Tum Jo aaye jindagi main book and story is written by Nirali Patel in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tum Jo aaye jindagi main is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तुम जो आए ज़िंदगी में... - उपन्यास
Nirali Patel
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
यह कहानी पुरी तरह से काल्पनिक और स्वरचित है।
कहानी है आर्य की जो मुंबई के सबसे बड़े बिजनेस मैन महेश कपूर और सीमा कपूर का एक लौता बेटा है। आर्य इतने पैसे वाले बाप का बेटा था तो थोडी बुरी आदतें भी थी उसमें (ड्रिंकिंग, स्मोकिंग, पार्टी .....)। पर कहते हैं ना कि हर कोई इंसान में एक तो अच्छी बात होती ही है। तो आर्य में भी एक अच्छी बात थी कि अगर किसीको किसी मुसीबत में फसा हुआ देखता हैं तो वो बीना किसी परवाह उसे बचाने चला जाता है।
आर्य कॉलेज में थर्ड इयर में है और पढ़ाई से कोसो दूर है। खाली कोलेज जाता है। कोलेज का सबसे कूल डूड होने के बावजूद उसने अभी तक एक भी लङकी को डेट नहीं किया। और यहां तक कि कभी किसीने आर्य को किसी लड़की से बात करते हुऐ भी नहीं देखा। कॉलेज की सारी लड़किया आर्य से बात करने के लिए कुछ ना कुछ बहाने बनाती है पर आर्य ने कभी किसी पर ध्यान नहीं दिया।
यह कहानी पुरी तरह से काल्पनिक और स्वरचित है। कहानी है आर्य की जो मुंबई के सबसे बड़े बिजनेस मैन महेश कपूर और सीमा कपूर का एक लौता बेटा है। आर्य इतने पैसे वाले बाप का बेटा था तो ...और पढ़ेबुरी आदतें भी थी उसमें (ड्रिंकिंग, स्मोकिंग, पार्टी .....)। पर कहते हैं ना कि हर कोई इंसान में एक तो अच्छी बात होती ही है। तो आर्य में भी एक अच्छी बात थी कि अगर किसीको किसी मुसीबत में फसा हुआ देखता हैं तो वो बीना किसी परवाह उसे बचाने चला जाता है। आर्य कॉलेज में थर्ड इयर में है
आर्य - मीरा...... फिर आर्य वहा से चला जाता है और उसके दोस्त और बाकी सब भी चले जाते है। दिवाली आने वाली थी, और थर्ड इयर की एग्जाम्स भी आ रहे थे। तो आप सभी को पता ही ...और पढ़ेएग्जाम से पहले एसाइनमेंट सबमिशन करवाने होते है। और आज लास्ट डेट थी सबमीशन की। पर आर्य के एसाइनमेंट के पेपर्स भी अभी स्टेशनरी में पड़े थे। मतलब की अभी तक उसने एसाइनमेंट पेपर्स भी नही खरीदे थे, तो सबमिशन की बात तो दूर रही। क्लास में प्रोफेसर एसाइनमेंट चेक कर रहे थे। राहुल - अरे यार आर्य तुमने कंप्लीट
एक दिन कॉलेज में........ रूही - हेय..... मीरा कल मेरा बर्थडे है और मैने मेरे घर पर छोटी सी पार्टी रखी है। कॉलेज के मेरे सारे दोस्त आ रहे हैं और तुम्हें भी आना है। मीरा - नई यार ...और पढ़ेतो पता है ना कि मै ये पार्टी वगेरा में नहीं जाती मुझे नहीं अच्छा लगता। और वैसे भी 2-3 दिन में एग्जाम्स भी स्टार्ट होने वाले है, मुझे तैयारी भी तो करनी है। रूही - ओ मैडम एग्जाम्स आपके अकेले के नहीं है, हम सब के है और दो तीन घंटों में क्या फर्क पड जायेगा....? मीरा - पर.....
आर्य को पता चल गया कि वो सबके सामने बात करने में अनकंफर्टेबल फील कर रही है। इसलिए आर्य मीरा का हाथ पकड़ कर उसे रूही के घर के बाहर ले जाता है। जहां एक सुंदर सा गार्डन था। ...और पढ़ेमें चांद की चांदनी में तो वो गार्डन और भी सुंदर लग रहा था। वहा एक हल्की सी लाइट लगी हुई थी। आर्य मीरा को वहा लाता है और वहा पड़ी एक बैंच पर मीरा को बिठाता है, और खुद बैंच के निचे मीरा के पैर के पास बैठता है, और मीरा के हाथ अपने हाथ में लेता है और
आर्य - नहीं। मीरा मैं तुम्हें यू तुम्हारी लाइफ बर्बाद नहीं करने दूंगा। मैं भरूंगा तुम्हारी लाइफ में रंग। और मैं ही इस बार तुम्हारी दिवाली को रोशनी से भर दूंगा। इस बार तुम्हें दिवाली अंधेरे में नहीं मनानी ...और पढ़ेइतना बोल कर आर्य वहा से खड़ा होता है और अपनी बाहें फैला कर बोलता है - मीरा क्या तुम एक बार मुझ पर भरोसा कर सकती हो??? मीरा जट से आर्य की बाहों मे समा जाती है और बोलती है - हा। कभी मेरा विश्वास मत तोड़ना। आर्य - मरते दम तक नहीं। मीरा बहुत खुश थी कि उसको