Prafulla Kumar Tripathi लिखित उपन्यास गोमती, तुम बहती रहना

गोमती, तुम बहती रहना द्वारा  Prafulla Kumar Tripathi in Hindi Novels
अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी लेखा- जोखा मैंने अपनी...
गोमती, तुम बहती रहना द्वारा  Prafulla Kumar Tripathi in Hindi Novels
साहिर लुधियानवी का एक बहुत खूबसूरत शेर है - “वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन , उसे एक खूबसूरत मोड देकर छोड़ना अ...
गोमती, तुम बहती रहना द्वारा  Prafulla Kumar Tripathi in Hindi Novels
चमक पैदा करती उम्मीद की किरणें – वर्ष 2000 शुरू हो रहा है और शुरू हो रहा है अपनी नौकरी का अब उत्तरार्ध | हम उस पीढ़ी के भ...
गोमती, तुम बहती रहना द्वारा  Prafulla Kumar Tripathi in Hindi Novels
आत्मकथा अंश (4): गोमती , तुम बहती रहना !:आदर्श समाज बनाने का बिखरता सपना कवि और साहित्यकार “अज्ञेय” कहते हैं कि “वह क्या...
गोमती, तुम बहती रहना द्वारा  Prafulla Kumar Tripathi in Hindi Novels
            गीतकार इंदीवर ने फिल्म “मैं चुप रहूँगी” के अपने एक लोकप्रिय गीत में लिखा है –“ सबके रहते लगता है जैसे कोई नह...