Mujse Shaadi kar lo book and story is written by Kishanlal Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mujse Shaadi kar lo is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मुझसे शादी कर लो - उपन्यास
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
"अपनी औकात देखी है
राघव का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था।खाने के लाले।रोज काम ढूंढते।काम मिल जाता तो घर मे चूल्हा जल जाता।ऐसे में गरीब मा बाप बेटे को स्कूल में दाखिला कैसे करा सकते थे।
लेकिन
सरकार चाहती थी सब साक्षर बने।बच्चे पढ़ाई से वंचित न रहे।और आंगन बाड़ी में कार्यरत लोगो की जिम्मेदारी थी कि बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराए।घर घर जाकर वे ऐसे बच्चों को ढूंढते जो स्कूल नही जा रहे थे। एक दिन एक आंगनवाड़ी वाली आकर राघव के माता पिता से बोली,"तुम्हारा बेटा स्कूल जाता है?"
"नही"
"इसे स्कूल में भर्ती करवा दो।"
"क्या करेगा स्कूल जाकर।मजदूरी करनी है।उसके लिए स्कूल जरूरी नही है।"
"अपनी औकात देखी हैराघव का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था।खाने के लाले।रोज काम ढूंढते।काम मिल जाता तो घर मे चूल्हा जल जाता।ऐसे में गरीब मा बाप बेटे को स्कूल में दाखिला कैसे करा सकते थे।लेकिनसरकार ...और पढ़ेथी सब साक्षर बने।बच्चे पढ़ाई से वंचित न रहे।और आंगन बाड़ी में कार्यरत लोगो की जिम्मेदारी थी कि बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराए।घर घर जाकर वे ऐसे बच्चों को ढूंढते जो स्कूल नही जा रहे थे। एक दिन एक आंगनवाड़ी वाली आकर राघव के माता पिता से बोली,"तुम्हारा बेटा स्कूल जाता है?""नही""इसे स्कूल में भर्ती करवा दो।""क्या करेगा स्कूल
ऑटो चलाने में कमाई तो सही हो जाती थी।लेकिन कहलाता तो ऑटो वाला ही था।और उसने ऑटो चलाना छोड़ दिया।उसने नौकरी करने का फैसला लिया।फैसला तो कर लिया लेकिन नौकरी मिलना आसान नही था।इंजीनियरिंग,बी सीए,एम सीए और बड़ी बड़ी ...और पढ़ेलेकर लोग बेरोजगार थे।वह तो सिर्फ बी ए पास ही था।फिर भी उसने अपना भाग्य आजमाने का प्रयास किया।देहली और नोएडा दोनो ही जगह बड़े बड़े कन्सर्न है।बड़ी बड़ी कम्पनियां है।वह एक जगह से दूसरी जगह नौकरी के लिए चक्कर लगाने लगा।पर वह जहाँ भी जाता एक ही बात सुनने को मिलती,"तुम्हारे लायक हमारे पास कोई पद खाली नही है।सही
लेकिन माया सब से कटी हुई थी। वह किसी से नही बोलती थी।उसने एक कामवाली रख रखी थी।जो सुबह आती थी।माया दस बजे से पहले निकलती और शाम को 7 बजे तक वापस लौटती।उसके बाद वह अपने घर मे ...और पढ़ेबन्द रहती।सन्डे को उसके ऑफिस का ऑफ रहता।छुट्टी वाले दिन वह प्राय घर से बाहर कम ही जाती थी।शुरू में जब वह इस फ्लेट में आई तब सोसायटी की औरतों ने उससे सम्पर्क जोड़ने का प्रयास किया पर उसने इसमें कोई रुचि नही दिखाई थी।सोसायटी में होने वाले। आयोजन और औरतों की किटी पार्टी में तो जाने का सवाल ही
प्यार मर्द और औरत के बीच होता है।प्यार की लो या प्यार कि आग दोनो तरफ लगती है।लेकिन कभी प्यार एक तरफा भी होता है।मतलब औरत को आदमी से प्यार हो जाये और आदमी उसे प्यार न करता हो।ऐसा ...और पढ़ेआदमी के साथ होता है।आदमी को औरत से प्यार हो जाये लेकिन औरत उसे घास ही न डाले।ऐसा ही कुछ राघव के साथ थाराघव तो माया को चाहने लगा और प्यार करने लगा।उसका प्यार एक तरफा था।एक दिन राघव घर पर टी वी पर जोश फ़िल्म देख रहा था।फ़िल्म एक प्रेम कहानी थी।हेरोइन का भाई मवाली है और हीरो उसकी
उस औरत का नाम राधा था।राधा रोज सुबह आती और रात को चली जाती।वह घर का सारा काम करती।माया के लिए खाना पीना और अन्य काम के साथ उसे नहलाना,कपड़े धोना।जाते समय कभी कभी राघव उसे आवाज दे देता ...और पढ़ेतब वह माया के समाचार उसे बता जाती।माया का व्यवहार के कारण कोई भी उसके घर नही जाता था।और एक रात सब लोग सो चुके थे।राधा घर जा चुकी थी।माया अपने कमरे में सो रही थी।रात को अचानक हल्ला मचा गया।ऊपर की मंजिल में जिसमे माया भी रहती थी।उसमें शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गयी और आग तेजी