वे चारो माया को श्वेता समझकर उठा ले गये थे।राघव ने उनकी गाड़ी का नम्बर नोट कर लिया था
"वह कौन थी और उसे गुंडे क्यो उठा ले गए
"वह माया है,"राघव ने स्वेता को माया के बारे में सब कुछ बता दिया था
"मतलब तुम उससे परिचित हो
"हाँ
"तो वह बार बार क्यो आती थी
राघव ने उसे बता दिया था वह क्यो आती है
"लेकिन गुंडे उसे क्यो ले गए
"वे लोग उसका अपहरण करने के लिए नही आये थे
"तो
"वह तुम्हारा अपहरण करने के लिये आये थे
"फिर उसे क्यो ले गए
"इत्तफाक।तुम दोनों ने एक से ही कपड़े पहने थे।और वे लोग तुम्हे नही पहचानते थे
"तो अब क्या करोगे तुम
"मैने उनकी गाड़ी का नम्बर याद कर लिया है।पता करता हूँ और माया को बचाकर लाना है
"पुलिस के पास चले
"अभी नही
और राघव ने आर टी ओ ऑफिस से पता कर लिया कि गाड़ी किसके नाम बुक है।गाड़ी एक ट्रेवल की थी।वहां से पता चला गाड़ी चोरी हो गयी थी।जिसकी रिपोर्ट भी करा रखी थी
शेवता बोली,"पुलिस की मदद लेनी चाहिये
और राघव इसके के लिये तैयार हो गया।वह पुलिस के पास गया था।स्वेता भी उसके साथ गयी थी।और पुलिस को रिपोर्ट लिखा दी थी।
रिपोर्ट लिखाने के बाद राघव चुप नही बैठा था।उसने जहाँ जहाँ भी सी सी टीवी लगी थी।उनके फुटेज लेकर ध्यान से देखे थे और आखिर में उसे फुटेज में उस कार के बारे में जानकारी मिल ही गयी थी।लेकिन एक जगह जाकर वह कार रुक गयी थी।।राघव आखिर तलाश करते करते उस जगह पहुंच गया था
वो कार उस जगह लावारिस खड़ी थी।राघव ने पुलिस को सूचना दी थी।
कार जिस जगह खड़ी थी उससे आगे। काफी दूर तक बस्ती नही थी।राघव के मोबाइल में माया का फोटो था।उसने उस फोटो को लोगो को दिखा कर माया के बारे में पता किया।लेकिन सफलता नही मिली।लेकिन उसने हार नही मानी एक दिन उसकी नजर जंगल से निकलते एक आदमी पर पड़ी वह उस पर नजर रखने लगा
और कुछ देर बाद उसने एक आदमी को जंगल की तरफ जाते हुए देखा
राघव ने उस आदमी का पीछा किया और एक निर्जन मकान था।उसी में माया को कैद कर रखा था।वहाँ पर बाहर एक कार भी खड़ी थी।राघव छुप कर देखने लगा।कुछ देर बाद उस आदमी के साथ 2 और आदमी निकले वे दोनों कार में बैठते हुए बोले,"हम चल रहे है
उनके जाने के बाद राघव उस मकान के पास गया।उसे आवाज आई"खा ले
"मुझे नही खाना
राघव समझ गया वह आदमी अंदर अकेला है।और राघव फुर्ती से अंदर जाकर उस पर टूट पड़ा।उस आदमी को सम्बलने का अवसर नही दिया।वह बेदम होकर नीचे गिर गया तब राघव, माया को बन्धन मुक्त करने लगा।तभी वह आदमी उठ खड़ा हुआ और उसने राघव की तरफ बन्दूक तान ली।
"राघव
माया, राघव के सामने आ गयी और गोली उसके लगी।राघव बावला हो गया और लपक कर बन्दूक छीन ली और उस आदमी पर गोली चला दी
"माया
माया के पेट से खून बह रहा था।वह उसे गोद मे उठाकर अस्पताल की तरफ भागा।गोली । माया के पेट मे घुस गई थी।उसे ऑपरेशन के लिए ले जाया गया
अंदर ऑपरेशन चल रहा था।राघव भगवान के सामने जाकर खड़ा हो गया
"भोले माया की रक्षा करना
और काफी देर बाद डॉक्टर आकर बोला,"ऑपरेशन हो गया है।कुछ देर में होश आ जायेगा
राघव, माया के पास जाकर खड़ा हो गया।और माया ने आंखे खोली थी। सामने राघव को देखकर बोली,"मुझसे शादी कर लो
और राघव ने माया का हाथ अपने हाथ मे लेकर उसके होठ चूम लिए थे