मेरी डायमंड ग्रह की अनोखी यात्रा - 6 Hareesh Kumar Sharma द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी डायमंड ग्रह की अनोखी यात्रा - 6

भाईसाहब जब उसने बोला ना कि आ गये तुम , तो मेरी सांस गले में ही अटक गई थी। लेकिन मेरी सांस में सांस तब आई जब मैंने देखा कि वो कमीना सोता हुआ सपने में बडबडा रहा था। मुझे फिर उसके ताज 👑 को ढूंढने की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उसनेेेे अपना ताज 👑 अपने तकिए के सहारे रखा था। मैं तुरंत उस ताज 👑 में से वो नीला डायमंड 💎 निकालने लगा। तभी उसने मेेरी तरफ एक अंंगडाई ली। यार मैं डर‌ तो पहले से ही रहा था ऊपर से वो राजा नींद में उल्टे-पुल्टे काम कर रहा था। मैं मन में सोच रहा था कि यार इतना तो किसी हॉरर फिल्म के हीरो को भी डर नहीं लगता होगा जब वो भूूत 👻 को देखता है जितना कि मुझे अभी डर लग रहा है। लेकिन मैंने हिम्मत करके उस नीले डायमंड 💎 को छू लिया। वो डायमंड तुरंत मेेेरे शरीर में घुल गया। फिर मैं वहां से राज दरबार में तीसरे डायमंड को लेने के लिए गया। मैं वहां सैनिकों से छुुपते-छुपातेे पहुंच गया। और वहां जाते ही मैंने उस लाल डायमंड को छू लिया। लेेकिन जैसे मैंने उसे छूआ तो उसमें से एक तेज रौशनी के साथ तरंग निकली जिससे राज्य के सभी लोग ठीक हो गये। पर अभी तक उस क्रुर राजा को कुछ भी पता नहीं चला, वो तो अभी तक अपनी नींद में मस्त था। फिर मैंने और सेनापति जी ने मिलकर रातों-रात व्यवस्था बनाई, और राज्य को पहले की तरह व्यवस्थित कर दिया। मेरे दिमाग में एक बात आई। मैंने सेनापति जी से कहा कि जब वो राजा नींद से जागे तो उसे यह अहसास मत होने देना कि अब सब कुछ ठीक है। और अगर वो आपमें से किसी को कोई भी आदेश दे तो तुरंत उसे एक थप्पड़ जड़ देना। सेनापति जी ने कहा कि ठीक है हम सभी ऐसा ही करेगें। सुबह होने पर राजा की नींद खुली तो उसने एक दास से चाय देने का आदेश दिया। उस दास ने मेरे कहने के अनुसार राजा में एक थप्पड़ जड़ दिया। राजा क्रोधित हो उठा , उसने आवाज लगाई कि-" सैनिकों यहां आओ, इस बत्तमीज दास ने मेरे आदेश की अभेलना की है इसलिए इसे कैद-खाने में डाल दिया जाये।" वहां पर 4 सैनिक आए थे, फिर जब उन्हें आदेश मिला तो उन्होंने भी एक-एक थप्पड़ जड़ दिया। तभी पीछे से सेनापति जी आ गये। राजा ने सेनापति जी से कहा कि -" सेनापति, ये सभी देशद्रोही हैं। इन सभी को सजा-ए-मौत दी जाए।" फिर तो सेनापति जी ने भी राजा के गाल पर अपना हाथ साफ कर ही दिया। राजा ने गुस्से में आकर अपना ताज 👑 पहना और उन लोगों पर फिर से जादू करने की कोशिश करने लगा। लेकिन अब उसके ताज 👑 में वो नीला डायमंड 💎 ही नहीं था तो वो उसके बिना कोई जादू ही नहीं कर पाया। तब सेनापति जी ने सैनिकों को आदेश दिया कि इसको बन्दी बनाकर दरबार में पेश किया जाए। वो सैनिक उस राजा को बन्दी बनाकर दरबार में लेकर पहुंचे जहां राज-सिंहासन पर राजा जॉजफ बैठे हुए थे। वो सभी को ऐसे देखकर अचंभित था। लेकिन राजा जॉजफ ने कहा कि आप अचंभित ना हों मैं बताता हूं तुम्हें सारी कहानी। फिर राजा जॉजफ ने उसे सारी कहानी सुनाई और बाद में उसे सजा-ए-मौत सुना दी। और मेरा भी आज पृथ्वी पर वापस लौटने का अंतिम दिन था। मैंने राजा जॉजफ से कहा कि राजा साहब अब मुझे बताइए कि इन डायमंडों को मेरे शरीर से वापस बाहर कैसे निकालना है? राजा जॉजफ ने मुझसे कहा कि-" अब ये डायमंड तुम्हारे शरीर से कभी भी बाहर नहीं निकल सकतें हैं। अब से ये तुम्हारे शरीर में घुल चुके हैं और इनकी सारी शक्तियां तुम्हें मिल चुकीं हैं। मैंने कहा-" लेकिन राजा साहब मुझे तो आज वापस पृथ्वी पर जाना है। और आज तो आखिरी बार वो चक्रवात बनेगा जिससे मैं यहां आ जा सकता हूं। राजा जॉजफ🤴 मुझसे बोले कि तुम्हें अब से उस चक्रवात🌪️ के बनने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि तुम अब हमारे ग्रह🌕 से जुड़ चुके हो। तुम कभी भी उस चक्रवात को बना सकते हो। हमारे यहां ही नहीं बल्कि तुम कहीं भी आ जा सकते हो। फिर राजा जॉजफ🤴 ने कहा कि माफ करना हमने अभी तक आपका नाम तो पुछा ही नहीं। तभी सेनापति जी ने कहा कि इनका नाम पुछने से क्या फायदा मैंनेे तो इनका नाम तो सोच लिया है।
राजा जॉजफ- क्या नाम सोचा है?
सेनापति जी- इन्होंने हमारे राज्य की खुशहाली वापस हमें लौटाई है। तो मैं तो इन्हें सुपर हैप्पी के नाम से पुकारुंगां।

