नाजायज रिश्ते का अंजाम--6 Kishanlal Sharma द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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नाजायज रिश्ते का अंजाम--6

लेकिन अचानक दो साल बाद वे मुम्बई में प्रकट हो गए।
राजेन्द्र को मुम्बई की एक कम्पनी में नौकरी मिल गयी थी।कम्पनी की तरफ से राजेन्द्र को एक फ्लैट मिल गया था
यह घर सुधीर के घर से तो दूर था लेकिन राजू और मोना के स्कूल के रास्ते मे पड़ता था।
राजेन्द्र सुबह काम पर चला जाता तब माया फ्री हो जाती।क्या करे?वह अपने घर की बालकनी में आकर खड़ी हो जाती।एक दिन वह बालकोनी में खड़ी होकर सड़क से आने जाने वाले लोगो को देख रही थी।तभी उसकी नजर मोना और राजू पर पड़ी।माया जोर से चिल्लाई,"राजू
पर बच्चों ने नही सुना।दूसरे दिन वह फिर बालकोनी में खड़ी हो गयी।जैसे ही बच्चे सामने आए।माया ने फिर आवाज लगाई पर वे अनसुना करके चले गए।तब अगले दिन जैसे ही उसकी नजर बच्चों पर पड़ी।वह दौड़कर सडक पर चली गयी।वह बच्चो को पकड़कर बोली,"बेटा मैं तुम्हारी माँ।"
"हमारी मां तो कब की मर गयी।"
माया बच्चो की बात सुनकर दंग रह गयी।उसने बच्चो को समझाने का प्रयास किया।पर बेकार।
राजेन्द्र,माया के रंग रूप,उसकी सुंदरता और उसकी मोहक अदाओ पर फिदा था और वह उसके प्यार को एक सच्चे प्रेमी का प्यार समझने लगी थी।वह उसके प्यार में दीवानी ही नही ऐसी अंधी हुई थी कि वह पतिव्रता धर्म से पथभ्रष्ट हो गयी।उसने अपने पति को ही नही अपने बच्चों को जिन्हें उसने अपने गर्भ से जन्म दिया।उन्हें छोड़ दिया था।
राजेन्द्र मुम्बई में अपनी कम्पनी में जॉइन करने के बाद स्टाफ से मिलने लगा।सबसे पहले एक युवती उसके पास आकर अपना परिचय देते हुए बोली,"मैं प्रतिभा।आपकी स्टेनो और सेकेट्री।"
लंबे कद,गोरे छरहरे शरीर की सुंदर आकर्षक प्रतिभा में जादू था।राजेन्द्र पहली मुलाकात में ही उसका दीवाना हो गया।
वह उससे मिलकर बोला,"यु आर रियली ब्यूटीफुल।'
"थैंक्स सर्"
प्रतिभा के सम्पर्क में आने के बाद राजेन्द्र को पता चला खिलती कली और बासी फूल में क्या अंतर होता है।कुंवारी अल्हड़ युवती के नैसर्गिक सौंदर्य और विवाहिता के कुचले सौंदर्य में क्या अंतर होता है।खिलती कली के महकते यौवन और अतृप्त विवाहिता के बासी यौवन में क्या अंतर होता है।
माया राजेन्द्र के साथ चली गयी थी।पिछले दो साल से वह राजेन्द्र के साथ रह रही थी।इन बीते दो सालों में राजेंद्र ने माया से शादी नही की थी।माया दो साल से राजेन्द्र के साथ रह रही थी।लेकिन उसने अभी तक सुधीर को तलाक नही दिया था।इन बीते दो सालों में न माया ने राजेन्द्र से शादी के लिए कहा।न ही राजेन्द्र ने शादी की बात माया से की।
राजेन्द्र और माया बिना शादी के साथ रह रहे है।इस बात को बहुत से लोग जानते थे और जो जानते थे।वे उनके इस तरह रहने पर छीटाकशी करने से भी नही चूकते थे।लेकिन लोग उनके बारे में क्या कहते है,या क्या सोचते है।इसकी चिंता माया और राजेंद्र नही करते थे।
राजेन्द्र बिना शादी के माया के साथ रह रहा था।पर कभी उससे अलग होने का ख्याल उसके मन मे नही आया था।
पर प्रतिभा के सम्पर्क में आने के बाद उसके मन मे माया से पीछा छुड़ाने का विचार मन मे आया।और वह सोचने लगा कि कैसे माया से पीछा छुड़ाया जाए।कैसे उससे अलग हुआ जाए।कैसे उसे निकाले