Moumas marriage - Pyar ki Umang book and story is written by Jitendra Shivhare in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Moumas marriage - Pyar ki Umang is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
माँमस् मैरिज - प्यार की उमंग - उपन्यास
Jitendra Shivhare
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
बबिता तनाव में है यह बात उसकी मां जानती थी। लेकिन बबिता इस तनाव को अपने ऊपर इतनी बुरी तरह से हावी होने देगी सीमा को यह तनिक भी पता नहीं था। आज तो बबिता ने हद ही कर दी। उसने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। वो तो बबिता से तीन वर्ष छोटी उसकी बहन ने खिड़की से ऐन वक्त पर रस्सी से उसे लटकने की कोशिश करते हुये देख लिया। तनु ने तुरंत मां सीमा को इस बात की सूचना देकर पड़ोसियों की सहायता से बबिता की जान बचायी।
बबिता तनाव में है यह बात उसकी मां जानती थी। लेकिन बबिता इस तनाव को अपने ऊपर इतनी बुरी तरह से हावी होने देगी सीमा को यह तनिक भी पता नहीं था। आज तो बबिता ने हद ही कर ...और पढ़ेउसने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। वो तो बबिता से तीन वर्ष छोटी उसकी बहन ने खिड़की से ऐन वक्त पर रस्सी से उसे लटकने की कोशिश करते हुये देख लिया। तनु ने तुरंत मां सीमा को इस बात की सूचना देकर पड़ोसियों की सहायता से बबिता की जान बचायी।
मनोज ने गहरी सांस लेकर कहा- देखो भई! मैं तो इतना ही कह सकता हूं की तुम्हारी मां मुझसे शादी करने के बाद मेरे परिवार का हिस्सा होगी। तुम दोनों को मैं अपनी बेटी ही पहले ही मान चूका ...और पढ़ेअगर मेरे बेटे को तुम्हारी मां के रूप में उसकी मां मिल जाये और दो बड़ी बहने भी, तो इससे ज्यादा खुशी की बड़ी बात मेरे लिए क्या होगी?
दोनों बहनें ध्यान से मनोज की बातें सुन रही थी। इतने में तनु ने मसखरी की- इतने में हम नहीं मानने वाले।
यह वही काजल थी जो कभी राजेश से बहुत चिढ़ा करती थी। गंगाराम जब जीवित थे तब उनके गांव में प्रत्येक बारह वर्ष में मनाया जाने वाला गांव गैर पुजा त्यौहार की प्रसिद्धी को करीब से अवलोकन करने मनोज ...और पढ़ेसाथ राजेश को भी चोरल ले गये थे। वहीं दोपहर के समय पहली बार काजल ने रवि को देखा था। मनोज की आगवानी करने में गंगाराम व्यस्त हो गये। बड़े से आंगन में बहुत से महिला- पुरूष जमा थे। एक कोने में लड़कीयां फिल्मी गीतों पर नृत्य कर रही थी। गांव के ही किसी एक युवक ने जमीन पर खड़े हुये राजेश को बैठने के लिए कुर्सी दी।
करोड़ो की जायदाद एक गैर आदमी के हाथों में जाती देख काजल के काका और उनके जवान बेटों ने काजल और राजेश की शादी का विरोध कर दिया। राजेश की जाति और अनाथाश्रम में पले-बढ़े होने के कारण उसके ...और पढ़ेका कोई अता-पता न होने का मुद्दा बनाकर उन्होंने पुरे चोरल गांव में सुषमा जी के विरूद्ध वातावरण तैयार कर दिया। राजेश का चोरल गांव में प्रवेश ही प्रतिबंधित कर दिया गया।
सही है और गलत के चक्कर में आज हम इतनी आगे आ गये है सीमा। कम उम्र में शादी और फिर जल्दी-जल्दी तनु और बबिता का जन्म फिर अरूण का पलायन, इन सब में तुम्हारी कोई गलती नहीं होने ...और पढ़ेबावजूद भी तुम्हें कितना बुरा समय देखना पड़ा है। आज भी तुम दूसरों के लिए ही जी रही हो। आज समय ने तुम्हें फिर से खुलकर जीने का अवसर दिया है। लोग क्या कहेंगे? ये सोचकर अपना बाकी का जीवन नष्ट मत करो। मनोज ने तर्क दिये।