Phir Se book and story is written by Ambalika Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Phir Se is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
यह कहानी एक लड़की रिया के बारे मे है जिसकी जिंदगी मे नवीन प्यार की बहार ले आता है उसे यकीन नही होता के कोई उसे इतना प्यार भी कर सकता है जब रिया नवीन से जीवन ...और पढ़ेका साथ मांगती है तो नवीन पीछे हट जाता है रिया टूट जाती है पर जिंदगी को कुछ और मजूर होता है नवीन फिर किसी मोड़ पर उससे टकरा जाता है
यह कहानी एक लड़की रिया के बारे मे है जिसकी जिंदगी मे नवीन प्यार की बहार ले आता है उसे यकीन नही होता के कोई उसे इतना प्यार भी कर सकता है जब रिया नवीन से जीवन ...और पढ़ेका साथ मांगती है तो नवीन पीछे हट जाता है रिया टूट जाती है पर जिंदगी को कुछ और मजूर होता है नवीन फिर किसी मोड़ पर उससे टकरा जाता अब तक आपने पढ़ा के रिया अपने अतीत से निकलने की बहुत कोशिश कर रही होती है उसे पता नही होता के जल्द ही जिंदगी उन्हे आमने सामने ले आएगी
यह कहानी एक लड़की रिया के बारे मे है जिसकी जिंदगी मे नवीन प्यार की बहार ले आता है उसे यकीन नही होता के कोई उसे इतना प्यार भी कर सकता है जब रिया नवीन से जीवन भर का ...और पढ़ेमांगती है तो नवीन पीछे हट जाता है रिया टूट जाती है पर जिंदगी को कुछ और मजूर होता है नवीन फिर किसी मोड़ पर उससे टकरा जाता है रिया घर आकर अपनी पुरानी डायरी खोलती है जिसमे नवीन की तस्वीर लगी होती है और ढेर सारी पुरानी बातें जिनमे रिया गुम हो जाती है
नवीन इससे पहले कुछ और कहता रिया ने उसे सोने को कह दिया| वह शायद इन बातों को अभी एक साथ नही सुन सकती थी| उसे यकीन नही था नवीन पर क्यूकी लड़के कुछ पल के लिए आशिकी जताते ...और पढ़ेफोन पर तो बाइ कर दी पर नींद कहाँ थी अब आँखों मे| नवीन के उस मेसेज ने रिया की नींद ही उड़ा दी| बस अपने तकिये को बाहों मे लेकर जाने कैसे कैसे खाब बुनने लगी| सुबह रिया उठी हाथ मूह धो कर ताईयार हुई| दिमाग़ लेकिन नवीन के ही बारे मे सोच रहा था| ये क्या हो गया
5 आसुओं ने डायरी के पन्नो को भिगो दिया था| रिया ने डायरी बंद की और सिसक सिसक कर रोने लगी| मन का वो बाँध जैसे टूट गया हो| पूरी रात नही सोई| खुद को कोसती रही के क्यूँ ...और पढ़ेकिया था नवीन को| क्यूँ औरों की तरह जिंदगी मे आगे नही बढ़ गयी| “रिया! रिया! बेटा उठो कितनी देर हो गयी| आज लेट हो गयी हो तुम| रिया?” माँ ने रिया के सिर पर से कंबल नीचे करते हुए कहा| “बेटा” माँ ने सिर पर हाथ फेरा| “अरे तुम्हे तो तेज़ बुखार है| उठो चलो डॉक्टर के पास जाना