Aahuti ek Jwala book and story is written by Madhu in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aahuti ek Jwala is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
आहुति एक ज्वाला! - उपन्यास
Madhu
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
स्त्रियाँ जहा एक ओर करुणा की मूरत होती है तो अपनो पर आई विपदा को दूर करने के लिए चन्डी और काली का भी रूप धारण कर लेती है.....!!
एक लडकी श्मशान घाट में जलती हुई चिताओ को देख रही थी उसकी आँखें लाल पडी हुई चाहे वो रोने से या गुस्से से जलती हुई नजर आ रही थी...वो बस एक टक चिताओ को देखे हि जा रही थी उन चिताओ में उसे वो विभस्त दृश्य नजर आ रहे थे जो उसके साथ घटित हुई है............!! उन विभस्त दृश्य याद आते हि उसका शरीर कापने लगा मुह सूखने लगा वो बार बार अपनी जीभ फ़ेर रही थी थरथराहट इस कदर बढ़ गई एक वक़्त बाद वो बेहोश हि हो गई.....!!
जब उसकी आँखें खुली खुद को पाया एक छोटा और व्यवस्थित कमरे में जहा पर सब सामान एकदम कायदे से रखा हुआ था वो समझ गई इस वक़्त वो कहा है खुद को पहले से बेहतर महसूस कर रही थी धीरे धीरे वो बिस्तर से उठकर कमरे में बनी खिडकी से बाहर देखने लगी जहा से ठन्डी ठन्डी हवाय चल रही थी घने बादल छाय हुये देखने से लग रहा था कुछ वक़्त बाद बारिश होने वाली है वो ये सब सोच हि रही थी उसके कन्धे पर किसी ने हाथ रखा वो स्पर्श आहुति बहुत ही अच्छे से पहचान ती थी l
स्त्रियाँ जहा एक ओर करुणा की मूरत होती है तो अपनो पर आई विपदा को दूर करने के लिए चन्डी और काली का भी रूप धारण कर लेती है.....!! एक लडकी श्मशान घाट में जलती हुई चिताओ को देख ...और पढ़ेथी उसकी आँखें लाल पडी हुई चाहे वो रोने से या गुस्से से जलती हुई नजर आ रही थी...वो बस एक टक चिताओ को देखे हि जा रही थी उन चिताओ में उसे वो विभस्त दृश्य नजर आ रहे थे जो उसके साथ घटित हुई है............!! उन विभस्त दृश्य याद आते हि उसका शरीर कापने लगा मुह सूखने लगा वो
कर्तव्य~आहु सुनो जरा हम घाट पर जा रहे हैं कुछ काम से आप ध्यान से रहियेगा l खाना हमने बना दिया आप खा लिजियेगा हमे आने में देर भी हो सकती है l आप सुन रही है ना l ...और पढ़ेसिर पर हल्की सी थपकी दी l आहुति~ हम्म!! आप जाईये हम अपना ध्यान रख लेगे समय पर भोजन भी कर लेगे l आप भी अपना ध्यान रखियेगा समय पर आने की कोशिश किजियेगा l कर्तव्य ~हम्म!! कहकर चला गया l आहुति ~आहुति तब तक देखती रही कर्तव्य को जब तक वो उसकी आँखो से ओझल ना हो गया l
अब तक आपने पढा.... कि फ़ोर्स द्वारा उन नकाब पोशको का सारा माल जब्त कर लिया जाता है जिस बारे में उन्हें कोई खबर नहीं हो पाती क्योंकि उनके सारे आदमी मारे जाते हैं!! अब आगे...! सारा जब्त किया ...और पढ़ेमाल पता तो है ना कहा पहुचाना है l और ये जो पड़े लोग उन्हें उनकी जगह पर l "यस सर " सभी एक साथ बोले l चलो अब हम सबको जल्द से जल्द इस इलाके से निकलना होगा l मिस्टर ओमेन्द्र तुम हमे हमारे केबिन में मिलना आकर हमे तुमसे कुछ जरुरी केसेस पर डिस्कस करना है l "यस
कर्तव्य अपनी गहरी सोच में कर्स फ़ोर गर्लस कि फ़ाइल अभी भी रीड कर रहा था l कहिं कोई क्लु हि मिल जाय l इस वक़्त कर्तव्य धीर गम्भीर सा माथे कि नसे तने हुई थी कि उसका फोन ...और पढ़ेहुआ l मेसेज को देख उसकी आँखें सिकुड़ गई l माथे पर सल पड़ गये! --------------- वही वो आदमी जो माल उसका जब्त हो जाने से बड़ी हि तेजी से फोन पर मेसेज पर मेसेज किये जा रहा था कोई रेस्पान्स ना मिलने पर दीवार पर अपना फोन इतनी जोर से दे मारा कि उसके चिथड़े चिथड़े हो गये l