My unique journey to diamond planet book and story is written by Hareesh Kumar Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. My unique journey to diamond planet is also popular in रोमांचक कहानियाँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मेरी डायमंड ग्रह की अनोखी यात्रा - उपन्यास
Hareesh Kumar Sharma
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
नमस्कार दोस्तों, आप सभी का मेरी एक नयी कथा श्रेणी में स्वागत है। तो चलिए शुरू करते हैं आज का एक रोमांचक सफ़र ।एक दिन, मैैं बाजार से सामान खरीदने के बाद अपने घर की तरफ लौट रहा था, तभी रास्ते में मैंने एक दुकान में ब्रह्मांड का मॉडल रखा हुआ देखा। और मैं उस मॉडल को नजदीक से देखने के लिए उसके पास गया तो उसमें साफ-साफ सुुुुर्य , शुक्र , मंगल , पृथ्वी और भी बहुत सारे ग्रह दिख रहे थे। मैं उस मॉडल को देखकर ये सोचने लगा कि यार इतने सारे ग्रह किसने खोजे होंगे। वो
नमस्कार दोस्तों, आप सभी का मेरी एक नयी कथा श्रेणी में स्वागत है। तो चलिए शुरू करते हैं आज का एक रोमांचक सफ़र ।एक दिन, मैैं बाजार से सामान खरीदने के बाद अपने घर की तरफ लौट रहा था, ...और पढ़ेरास्ते में मैंने एक दुकान में ब्रह्मांड का मॉडल रखा हुआ देखा। और मैं उस मॉडल को नजदीक से देखने के लिए उसके पास गया तो उसमें साफ-साफ सुुुुर्य , शुक्र , मंगल , पृथ्वी और भी बहुत सारे ग्रह दिख रहे थे। मैं उस मॉडल को देखकर ये सोचने लगा कि यार इतने सारे ग्रह किसने खोजे होंगे। वो
मैं राजा जॉजफ की सेना मेरी मदद के लिए वहां से चल पड़ी थी। और मैं वहां दुश्मन राज्य की सेना को युद्ध ना करने के लिए विनती कर रहा था। मैंने उन लोगों को बहुत समझाया, बहुत विनती ...और पढ़ेलेकिन वो लोग तो समझने के लिए तैयार ही नहीं थे, मानो दुश्मन सेना सिर्फ युद्ध के लिए ही आयी थी। अब मैं मजबूर था उनके साथ युद्ध करने के लिए। कुछ ही देर बाद राजा जॉजफ की सेना भी वहां पहुंच गयी । लेकिन जब तक हमारी सेना मेरे पास पहुंची तब तक दुश्मन राज्य की सेना ध्वश्त हो
कुछ ही दिनों में मैंने और रशियन अंतरिक्ष यात्री ने अपने-अपने अंतरिक्षयानों को पूरी तरह से ठीक कर लिया था। लेकिन अब वहां के लोगों से मेरा बहुत लगाव हो गया था। मेरा बिल्कुल भी उस ग्रह को छोड़कर ...और पढ़ेका मन नहीं था। लेकिन फिर दिमाग में आया कि यार मेरा वहां भी तो परिवार है। वो लोग भी मुझे बहुत याद करते होंगे इसलिए मुझे यहां से जाना तो पड़ेगा। फिर रात को जब मैं और रशियन अंतरिक्ष यात्री लेटे हुए थे तो मैंने उससे पूछा कि कुछ सालों पहले भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने एक मिशन
मैं उनके ऑफिस गया वहां पर जब मैं पहुंचा तो सबसे पहले मुझे अंकल ही मिले। उनका नाम समीर चौहान था। समीर अंकल मेरे पास आए और मुझसे कहा कि-" बेटा उस दिन के लिए सॉरी , मुझे पता ...और पढ़ेथा कि सच में तुम्हें इसके बारे में पता है।" मैंने बोला कोई बात नहीं अंकल यही चक्रवात अभी 4 बार और आयेगा। आप फिर से इसपर रिसर्च कर सकते हो । फिर समीर अंकल मुझे अपनी रिसर्च टीम के पास लेकर गये । उनके हैड-सर ने सबसे पहला सवाल मुझसे ये पूंछा कि बेटा आपको इस चक्रवात के बारे
जब वो सभी आदिवासी लोग मुझे अकेला छोड़कर बाहर चले गए, तो मैंने वहां से पलटकर नीचे गिर गया और मेरी कांच की रस्सी टूट गई। मैं तुरंत खड़ा हुआ और बिना कुछ सोचे-समझे वहां से भाग निकला, और ...और पढ़ेमैं सीधा अपने अंतरिक्ष यान में जाकर बन्द हो गया। मैं अंदर बैठकर सोचने लगा कि यार अगर अब मैं बाहर निकला तो ये लोग पक्का मुझे खा जायेंगे। लेकिन जब उन लोगों को पता चला कि मैं उनके चंगुल से निकल कर भाग गया हूं, तो वो लोग मुझे ढूंढते हुए मेरे अंतरिक्षयान के पास आ गये। मैंने उन्हें