My unique journey to diamond planet - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

मेरी डायमंड ग्रह की अनोखी यात्रा - 7

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मैं भागकर अपने कमरे में भागकर और जाकर मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। फिर मैंने वो चक्रवात 🌀 बनाया और मैं और पापा उसके अंदर चले गए। उस चक्रवात 🌀 को बनाने के लिए हमें उस जगह का नाम सोचना होता है जहां हमको जाना है। और इसके साथ-साथ अपने दांयें हाथ ☝️ की एक अंगुली को गोल-गोल घुमाना होता है, फिर चक्रवात 🌀 बन जाता है और हम कहीं भी आ जा सकते हैं। जब मैं और पापा उस चक्रवात 🌀 के अंदर चले गए तो हम सीधे महल के द्वार पर निकले । वहां पर पहले से ही सेनापति जी 💂 खड़े हुए थे। मैंने सेनापति जी को नमस्कार किया और पापा ने भी हिचकिचाते हुए सेनापति जी 💂 को नमस्कार किया। मैंने पापा को सेनापति जी 💂 से मिलवाया और उन्हें बताया कि इन्होंने ही मेरा नाम सुपर हैप्पी रखा था।

मैं- सेनापति जी आपको कैसे पता चला कि मैं आ रहा हूं?
सेनापति जी 💂- जब मैंने यहां चक्रवात 🌀 देखा तो मैं समझ गया कि सुपर हैप्पी आ रहा है। इसलिए मैं यहां पहले ही आ गया तुम्हें महल 🏰 ले जाने के लिए।
मैं- धन्यवाद लेकिन मैं अभी महल 🏰 नहीं जा सकता हूं।
पापा- ओए हरीश, ।
मैं- हां पापा बोलो ।
पापा- जब हम यहां तक आए हैं तो हम महल 🏰 क्यों नहीं जाऐगे। चल महल 🏰 चल।
सेनापति जी 💂- हां, महल 🏰 चलिए सुपर हैप्पी
मैं- माफ करना सेनापति जी 💂 मैं तो बस आपसे मिलने के लिए ही आया था। महल 🏰 फिर कभी चलुंगा। लेकिन अभी मुझे वापस जाना है।
पापा- लेकिन क्यों? इतना जल्दी वापस क्यों जाना है?
मैं- पापा , पहले अपनी घड़ी 🕗 में टाइम तो देखो। मेरे स्कूल जाने का टाइम हो रहा है। अगर हम अभी महल 🏰 गये तो मैं स्कूल 🏫 के लिए लेट हो जाउंगा।
पापा- अच्छा.. ठीक है चल वापस ।

मैंने सेनापति जी 💂 से नमस्कार किया और फिर मैं और पापा वहां से वापस अपने कमरे में लौट आए। पापा मुझसे थोड़े से नाराज़ थे।

मैं- पापा आप नाराज़ क्यों हो?
पापा- तू डेली तो स्कूल 🏫 जाने के लिए आना-कानी करता है। और आज स्कूल 🏫 जाने के लिए मुझे महल 🏰 भी नहीं जाने दिया।
मैं- पापा आप परेशान क्यों होते हो वैसे भी मैं वहां कभी भी आ-जा सकता हूं। फिर कभी दोबारा चलेंगे तो महल 🏰 देख लेना।
पापा- चल ठीक है। तो तू अभी स्कूल 🏫 के लिए तैयार हो जा।
मैं- ओके पापा ।

फिर मैं स्कूल 🏫 के लिए और पापा आफिस🏢 के लिए तैयार हो गए। मैं ब्रेकफास्ट 🥣 करने के बाद स्कूल 🏫 चला गया। अब रास्ते 🚌 में जाते टाइम नये-नये मस्ती करने के आइडिया आया रहे थे। लेकिन मुझे अभी तक नहीं पता था कि मेरे पास कौन-कौन सी शक्तियां ⚡ हैं? लेकिन फिर मैंने सोचा कि चलो आज मस्ती के साथ-साथ ये भी पता चल जाएगा कि मेरे पास कौन-कौन सी शक्तियां ⚡ हैं। मैं स्कूल 🏫 जाने के बाद अपनी क्लास में पहुंच गया। वहां मैंने अपने 3 दोस्तों ( ललित, राजा और नीलम ) को अपने पास बुलाया और उनसे कहा कि आज मैं तुम तीनों 👬 को आज कोई मैजिक दिखांऊं ।

राजा- ओए तू कब से जादूगर 👼 बन गया?
मैं- तुम बस ये बताओ , देखना है या नहीं?
ललित- हां देखना है ।
नीलम- वैसे कौन सा मैजिक दिखायेगा?
मैं- चलो क्लास में चलो फिर दिखाता हूं।
राजा- ठीक है चलो तो फिर।

हम चारों एक खाली रूम में गये। और वहां जाकर मैंने उन तीनों से पुछा कि बताओ तुम तीनों कहां जाना चाहते हो?

