Hold Me Close book and story is written by Harshu in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Hold Me Close is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Hold Me Close - उपन्यास
Harshu
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
बारिश का मौसम था । आज मुंबई मैं बहुत तेज बारिश हो रही थी । उसी बारिश में रेवा अपने शादी के जोड़े में भागी जा रही थी । उसने भागते भागते पीछे मुड़कर देखा एक आदमी अभी भी उसके पीछे दौड़ रहा था। रेवा की दिल की धड़कने तेजी से बढ़ रही थी । उसके आंखों से लगादार आसू बहे जा रहे थे। आज रेवा की शादी थी। उसकी सौतेली मां के दबाव मैं आकर रेवा ने अजीत से शादी के लिए हां कहा था। लेकिन आज ही उसने अपने सौतेली मां और अजीत को बात करते हुए सुना था । उसे आज ही पता चला कि कैसे उसकी मां शादी नही बल्कि उसका सौदा करना चाहती थी । उसने रेवा का सौदा किया था ।रेवा को जैसे ही ये बात पता चली वो बिना कुछ सोचे समझे वहा से भागने लगी लेकिन उसकी बदकिस्मती थी की अजीत की नजर उस पर पड़ गई ।
"ए लड़की रुको...",अजीत ने गुस्से से कहा और उसका पीछा करने लगा।
रेवा को सारी यादें किसी फ्लैशबैक की तरह याद आने लगी । उसके आंखों में डर साफ साफ दिख रहा था । तभी रेवा रास्ता क्रॉस करते हुए एक मर्साडिस से टकराई । गाड़ी को ब्रेक लगाने की वजह से रेवा को ज्यादा चोट नही आई । रेवा अब नीचे जमीन पर गिरी हुई थी ।
बारिश का मौसम था । आज मुंबई मैं बहुत तेज बारिश हो रही थी । उसी बारिश में रेवा अपने शादी के जोड़े में भागी जा रही थी । उसने भागते भागते पीछे मुड़कर देखा एक आदमी अभी भी ...और पढ़ेपीछे दौड़ रहा था। रेवा की दिल की धड़कने तेजी से बढ़ रही थी । उसके आंखों से लगादार आसू बहे जा रहे थे। आज रेवा की शादी थी। उसकी सौतेली मां के दबाव मैं आकर रेवा ने अजीत से शादी के लिए हां कहा था। लेकिन आज ही उसने अपने सौतेली मां और अजीत को बात करते हुए सुना
कुछ देर बाद जब रेवा की नींद खुली तब उसने देखा की चारो ओर सिर्फ अंधेरा था । उसके सिर मैं तेज दर्द हो रहा था। रेवा को पहले से ही अंधेरे से बहुत डर लगता था वो अपने ...और पढ़ेसे नीचे उतरी और दरवाजा खोलकर बाहर की ओर भाग गई । तो नीचे हॉल मैं अर्जुन अपने हाथो में गन लेकर अपने सामने खड़े आदमी को गुस्से से देख रहा था जिसकी उम्र लगभग ३० साल होगी । "प्लीज मुझे जाने दो , मैं फिर से ऐसी हरकत कभी नही करूंगा लेकिन इस बार प्लीज मुझे छोड़ दो", उस
कुछ देर बाद आधी रात को रेवा की नींद खुली । उसने पानी पीने के लिए जग उठाया तब उसने देखा की जग का पानी खत्म हो चुका था ।उसने वो खाली जग उठाया और अपने कमरे से बाहर ...और पढ़ेआई। वो नीचे किचन में गई। किचन में पूरा अंधेरा था। सबसे पहले वो लाइट के स्विच को ढूंढने लगी । तभी एक तेज हवा का ठंडा झोका आया और उसे छूकर गुजर गया , उसकी नजर किचन की खिड़की पर गई जो आधी खुली हुई थी । बारिश का मौसम होने की वजह से बाहर तेज हवा चल रही
जैसे ही अर्जुन ने दरवाजा खोला उसकी आंखे खुली की खुली रहे गई। उसने देखा की उसके सामने उसके मां, पापा खड़े थे और साथ ही साथ प्रिया भी। अर्जुन के पापा उसकी शादी प्रिया से करवाना चाहते थे ...और पढ़ेजब प्रिया ने रेवा को अर्जुन के रूम मैं देखा तब उसका खून खौल गया । "ये लड़की कौन है ? और ये तुम्हारे रूम मैं क्या कर रही है ? वो भी तुम्हारे बेड पर !! ", प्रिया ने गुस्से से कहा । वो में.... रेवा कुछ बोल पाती तभी अर्जुन ने रेवा के कंधे पर हाथ रखकर उसे
कुछ देर बाद जब रेवा नहाकर बाहर आई तब अपने सामने खड़े अर्जुन को देखकर जोर से चिल्लाई ! "आप शर्टलेस क्यों घूम रहे हो घर में ? कपड़े नही है आपके पास ?? "रेवा ने अपनी आंखे बंद ...और पढ़ेहुए कहा। "मेरा घर मेरा रूम मेरी मर्जी मैं जैसा भी घूमू तुम्हे क्या ? और तुम तो रिएक्ट ऐसे कर रही हो जैसे तुम्हे मुझे ऐसे देखने का तुम्हारा मन ही नहीं है !", अर्जुन की इस बात को सुनकर रेवा को फिर से एक बार गुस्सा आ गया । उसने अपनी आंखे खोली और और अर्जुन पर चिल्लाने