राजा जॉजफ- हां, यही अच्छा है।
मैं- आप मुझे किसी भी नाम से पुकारो। लेकिन मैं एक बात बताऊं मेरा हरीश कुमार शर्मा है और मेरा दूसरा नाम पहले से ही हैप्पी है।
राजा जॉजफ- तो ये तय‌ रहा कि आज से तुम्हें डायमंड ग्रह के लोग सुपर हैप्पी ही बोलेंगे।
मैं- जैसी आपकी इच्छा, आप मुझे जिस भी नाम से बुलाना चाहते हैं बुला सकते हैं। अभी मुझे आज्ञा दीजिए।
राजा जॉजफ- ठीक है, आप अब जा सकते हैं। लेकिन हमारी एक बात हमेशा याद रखना, जो भी शक्तियां तुम्हें मिलीं हैं उनका इस्तेमाल हमेशा सभी की भलाई के लिए करना। और पृथ्वी पर ही नहीं बल्कि जिस भी ग्रह पर तुम्हारी मदद की आवश्यकता हो तो तुम उनकी मदद जरूर करना।
मैं- जी राजा साहब मैं आपको वचन देता हूं कि मैं अपनी शक्ति हमेशा सभी लोगों की भलाई के लिए प्रयोग करुंगा।
राजा जॉजफ- हमें आपसे यही उम्मीद थी।अब आप निश्चिंत होकर वापस अपनी पृथ्वी पर जा सकते हैं।
मैं- जी धन्यवाद।
सेनापति जी- जल्दी ही वापस आना।
मैं- जी जरुर
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फिर मैं वहां से सभी से विदा लेकर अपने अंतरिक्ष यान 🚀 पर पहुंचा जो राज्य से बाहर खड़ा हुआ था। मैंने अपने अंतरिक्ष यान 🚀 में बैठकर वो चक्रवात 🌪️ बनाया और चल दिया अपनी धरती 🌍 की तरफ चल दिया। लेकिन अभी तक मुझे ये पता 🤔 नहीं था कि आखिर मुझमें शक्तियां हैं कौन-सी? लेकिन फिर मैंने सोचा कि घर जाकर आराम से अपने अंदर की शक्तियों 🌠 को देखुगां। मैं थोड़ी ही देर में पृथ्वी पर वापस पहुंच गया। मैंने हिंद महासागर में लैण्डिगं की उसके बाद मुझे वहां से सीधे हास्पिटल ले जाया गया जहां मेरी जांच की गई। लेकिन डॉक्टरों👩‍⚕️ को मेरी जांच में मेरी शक्तियों के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया। मेरी जांच के बाद मुझे इंक्वारी के लिए बुलाया गया और मुझसे बीते चार दिनों में जो भी हुआ सारी जानकारी ली। लेकिन मैंने उन लोगों को आधे से ज्यादा बातें झूठ बतायीं थी। क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि डायमंड ग्रह के लोगों के लिए हम इंसान कोई मुसीबत बन जायें। फिर मुझे कुछ दिनों तक उन लोगों ने अपनी निगरानी में रखा। 4_5 दिनों तक मेरी रोज जांच की जाती थी। लेकिन उन डॉक्टरों को मेरी शक्तियों के बारे में पता नहीं चल पाया। फिर 4_5 दिनों बाद मुझे अपने घर जाने की इजाजत मिल गई। जब मैं घर पर पहुंचा तो बाहर ही मम्मी पापा खड़े हुए मेरा इंतजार कर रहे थे। मैं भागकर उनके पास गया और उनके पैर छुए। फिर पापा मुझे अंदर लेकर गये। और मैंने उस पेट भरके खाना खाया, क्योंकि पिछले कई दिनों से कैप्सूल खाकर काम चलाना पड़ रहा था। शाम के टाइम 🕰️ जब मैं और पापा कमरे में लेटे हुए थे तो पापा मुझसे वहां के बारे में पूछने लगे।
पापा- अब बता बेटा वहां क्या-क्या हुआ? दिन में तो बिज़ी थे। लेकिन अब आराम से बता।
मैं- पापा मैं आपको बता दूंगा लेकिन आप भी प्रोमिस करो कि आप ये बात किसी को भी नहीं बताओगे।
पापा- ऐसा क्या हुआ वहां पर? जो किसी को न बताऊं।
मैं- पहले आप प्रोमिस तो करो। फिर बताता हूं।
पापा- अच्छा ठीक है। मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा। अब तो बताओ।
मैं- अच्छा ठीक है सुनो, मेरे पास बहुत सारी शक्तियां हैं।
पापा- अच्छा ( पापा को मेरी बात पर विश्वास नहीं किया।) , चलो तो कोई शक्ति मुझे भी दिखाओ।
मैं- हां अभी रुको, पहले अपनी आंखें बंद करो। फिर जब मैं बोलुंगा तब आप आंखें खोलना।
पापा- ओके।
मैं- चीटींग मत करना।
पापा- ओके बाबा, अब शक्ति तो दिखाओ!
मैं- ओके.. 3_2_1.. अब आप अपनी आंखें खोल सकते हो।