नीलम- मैं कहीं नहीं जाने वाली। मैंने आज तक कोई बंक नहीं मारी है। तो तुम तीनों चले जाओ मैं नहीं जाऊंगी।
मैं- अरे हम कहीं बंक पर नहीं जा-रहे हैं। हम यहीं रहेंगे। बस मैं ये पूछ रहा हूं कि तुम कहां जाना चाहते हो?
ललित- चांद 🌘 पर बोलेंगे तो चांद 🌘 पर लेके चलेगा।
मैं- चलो ठीक है अपनी-अपनी आंखें 👁️ बंद करो।
राजा- क्यों ?
मैं- यार कितने सवाल करते हो तुम? मैं बोल रहा हूं आंख 👁️ बंद करो तो करो ना।
नीलम- कर लो ना आंख 👁️ बंद। क्या परेशानी है?

तब उन तीनों ने अपनी-अपनी आंखें 👁️ बंद कर लीं। मैंने तुरंत ही उस कमरे को चांद 🌘 की सतह में परिवर्तित कर दिया। मतलब वहां उस कमरे की जगह पर उन तीनों को ऐसा दिख रहा था कि हम चारों चांद 🌘 पर खड़े हैं। जब उन तीनों ने अपनी आंखें 👁️ खोलीं तो वो तीनों दंग रह गए। उन्हें दिख रहा था कि हम चांद 🌘 पर खड़े हैं।

ललित- ओए हम सच में चांद 🌘 पर हैं क्या ?
मैं- हां , क्यों कोई शक है क्या ?
राजा- तू पहले मुझमें एक थप्पड़👋 मार। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि हम सच में चांद 🌘 पर खड़े हैं।

मैंने तुरंत राजा के गाल पर एक थप्पड़ 👋 जड़ दिया।

मैं- अब तो विश्वास हो गया।
राजा- हां यार हम तो सच में चांद 🌘 पर हैं।
नीलम- बट यार मुझे एक बात समझ नहीं आ रही है।
मैं- क्या ?
नीलम- यार साइंन्टिस्ट 👩‍🔬 लोग तो बोलते हैं कि चांद पर हवा 🌬️ और पानी 💦 नहीं हैं। लेकिन हम तो यहां आराम से सांस ले पा-रहे हैं।
मैं- अरे बुध्दुओ मैंने अभी क्या बोला था। हम अभी रूम में ही हैं बस हम चारों को रूम की जगह चांद 🌘 दिख रहा है।

लेकिन जब हम चारों आपस में बात कर रहे थे तभी स्कूल 🏫 का चपरासी उसी रूम के बाहर से गुजर रहा था। जब उसने रूम के अंदर से बात करने की आवाज सुनी तो उसने सोचा कि ये रूम तो खाली रहता है। फिर इसके अंदर कौन बात कर रहा है? चपरासी ने यही जानने के लिए खिड़की से रूम के अंदर झांका तो उसको भी चांद 🌘 ही दिख रहा था। लेकिन वो हम चारों को नहीं देख पाया क्योंकि हम दरवाजे के साइड में थे। चपरासी तुरंत इस बात को बताने के लिए प्रिंसीपल के आफिस में गया। और उसने सारी घटना प्रिंसीपल को बताई।

प्रिंसीपल- आज रात नींद पूरी नहीं हुई क्या तुम्हारी ? जो तुम ऐसी बहकी-बहकी बातें कर रहे हो।
चपरासी- बट सर मैं सच बोल रहा हूं।
प्रिंसीपल- तुम्हारा दिमाग खराब है क्या? ऐसा भी कभी हो सकता है क्या ?
चपरासी- अच्छा ठीक है सर आपको मुझपर विश्वास नहीं हो रहा ना तो आप खुद ही चलकर अपनी आंखों 👁️ से देख लीजिए।
प्रिंसीपल- ठीक है चलो। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो?
चपरासी- सर आप चलिए तो सही। मैंने अपनी आंखों 👁️ से देखा है । वहां ऐसा ही है।
प्रिंसीपल- चलो देखते हैं।

