ख्वाबो के पैरहन - 4 Santosh Srivastav द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Khavabo ke pairhan द्वारा  Santosh Srivastav in Hindi Novels
चूल्हे के सामने बैठी ताहिरा धीमे-धीमे रोती हुई नाक सुड़कती जाती और दुपट्टे के छोर से आँसू पोंछती जाती अंगारों पर रोटी करारी हो रही थी खटिया पर फूफी अ...

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