Hold Me Close - 8 - तुम सिर्फ मेरे साथ रहोगी Harshu द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

Hold Me Close - 8 - तुम सिर्फ मेरे साथ रहोगी






जैसे ही रेवा ने अर्जुन की आवाज सुनी उसकी जान मैं जान आई । उसने भागकर कमरे का दरवाजा खोला ।

जैसे ही रेवा ने कमरे का दरवाजा खोला अर्जुन ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी और खींच लिया और उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया। अर्जुन के कानों में अभी भी वो शब्द घूम रहे थे जो उस शक्स ने फोन पर कहे थे। रेवा पर उसकी पकड़ धीरे धीरे और भी ज्यादा मजबूत होती जा रही थी ।रेवा हमेशा अर्जुन के पास सेफ फील करती थी । और जब आज अर्जुन ने रेवा को अपने बाहों में भरा तब उसके आंखो से आसू बहने लगे ।

"तुम ठीक हो न ? R u ok? कमरे में कोई नही है ना! किसीने तुम्हे हार्म तो नही किया ? " अर्जुन ने रेवा का चेहरा अपने हाथों मैं लेते हुए पूछा ।

"किसिकी परछाई देखी मैंने ! और आपके आने से पहले कोई था जो दरवाजा बड़ी तेजी से नॉक कर रहा था लेकिन मैंने नही खोला ! बहुत डर गई थी मैं , पहले से ही अंधेरे से बहुत डर लगता है मुझे ", रेवा ने रोते हुए जवाब दिया।

"तुम सिर्फ मेरे साथ रहोगी ! मेरी नजरों के सामने ! कोई जरूरत नही है अलग अलग रूम मैं रहने की और मैं हूं ना तुम्हरे साथ", अर्जुन ने रेवा के आसू पोछते हुए कहा।

"सो जाओ तुम अब ! कोई नही होगा खिड़की पर! शायद तुम्हे थकान की वजह से ऐसा लगा होगा । और वो दरवाजा नॉक मैंने ही किया था और कोई नही था ! तुम सो जाओ !", अर्जुन की बात को सुनकर रेवा ने अपना सिर हां मैं हिला दिया ।

"आप नही सो रहे ??", रेवा ने पूछा ।

"आता हूं थोड़ी देर में !", अर्जुन ने जवाब दिया।

"आप प्लीज यही रुक जाइए न ! बहुत सेफ फील होता है मुझे ", रेवा की ये बात सुनकर अर्जुन बेड पर रेवा के बगल में लेट गया ।

हमारे दोनो के बीच तकिए की दीवार बनाने दीजिए मुझे ! हटिए जरा", रेवा ने कहा और दोनो के बीच ४ पिलो रख दिए ।

"अब ठीक है !", रेवा ने कहा ।

"तुम्हे क्या लगता है ? रात में मैं तुम्हारा फायदा उठाऊंगा ? ये सब करने की जरूरत नहीं है ! मुझे अगर तुम्हारा फायदा उठाना होगा तो मुझे किसी बहाने की जरुरत नही है । ",

अर्जुन ने रेवा को घूरते हुए पूछा ।

" वैसे आपकी हिस्ट्री देखकर ऐसा लगता तो नही की आप ऐसा कुछ करेंगे ! हां आप अखडूू चिड़कू और arrogant और बत्तमिज टाइप के आदमी जरूर है पर मेरा कभी फायदा नही उठाएंगे .. लेकिन फिर भी सेफ्टी के लिए करना पड़ता है । अब सो जाइए चुप चाप और सोने दीजिए और हा इस बार मुझे अकेला छोड़कर कही मत जाना ", रेवा ने कहा और कंबल ओढ़ कर सो गई ।

तो वहा अर्जुन की नींद उसके आंखो से कोसों दूर थी ।

"आज मैं टाइम पर नही आता तो डोंट नो क्या हो जाता ! में इस सब मैं रेवा को कभी इन्वॉल्व नही होने दूंगा । I will always protect her ! अब मैं इसे मेरी नजरों से एक पल के लिए भी दूर नही होने दूंगा ! मैने रेवा को बता तो दिया की वो तुम्हारा वहम होगा लेकिन i am sure वो फिर से ट्राय करेगा रेवा को हार्म पहुंचाने की । मैने खुद के फायदे के लिए इसके साथ शादी करके इसकी जान खतरे मैं तो नही डाल दी .. अगर मेरी वजह से इसे कुछ हुआ तो मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा", अर्जुन ने मन मैं ही सोचा । इस वक्त उसके दिमाग मैं कही सारे थॉट्स आ रहे थे जिन्हे कंट्रोल करना उसके बस मैं नही था । इस सबके बीच कब अर्जुन की आंख लग गई उसे भी पता नही चला।

अगले दिन सुबह जब अर्जुन ने अपने बगल में रेवा को नही पाया तब उसका दिल जोरो से धड़कने लगा । उसने बाथरूम में देखा लेकिन वहा भी रेवा नही थी । उसकी नजर बेड पर रख रखे फोन पर गई जो की रेवा का था।

अर्जुन रूम से बाहर आया और रेवा का ढूंढने लगा लेकिन रेवा उसे कही नही दिखी । अर्जुन के दिमाग मैं इस वक्त ५० बाते चल रही थी । उसके पूरा होटल छान मारा । अर्जुन रिसेप्शनिस्ट से कुछ पूछ पाता तभी उसकी नजर रेवा पर गई जो सीढ़ियों से ऊपर जा रही थी ।

"ये लड़की!! घूम रही है इधर से उधर ", अर्जुन गुस्से से बड़बड़ाया और रेवा के पीछे चला गया ।

"ये कहा गए अब सुबह सुबह !! ",रेवा ने रूम मैं कदम रखते हुए कहा ।

पीछे से अर्जुन ने तेज आवाज मैं रेवा से कहा –"तुम पागल हो क्या ? दिमाग नाम की चीज है तुम्हारे अंदर ? कहा चली गई थी सुबह सुबह ! "

आप चिल्ला क्यूं रहे है ? यही बस ताजी हवा लेने नीचे गई थी...रेवा ने जवाब दिया।

"देखो मैं आखिरी बार बता रहा हूं ! तुम अकेली कही नही जाओगी.. मुझे बताकर भी तो जा सकती थी ना तुम ? ", अर्जुन ने गुस्से से रेवा की बाजूं को पकड़ते हुए कहा ।

"आप कर क्या रहे है !! इतनी सी बात के लिए कोई इतना सुनाता है क्या ? और आपको क्या लगा की मैं सब कुछ आप की परमिशन लेकर करूंगी? मैं सचमुच की बीवी नहीं हूं आपकी जो मैं कुछ भी करने से पहले आपकी परमिशन लूंगी। बस ताजी हवा खाने के लिए नीचे तो गई थी । भाग नहीं गई थी कही । और यही बात प्यार से भी तो बता सकते थे ना मुझे। लेकिन नहीं आपके दिल में तो प्यार ही नहीं है। आपको सिर्फ रुड बोलना आता है। छोड़िए मुझे ", रेवा ने अर्जुन के हाथ को अपने आप से दूर करते हुए कहा ।

"ये हो क्या रहा है ! सारा फ्रस्टेशन रेवा पर निकल गया ! ", अर्जुन ने मन मैं सोचा ।

"सुनो तो" अर्जुन की इस बात पर रेवा ने कुछ भी रिएक्ट नही किया ।

"मुझे आपसे बात नही करनी ! और ना ही कोई argumnet करना है ! ", रेवा ने बिना अर्जुन की ओर देखे ही कहा।