तभी हम पीरियड बैल 🔔 बज गई। तो मैंने अपने तीनों दोस्तों से कहा कि अब क्लास चलें। तो फिर मैंने मैजिक खत्म किया और हम चारों अपनी क्लास में चले गए। हमारे जाने के बाद वहां पर चपरासी प्रिंसीपल सर को लेकर आ गया। प्रिंसीपल सर ने दरवाजा खोला तो अंदर सब कुछ पहले जैसा ही था।

प्रिंसीपल- क्या है यहां? सब तो खाली है।
चपरासी- लेकिन सर थोड़ी देर पहले तो मैंने यहां कुछ और ही देखा था।
प्रिंसीपल- तुम्हें पता भी है कि तुमने मेरे साथ-साथ ‌‌‌ब‌च्चों का भी टाइम खराब किया है। अब आगे से ऐसी फालतू की बातें लेकर मेरे पास मत आना। चलो जाओ अब यहां से।
ये कहकर प्रिंसीपल सर हमारे क्लास रूम की तरफ आ गये। लेकिन बेचारा चपरासी अभी भी यही सोचकर परेशान था कि अभी तो मैंने यहां कुछ और ही देखा था तो इतनी जल्दी यहां सब कुछ बदल कैसे गया? दूसरी तरफ हम चारों अपनी क्लास में बैठे हुए थे। तभी हमारी क्लास का एक सरारती बच्चा मौन्टी ललित को परेशान करने लगा। हम चारों ने मिलकर तब तो उसे वहां से हटा दिया। लेकिन मैंने सोचा क्यों न मैं अपनी किसी और शक्ति का मौन्टी पर प्रयोग करके देखुं । तभी क्लास में प्रिंसीपल सर आ गये । हम सभी गुड मॉर्निंग बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन मैंने मौन्टी की चेयर 🛋️ को मौन्टी से चिपका दिया। फिर मौन्टी सर के आने पर हम सभी के साथ खड़ा नहीं हो पाया। सर ने उसे बैठा देखकर मौन्टी से कहा कि मौन्टी खड़े हो जाओ। मैंने तुरंत मौन्टी की चेयर 🛋️ उससे अलग कर दी। और उसके मुंह को अपने कंट्रोल में कर लिया। मौन्टी खड़ा हो गया। फिर सर ने मौन्टी से पूछा कि जब सभी खड़े हुए थे तो तुम खड़े क्यों नहीं हुए? मैंने मौन्टी के मुंह से कहलवाया कि-" मेरी मर्जी । मुझे नहीं खड़ा होना था इसलिए नहीं हुआ।"
प्रिंसीपल- क्या ? तुम जानते भी हो कि तुम किससे बात कर रहे हो ?
मौन्टी- सॉरी सर पर ये सब मैं नहीं बोल रहा हूं मेरे मुंह से अपने आप ये बात निकल रही है। ( मैंने मौन्टी के मुंह से ) आप ऐसा सोच रहे थे कि मैं ऐसा बोलुंगा लेकिन मुझे सब पता है कि मैं क्या और किससे बात कर रहा हूं।
प्रिंसीपल- चलो मेरे साथ आफिस में । तुम्हें बताता हूं कि तुम किससे और क्या बोल रहे हो । बच्चों I'm sorry पर आज मैं क्लास नहीं ले पाऊंगा क्योंकि आज मुझे इसकी क्लास लेनी । तो कोई शोर मत करना आराम से बैठकर पढ़ाई करो। लेकिन नीलम राजा और ललित तीनों समझ गये कि मौन्टी के साथ जो भी हुआ वो सारा कुछ मैंने ही किया है। अब मुझे मेरी 5 शक्तियों के बारे में पता चल चुका था।
1. चक्रवात 🌀 से मैं कहीं भी आ-जा सकता हूं।
2. किसी भी जगह🏞️🏜️ को मैं अपनी मर्जी से किसी भी जगह में बदल सकता हूं।
3. मैं किसी भी र्निजीव वस्तु ⚰️ को अपने कंट्रोल कर सकता हूं।
4. मैं किसी भी व्यक्ति 👲 को अपने वश में कर सकता था ।
लेकिन अभी भी मैं अपनी बहुत सी शक्तियों के बारे में नहीं जानता था। तभी बाहर से कुछ जोर-जोर से बचाओ-बचाओ की आवाज आने लगी। सारी क्लास के बच्चे बाहर भागने लगे। उन सभी के साथ हम चारों भी बाहर भागे । हमने जब बाहर निकलकर देखा तो वहां 2 लोग हमारे स्कूल 🏫 के खेल के मैदान 🏟️ में 1 बच्चे को गोद में उठाकर खड़े हुए थे। और उनके सामने पुलिस 👮 खड़ी होकर दोनों को उस बच्चे को छोड़ने के लिए बोल रही थी। पर वो दोनों लोग उल्टा पुलिस 👮 को धमका रहे थे।

