आहुति एक ज्वाला! - 3 Madhu द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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आहुति एक ज्वाला! - 3




अब तक आपने पढा....
कि फ़ोर्स द्वारा उन नकाब पोशको का सारा माल जब्त कर लिया जाता है जिस बारे में उन्हें कोई खबर नहीं हो पाती क्योंकि उनके सारे आदमी मारे जाते हैं!!

अब आगे...!
सारा जब्त किया हुआ माल पता तो है ना कहा पहुचाना है l और ये जो पड़े लोग उन्हें उनकी जगह पर l
"यस सर " सभी एक साथ बोले l
चलो अब हम सबको जल्द से जल्द इस इलाके से निकलना होगा l मिस्टर ओमेन्द्र तुम हमे हमारे केबिन में मिलना आकर हमे तुमसे कुछ जरुरी केसेस पर डिस्कस करना है l
"यस सर ""जय हिंद "सैल्यूट कर मिस्टर ओमेन्द्र सारा जब्त किया हुआ माल उसकी सही जगह पर पहुंचाने के लिये सभी ओफ़िसर्स के साथ निकल पडते है l
"जय हिंद " कर्तव्य भी सभी को सैल्यूट करता है l
कर्तव्य भी सभी जगह पर एक बार निगाह डाल वो भी उन सब के पीछे निकल पड़ता है l

उन सब के निकलते हि एक आदमी उस जगह पर आता है जहा माल रखा गया था वहा कि स्तिथि को देख उसकी आँखें गुस्से से लाल पड जाती है l किस *****कि औलाद ने ये सब किया है भद्दी गाली देकर बोलता है l

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कर्तव्य का केबिन.....!

कर्तव्य खिड़की से बाहर किसी गहरी सोच में डूबा था कि दरवाजे पर नोक हुआ l
यस कम इन! कहकर गम्भीर अवस्था में कुर्सी पर बैठ जाता है l
"जय हिंद सर " सैल्यूट कर मिस्टर ओमेन्द्र भी बैठ जाता है, कर्तव्य के बोलने का इंतजार करता है l
इस समय दोनों हि धीर गम्भीर औरा लिये हुये बैठे थे l
"जय हिंद "कर्तव्य भी सैल्यूट करता है l मिस्टर ओमेन्द्र आपको "कर्स फ़ोर गर्ल्स "के केस कि लीड मिली कि नहीं कहकर कर्तव्य गहरी नजरों से ओमेन्द्र को देखने लगता है l
ओमेन्द्र ~नो सर अभी कोई मजबूत लीड नहीं मिली है हमारी टीम पूरी कोशिश कर रही है जल्द हि पोसिटिव रेस्पोन्स मिलेगा जिसकी हमे उम्मीद है l ओमेन्द्र अपनी बात द्रढता से कहता है l

कर्तव्य ~हम्म!! हमे कोशिश नहीं रिसल्ट कि उम्मीद है तुमसे समझ रहे हो ना,,,अब तुम जा सकते हो l

ओमेन्द्र ~यस सर....हम आपको निराश नहीं करेंगे l" जय हिंद सर "कहकर केबिन से निकल जाता है l

उसके निकलते हि कर्तव्य आंखों पर हाथ धरे फिरसे किसी गहरी सोच में डूब जाता है l

बिना नोक किये हि कर्तव्य के केबिन में कोई आता है जो लगातार कर्तव्य को घूरता रहता है l

कर्तव्य ~बिना नोक किये हुये क्यों आये पता नहीं तुम्हें हम तुम्हारे सर है अपनी दोनों आइब्रो को उचकाते हुये बोला l

इतना सुनते हि वो जो उसे घूर रहा होता है सीधे उठकर कर्तव्य कि गरदन में हाथ डाल देता है हा सर तो बताईये कैसे आपकी सेवा करू ताना देते हुये बोलता है l

अरे यार तुम तो सीधा हमारी गरदन में हि हाथ डाल दिया पता नहीं ओन ड्यूटी ओफ़िसर पर हाथ डालने वालो को सजा का प्रावधान है मिस्टर ओमेन्द्र कहकर आई विन्क कर देता है कर्तव्यl

कर्तव्य कि आंखो में शरारत देख ओम उसके पीठ पर मुक्का जड़ देता है अब इसकी क्या सजा का प्रावधान है सररररर सर बात पर जोर देके ओम बोला l

ओम तुझे मैं बताता हूँ उठकर कर्तव्य इस बार ओम को नीचे गिरा देता है उसके ऊपर बैठ जाता है l अब बोल क्या बोल रहा था तू आइब्रो को उचकाते हुये बोला l

अबे हट साले कितना भारी है अपने वजन से ऊपर का टिकट कराना तुझे मेरा अभी तो मैं कुँवारा हि हूँ मैने तो अपनी शादी और बच्चे भी नहीं देखे बेचारगी से बोला l

कर्तव्य उसके ऊपर से उठ जाता है उसे ऐसे देखने लगता है कि कह रहा कि इसका कुछ नहीं हो सकता है शादी और बच्चे अफ़सोस से कर्तव्य अपना सिर हिला दिया l

"क्या है ऐसे काहे देख रहा है अफ़सोस से "अपनी एक आइब्रो उठाते हुये बोला ओम l

कुछ नहीं चल उठ तेरी शादी के लिये बात करता हूँ मिस आद्रिति से कहकर बाहर को ओर जाने लगता है कि ओम झट से उठ उसका हाथ पकड़ कर उसके मुहँ पर हाथ धर देता है l अबे चुपकर उसने सुन लिया ना तो मेरे कचुमड बना देगी किसी को कानोकान खबर भी नहीं होगी l

कर्तव्य~ हम्म!! तू इतना डरता क्यों है बे मुझे समझ नहीं आया आज तक l उसे गहरी नजरों से देखता हुआ हसकर बोला l

कर्तव्य कि बात सुन ओम सकपका जाता है ऐ... ऐसा कुछ नहीं है समझा l कहकर मुंह फ़ेर लिया l

अच्छा चल छोड़ इस बारे में तुझसे बात में बात करुगा l वैसे उस केस के बारे में तेरा वो "खबरीलाल "ने कुछ खबर नहीं दि l कर्तव्य उससे पूछ्ता है l

हम्म!! ठीक कह रहे हो l नहीं इस बार तो अभी कुछ खबर नहीं दी l हमे लगता है जल्द हि उस केस कि अहम लीड देगा l अब ये भी नहीं पता है वो" खबरीलाल" है या "खबरीलाली"ओम गहरी सोच में बोला l

हम्म!! कहकर कर्तव्य किसी गहरी सोच में बैठकर अपने डेस्क से कर्स फ़ोर गर्ल्स कि स्टडी करने लगता है l

ओम उसे एक नजर डाल बाहर चला जाता है l


कहानी कि मांग अनुसार कुछ अपशब्दों का उपयोग होगा जो आपको असहज कर सकते है हम किसी भी अनैतिक बात का बढावा नहीं देते है l आप सब से क्षमाप्रार्थी है किसी भी त्रुटि हेतु हमे क्षमा किजियेगा l आपकी अदना सी लेखिका l जय सियाराम !!🙏

क्रमशः!!!