Najayaz rishtey ka Anjaam book and story is written by Kishanlal Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Najayaz rishtey ka Anjaam is also popular in रोमांचक कहानियाँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नाजायज रिश्ते का अंजाम - उपन्यास
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
समय बीतने पर राजेन्द्र माया के साथ छेड़छाड़ भी करने लगा कभी वह माया के नितम्बो को सहला देता।कभी उसके गुलाबी होठो को चूम लेता।कभी माया को बांहों में लेकर गोद मे उठा लेता।माया ने राजेन्द्र की हरकतों का विरोध नही कियाएक दिन माया के दोनों बच्चे स्कूल की तरफ से पिकनिक पर गए थे।पति सुबह का गया रात को ही लौटता था।उस दिन राजेन्द्र की कम्पनी की भी छुट्टी थी।वह माया से बोला,"पिक्चर देखने चलते है।"क्या करेंगे?"माया बोली,"घर मे ही बातें करेंगे।'"बहुत दिन हो गए कोई मूवी नही देखी।"राजेन्द्र के जोर देने पर वह उसके साथ जाने के लिए
चार बच्चों की माँ प्रेमी के साथ भाग गयी।पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की।दौलत के लिए पत्नी ने पति की हत्या की।पेसो के लिए पत्नी ने दूसरे का दामन पकड़ा।इस तरह के या इससे मिलते ...और पढ़ेसमाचार आये दिन अखबारों में छपते रहते है।हमारे देश मे औरत को बचपन से ही पतिव्रता धर्म की शिक्षा दी जाती है।उसे सिखाया जाता है कि पति चाहे जैसा हो पत्नी को उसे परमेश्वर मानकर उसकी तन मन से सेवा करनी चाहिए।शादी होने के बाद औरत पतिव्रता धर्म का पालन करते हुए तन मन से पति के प्रति समर्पित रहती
सुधीर ने घर की चाबी माया को सौंपते हुए कहा था,"आज से इस घर की मालकिन तुम हो।"आजकल हर कुंवारी शिक्षित लडकी का सपना होता है।डॉक्टर,इंजीनियर, अफसर या बिजिनेश मेन उसे पति रूप में मिले।जो उसे घुमाय फिराए।उसकी हर ...और पढ़ेसुविधा का ख्याल रखे।उसके सुख दुख का साथी हो।उसकी हर बात माने।दूसरे शब्दों में हर लड़की ऐसा पति चाहती है जो अमीर हो और उसका गुलाम बनकर रहे।माया का भी दूसरी लड़कियों की तरह ख्याल था कि उसका पति उसकी हर बात मानेगा।वह जैसा कहेगी वैसा ही करेगा। लेकिन जैसा उसने सोचा था, वैसा नही हुआ।शादी के बाद मुम्बई आने
सुधीर रेस्तरां जाने के लिए तैयार हो रहा था।उसने भी उस पत्र को पढ़ा था।इटारसी में उसके दूर के रिश्ते के मौसा रहते थे।मौसाजी के जिगरी दोस्त मोहन का लड़का था राजेन्द्र।वह मुम्बई में एक कम्पनी में एक साल ...और पढ़ेलिए अप्रेंटिसिप करने के लिए आया था।मौसाजी ने राजेन्द्र के रहने की व्यस्था करने के लिए पत्र लिखा था।"अभी तुम खाना पीना खाकर आराम करो।मैं शाम को लौटूंगा तब हम बात करेंगे।सुधीर रोज की तरह अपने काम पर चला गया।राजेन्द्र तैयार होकर जॉइन करने के लिए कम्पनी चला गया।रात को सुधीर लौटा तब राजेन्द्र बोला,"भाई साहब मेरे लिए कमरा।"सुधीर कुछ
समय बीतने पर राजेन्द्र माया के साथ छेड़छाड़ भी करने लगा कभी वह माया के नितम्बो को सहला देता।कभी उसके गुलाबी होठो को चूम लेता।कभी माया को बांहों में लेकर गोद मे उठा लेता।माया ने राजेन्द्र की हरकतों का ...और पढ़ेनही कियाएक दिन माया के दोनों बच्चे स्कूल की तरफ से पिकनिक पर गए थे।पति सुबह का गया रात को ही लौटता था।उस दिन राजेन्द्र की कम्पनी की भी छुट्टी थी।वह माया से बोला,"पिक्चर देखने चलते है।""क्या करेंगे?"माया बोली,"घर मे ही बातें करेंगे।'"बहुत दिन हो गए कोई मूवी नही देखी।"राजेन्द्र के जोर देने पर वह उसके साथ जाने के लिए
माया राजेन्द्र से अलग होकर दरवाजा खोलने के लिए आ तो गयी।लेकिन उसे अस्त व्यस्त अवस्था मे देखकर सुधीर के मन मे सन्देह का बीज फूट गया।सुधीर ने पत्नी से साफ साफ तो कुछ नही कहा पर घुमा फिराकर ...और पढ़ेकुछ कह दिया।पति की बात का माया पर कोई असर नही पड़ा।राजेन्द्र के प्यार में वह ऐसी पागल हो चुकी थी कि जो माया पति की हर बात आंख मूंद कर स्वीकार कर लेती थी।वह माया पति की बात पर ध्यान देने के लिए तैयार नही थी।घर से बेखबर हर समय अपने धंधे की सोचने वाला सुधीर शक होने पर