पुलिस 👮- हम तुम्हें कुछ नहीं करेंगे। तुम्हें छोड़ देंगे लेकिन तुम बस इस बच्चे को छोड़ दो। और अपने आप को हमारे हवाले कर दो।
गुंडे 🧔- पहले तुम लोग हमें यहीं छोड़कर चले जाओ नहीं तो हम इस बच्चे को मार देंगे।
पुलिस 👮- ठीक है, हम तुम्हें छोड़ देंगे तुम पहले बच्चे को छोड़ दो।

तभी ललित ने मुझसे कहा कि-
ललित- ओए हरीश तेरे पास तो शक्तियां हैं, तू कुछ कर ना।
मैं- पागल है क्या? किसी को भी गलती से भी मत बताना कि मेरे पास सुपर शक्तियां हैं।
ललित- तो कुछ तो कर। या ऐसे ही देखता रहेगा।
मैं- अच्छा रुक 2 मिनट ⏱️ कुछ करता हूं मैं।
मैंने तुरंत पीछे पड़ी हुई कुछ कुर्सीयों और मेजों को अपने कंट्रोल में कर लिया और मैंने ललित से बोल दिया कि जब मैं इन कुर्सीयों को उड़ाकर उन दोनों गुंडों पर गिराऊं तो तू तुरंत आगे से उस बच्चे को उनकी गोद से छीनकर हट जाना । ठीक है। ललित ने भी कह दिया कि ठीक है तू कर मैं चुपके से उनके पास पहुंचता हूं। मै बोला-" चल तो तू जल्दी से पहुंच जा वहां। फिर मैंने पीछे से सारी कुर्सी, मेजों को उनकी तरफ फेंक दिया , और मैंने पीछे से उन दोनों को आवाज़ लगा दी। जैसे ही उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तुरंत ललित बच्चे को उनकी गोद से छीनकर भाग 🏃 गया। और सारी कुर्सी-टेबल उनके उपर जा गिंरी । फिर दोनों गुंडे 🧔 पुलिस 👮 ने पकड़ लिये । लेकिन सभी ये देखकर हैरान थे कि कुर्सी,मेज अपने आप कैसे उड़ रहीं हैं। लेकिन हममें से किसी ने भी ये शक नहीं होने दिया कि ये सब मैंने किया था। लेकिन बाद में सब ठीक हो गया और स्कूल 🏫 की पढ़ाई फिर से शुरू हो गई। लेकिन बाद में जब मौन्टी प्रिंसीपल सर की पीटाई खाकर वापस क्लास में आया तो ललित को उसे देखकर हसी आ गई। तो इसपर मौन्टी ने गुस्से में ललित को जवाब दिया कि तुझे मैं बाद में देख लुंगा। ललित ने भी उससे बोल दिया कि-" हां, हां देख लेना। दूसरी ओर चपरासी तुरंत भागकर वापस से प्रिंसीपल सर के आफिस में गया और सर से बोला-
चपरासी- सर मैंने बोला था ना कि आज स्कूल 🏫 में कुछ गडबड है।
प्रिंसीपल- अब क्या हुआ? सर आपको अजीब नहीं लगा कि पहले उस कमरे में मैंने कुछ अजीब सा देखा और अब बाहर मैदान 🏟️ में कुर्सीयां अपने आप उड़ रहीं थीं।
प्रिंसीपल- अरे हां, इस बात पर तो मैंने ध्यान ही नहीं दिया।
लेकिन दोनों में से किसी को भी ये समझ नहीं आया कि ये सब हुआ कैसे। और फिर दोनों ने इस बात को इग्नोर कर दिया।



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इस कहानी को इतना समय देकर पढ़ने के लिए धन्यवाद।
प्रस्तुत होंगे अगले पार्ट में " सुपर हैप्पी " की एक नयी कहानी लेकर। तो अभी के लिए नमस्कार 🙏।
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यदि आपका इस कहानी के सम्बन्ध में कोई सुझाव या शिकायत है तो आप मुझे WhatsApp कर सकते हैं मेरा WhatsApp नं. हैं 91-6398908295 .
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#सुपर हैप्पी,

© Hareesh Kumar Sharma✒️

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