इस कहानी के चौथे भाग में, फूफी सुबह उठती हैं और उन्हें अपनी पिछली रात की यादें आती हैं, जिसमें उन्होंने शाहजी को ताहिरा के कमरे में देखा था और कई भावनाओं का सामना किया था। उन्हें इस बात का अहसास होता है कि वह ज्यादा सो गई हैं, जबकि उनके परिवार में सुबह जल्दी उठने का रिवाज है। फूफी गुसलखाने में जाती हैं और आईने में अपने आप को देखकर शर्माती हैं। वह नहाकर बाहर आती हैं और शांताबाई उनसे चाय के साथ बातचीत करती हैं। शांताबाई फूफी को बताती हैं कि उनकी भतीजी और शाहजी अभी तक सोए हुए हैं, जबकि परिवार में सबको एक साथ नाश्ता करने का रिवाज है। फूफी चिंतित होती हैं क्योंकि यह उनकी पहली रात है और उन्हें घर के रिवाजों के बारे में जानकारी नहीं है। शांताबाई उन्हें बताती हैं कि बड़ी बेगम हमेशा परेशान रहती हैं और मँझली बेगम की बीमारी के बारे में भी चर्चा होती है। फूफी और शांताबाई के बीच यह संवाद घर के अंदर के जटिल रिश्तों और परंपराओं को उजागर करता है। ख्वाबो के पैरहन - 4 Santosh Srivastav द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 8.7k 3.6k Downloads 7.9k Views Writen by Santosh Srivastav Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण धूप कमरे में आ चुकी थी निक़हत फूफी को झंझोड़ रही थी “उठिए फूफी जान.....देखिए कितना दिन चढ़ आया है ” फूफी घबराकर उठ बैठीं..... रात कब तक जागती रहीं, याद नहीं..... शाहजी को ताहिरा के कमरे में दाखिल होते देखा था..... फिर यादों के झंझावात में कितनी ही देर वे जागती रहीं थीं..... न जाने कितनी बातों को लेकर वे रोई थीं..... गालों पर आँसू सूख गए थे, शायद रोते-रोते सोई होंगी या अल्लाह! ऐसे तो वे कभी नहीं सोईं? भाईजान के घर में तो पाँच बजे से ही काम शुरू हो जाते थे, न जाने कैसे वह इतना सोती रही Novels ख्वाबो के पैरहन चूल्हे के सामने बैठी ताहिरा धीमे-धीमे रोती हुई नाक सुड़कती जाती और दुपट्टे के छोर से आँसू पोंछती जाती अंगारों पर रोटी करारी हो रही थी खटिया पर फूफी अ... More Likes This वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika दरवाज़ा: वक़्त के उस पार - 1 द्वारा Naina Khan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी