल और रोहान क्या इनकी कभी दोस्ती हो पाएगी

अगले भाग में आपको सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे... तब तक के लिए बाएं।