यह कहानी पुरी तरह से काल्पनिक और स्वरचित है।
कहानी है आर्य की जो मुंबई के सबसे बड़े बिजनेस मैन महेश कपूर और सीमा कपूर का एक लौता बेटा है। आर्य इतने पैसे वाले बाप का बेटा था तो थोडी बुरी आदतें भी थी उसमें (ड्रिंकिंग, स्मोकिंग, पार्टी .....)। पर कहते हैं ना कि हर कोई इंसान में एक तो अच्छी बात होती ही है। तो आर्य में भी एक अच्छी बात थी कि अगर किसीको किसी मुसीबत में फसा हुआ देखता हैं तो वो बीना किसी परवाह उसे बचाने चला जाता है।
आर्य कॉलेज में थर्ड इयर में है और पढ़ाई से कोसो दूर है। खाली कोलेज जाता है। कोलेज का सबसे कूल डूड होने के बावजूद उसने अभी तक एक भी लङकी को डेट नहीं किया। और यहां तक कि कभी किसीने आर्य को किसी लड़की से बात करते हुऐ भी नहीं देखा। कॉलेज की सारी लड़किया आर्य से बात करने के लिए कुछ ना कुछ बहाने बनाती है पर आर्य ने कभी किसी पर ध्यान नहीं दिया।
इस तरफ है हमारी मीरा, दिखने में बहुत ही सुंदर और बिल्कुल मासूम।पता नहि किसी वजह से उसने कालेज आधे इयर से चेंज कर दिया। और वो पहले ही दिन कॉलेज में आती है, लेक्चर बस चल ही रहा था कि कोलेज की वार्निंग बेल बजने लगी जो आग लगने की वजह से अलर्ट करती है। कोलेज में सब इधर उधर भागने लगे। और धीरे धीरे सारे बॉयज एंड गर्ल्स कॉलेज से बाहर निकल जाते हैं। पर मीरा अभी तक अंदर ही थी क्योंकि उसका टॉप बेंच में फस गया था और उसकी लाख कोशिश करने पर भी नहीं निकलती। मीरा हेल्प..... हेल्प... चिल्लाने लगती है और यह आवाज़ आर्य सुनता है। आवाज़ सुनते ही वो बीना कुछ सोचे समझे आग में कूद जाता है और मीरा को बचा लेता है।
आर्य मीरा को गोद में उठा कर बाहर आता है और मीरा को वहा बैंच पर सुलाता है और उसके मुंह पर पानी छिड़कता है। मीरा जैसे तैसे होश में आती है और एकदम से खड़ी हो जाति है। अभी भी उसकी सांसे तेज़ चल रही थी।
आर्य - are you okay.??
मीरा - या.... I am okay. Thank you.
आर्य तो मीरा की आंखों में बस खो ही जाता है। मीरा तुरंत ही वहा से निकल जाती है। फिर आर्य होश में आता है।
आर्य - हेय... राहुल सुन। ( राहुल आर्य का दोस्त है )
राहुल - हा भाई बोलो।
आर्य - ये लङकी कौन थी। कभी पहले तो कोलेज में नहीं दिखी और आज अचानक कहा से आ गईं। क्या नाम है उसका ??
राहुल और आर्य के बाकी दोस्त हसने लगते हैं, और बोलते है भाई तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना....?
आर्य - क्यू...? मुझे क्या हुआ है...?
राहुल - नई। वो क्या है ना की कभी लङकी से बात ना करने वाला हमारा भाई आज एक लङकी का बायोडेटा पूछ रहा है। कुछ अजीब लगा इसलिए।
आर्य - हम्मम....
राहुल - भाई वो रोहित बोल रहा था कि ये लङकी उसके पापा के दूर के रिश्तेदार की बेटी हैं, और किसी कारण दुसरी कोलेज से इस कोलेज में कल ही एडमिशन लिया है। मीरा..... हां सायद मीरा नाम बताया था उस लङकी का।
Continue......