जब पापा ने अपनी आंखें खोली तो वो चौंक गए। क्योंकि मैंने अपने कमरे को एक सुंदर से हिल स्टेसन🏞️🏔️ में बदल दिया था। फिर पापा को मेरी बात पर विश्वास हो गया।

पापा- ये कैसे किया तूने!!!
मैं- मेरे पास और भी एक नहीं बल्कि अनगिनत शक्तियां हैं।
पापा- और कौन-कौन सी शक्तियां हैं?
मैं- ये तो अभी तक मुझे भी नहीं पता। लेकिन राजा जॉजफ 🤴 ने मुझसे कहा था कि तुम्हें धीरे-धीरे सारी शक्तियों का पता लग जाएगा। जब मैं उनसे मिलने के लिए जाऊंगा तो उनसे पूछकर आऊंगा।
पापा- लेकिन तू तो बोल रहा था कि ये चक्रवात 🌪️ सिर्फ 6 बार बनता है और 6 बार तो बन चुका है।
मैं- नहीं, अब मैं कभी भी वो चक्रवात 🌪️ बना सकता हूं। और उस चक्रवात के सहारे इस ब्रह्मांड में कहीं भी आ जा सकता हूं।
पापा- क्या?? मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया।🤯
मैं- अच्छा, आप कोई जगह बताओ। जहां आप जाना चाहते हो।
पापा- अममममम... गोवा बीच🏖️ पर।
मैं- ठीक है।

