Khavabo ke pairhan book and story is written by Santosh Srivastav in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Khavabo ke pairhan is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ख्वाबो के पैरहन - उपन्यास Santosh Srivastav द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 370 55.1k Downloads 123.2k Views 67 Likes Writen by Santosh Srivastav पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण चूल्हे के सामने बैठी ताहिरा धीमे-धीमे रोती हुई नाक सुड़कती जाती और दुपट्टे के छोर से आँसू पोंछती जाती अंगारों पर रोटी करारी हो रही थी खटिया पर फूफी अल्यूमीनियम की रक़ाबी में रखी लहसुन की चटनी चाटती जा रही थी- “अरी, रोटी जल रही है..... दे अब रोती ही जाएगी क्या?” ताहिरा ने आँखें पोंछीं और रोटी की राख झाड़ फूफी को पकड़ा दी.....बस, आख़िरी दो लोई बची है फूफी हमेशा अंत में खाती हैं, जब सब खा चुकते हैं More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2025 Best Novels of 2025 Best Novels of January 2025 Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels ख्वाबो के पैरहन - 1 New चूल्हे के सामने बैठी ताहिरा धीमे-धीमे रोती हुई नाक सुड़कती जाती और दुपट्टे के छोर से आँसू पोंछती जाती अंगारों पर रोटी कर... Read Free Novels ख्वाबो के पैरहन - 2 New उदास ताहिरा अँधेरे में भी पेड़ के नीचे बैठी रही बीच-बीच में आँखें भर आतीं फैयाज़ का मुस्कुराता चेहरा आँखों के समक्ष डोल... Read Free Novels ख्वाबो के पैरहन - 3 New जैसे कुर्बानी से पहले बकरे को हार-माला, तिलक से सजाया जाता है ताहिरा को भी सजाया जा रहा था पिछली रात मेंहदी की रस्म हुई... Read Free Novels ख्वाबो के पैरहन - 4 New धूप कमरे में आ चुकी थी निक़हत फूफी को झंझोड़ रही थी “उठिए फूफी जान.....देखिए कितना दिन चढ़ आया है ” फूफी घबराकर उठ बैठीं... Read Free Novels ख्वाबो के पैरहन - 5 New फूफी को ताहिरा के क़दमों की चाप देर तक टकोरती रही ज़ेहन में उस चाप की टकोर से वेदना उठी .....मन अपराधी हो स्वयं से गवाही... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>