दृष्टिकोण. द्वारा  Radha in Hindi Novels
रात की चांदनी रात में श्वेता अपनी नम आंखों से चांद को देख रही थी मन भरा हुआ था और खिड़की के पास रखी हुई स्टडी टेबल पर बै...
दृष्टिकोण. द्वारा  Radha in Hindi Novels
अगले दिन सुबहश्वेता और काव्या सो रहे थे तभी काव्या को उसकी मां की आवाज आती है - काव्या बेटा उठो, सुबह हो गई है ।काव्या अ...
दृष्टिकोण. द्वारा  Radha in Hindi Novels
अवि करन के घर के बाहर खड़ा होकर दरवाजे की घंटी बजाता है अंकल जी दरवाजा खोला कर कहते है - अवि हो ना ?? अवि - जी अंकल जी ।...
दृष्टिकोण. द्वारा  Radha in Hindi Novels
कॉलेज से बाहर निकल श्वेता काव्या की स्कूल की ओर जाती हैं उसके साथ रावी होती हैं जो अभी भी यश की ही बाते कर रही होती हैं...