मैंने वहीं पर अपनी अंगुली धरती पर गोल-गोल घुमाना शुरू किया तो वहां एक चक्रवात🌪️ बन गया। फिर मैंने पापा से कहा कि आप बस मेरे पीछे-पीछे आ जाओ। पापा ने कहा कि ठीक है, चलो। फिर मैं उस चक्रवात 🌪️ में चला गया और पापा भी मेरे पीछे उसमें आ गये। और फिर हम दोनों उस चक्रवात 🌪️ से सीधे गोवा बीच 🏖️ पर निकले।

मैं- टन-टणां।
पापा- अरे, मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है।
मैं- पर ये सब सच है।
पापा- वैसे मजा ही आ गया। तुम तो सुपर हीरो बन गए।
मैं- नहीं, पापा उन लोगों ने मेरा नाम सुपर हैप्पी रखा है।
पापा- सुपर हैप्पी , वाकयी ये तो बहुत अच्छा नाम है।
मैं- जानता हूं।
पापा- चलो अब घर चलें !
मैं- ठीक है।

मैंने वहां पर चक्रवात 🌪️ बनाया और हम दोनों वहां से घर चले गए। फिर हम दोनों घर पर जाने के बाद आपस में एक-दूसरे से हसी मजाक कर रहे थे तभी मम्मी कमरे में आ गयी।

मम्मी- किस बात पर इतना खुश हो रहें हो बाप बेटे।
पापा- अरे खुश होने की तो बात है।

मैंने बीच में ही उन्हें रोकते हुए कहा कि-" हां , खुशी की तो बात है कि मैं वापस लौट आया हूं।" मैंने पापा को इशारा करते हुए उनको प्रोमिस याद दिलाया।

पापा- हां, यही तो.. यही तो खुशी की बात है।
मम्मी- ठीक है, आप लोग हसो आराम से।
पापा- अब बेटा तू सो जा सुबह जल्दी उठकर घूमने के लिए चलेंगे।
मैं- ठीक है, कल मैं तुम्हें डायमंड ग्रह 🌕 पर घुमाकर लाऊंगा।
पापा- ठीक है, पर अभी सो जा। ओके गुड नाईट 🌌🌉।
मैं- गुड नाईट पापा 🌌🌉।

ये कहकर पापा मेरे रूम की लाइट बंद करके अपने रूम में चले गए । और मैं सो गया। अगले दिन सुबह में जब मेरी आंख खुली तो पापा मेरे पास ही बैठे थे।

पापा- गुड मॉर्निंग बेटा 🌄🌅 ।
मैं- गुड मॉर्निंग पापा 🌅🌄 । पर आप यहां कैसे?
पापा- अबे, कल रात तुने ही तो बोला था कि सुबह में डायमंड ग्रह 🌕 पर घुमाकर लाएगा। मुझे तो रात ठीक से नींद भी नहीं आई थी।
मैं- अच्छा ठीक है, अभी चलते हैं। लेकिन उससे पहले मैं फ्रैस होकर आता हूं। ओके !
पापा- ओके जाओ, बट जल्दी आना।
मैं- 😊😊 ओके।

फिर मैं फ्रैस होकर आया । तभी मम्मी ने बुला लिया कि चलो अब ब्रेकफास्ट कर लो । मैंने मम्मी से मना कर दिया कि मम्मी मुझे अभी भूख नहीं है। और वैसे भी मैं और पापा बाहर घूमने जा रहे हैं, तो आकर खाएंगे। मम्मी ने कहा कि ठीक है जाओ पर जल्दी वापस आ जाना । मैंने कहा कि ठीक है हम आ जाएंगे। फिर मैं जल्दी से भागकर अपने रूम में गया।


आगे क्या हुआ? क्या मैं और पापा डायमंड ग्रह 🌕 पर जा पाए या नहीं ? ये जानेंगे अगले पार्ट में। लेकिन इस पार्ट में हमें एक सुपर हीरो मिल गया है। जिसका नाम है-" सुपर हैप्पी " । और अब से होगा हमारा सफ़र शुरू तो अपनी शीट-बैल्ट कस लीजिए। तो अभी के लिए नमस्कार 🙏

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इस कहानी से सम्बन्धित यदि आपका कोई सुझाव या शिकायत है तो आप मुझे WhatsApp कर सकते हैं मेरा WhatsApp नं. 91-6398908295 है।
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© Hareesh Kumar Sharma