Mohobbat toh Mohobbat hai book and story is written by Vandana thakur in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mohobbat toh Mohobbat hai is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मोहब्बत तो मोहब्बत है - उपन्यास
Vandana thakur
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
मुम्बई, महाराष्ट्र
मुम्बई साइंस कॉलेज
वो दौडती हुई कॉलेज केम्पस पहुची,,,, वो रोते हुए कॉलेज केम्पस मे चारो तरफ नजरे दौडा रही थी ।
वो भागते हुए पूरे कॉलेज मे किसी को ढूंढने लगी,,,, उसकी आंखो से लगातार आंसू बह रहे थे, चेहरा बिल्कुल रो- रोकर लाल पडा हुआ,,,,,!!
उसकी आंखे लाल हो चुकी थी जैसे वो दो रातो सो सोई ना हो, उसकी सकल कितनी अजीब हो चुकी थी उस दौरान....!!!
वो हर क्लास रूम को देखते हुए जा रही थी और होंठो मे किसी का नाम बुदबुदा रही थी ।
कॉलेज कैम्पस मे खडे स्टुडेन्टस उसे देख रहे थे और कुछ आपस मे बडबडा रहे थे ।
वो भागते हुए कॉलेज की छत की तरफ बढी तभी एक लडकी जो कि उसका नाम चिखते हुए उसके पास ही आ रही थी उसनें सीढियो पर चढ रही उस लडकी का हाथ झट से पकडकर अपनी तरफ घुमाया ।
" कहां जा रही है वो यहां नही है,,,हिती,,,, वो रूम नम्बर 205 मे हैं और अब कोई फायदा नही है उसके पास जाकर भी, जो तूने सुना और देखा सब सच है....."
मुम्बई, महाराष्ट्र मुम्बई साइंस कॉलेज वो दौडती हुई कॉलेज केम्पस पहुची,,,, वो रोते हुए कॉलेज केम्पस मे चारो तरफ नजरे दौडा रही थी । वो भागते हुए पूरे कॉलेज मे किसी को ढूंढने लगी,,,, उसकी आंखो से लगातार आंसू ...और पढ़ेरहे थे, चेहरा बिल्कुल रो- रोकर लाल पडा हुआ,,,,,!!उसकी आंखे लाल हो चुकी थी जैसे वो दो रातो सो सोई ना हो, उसकी सकल कितनी अजीब हो चुकी थी उस दौरान....!!!वो हर क्लास रूम को देखते हुए जा रही थी और होंठो मे किसी का नाम बुदबुदा रही थी ।कॉलेज कैम्पस मे खडे स्टुडेन्टस उसे देख रहे थे और कुछ
वो हैरान आंखो से कभी एक- दूसरे को देख रहे थे तो कभी डॉक्टर को, दोनो के चेहरे पर हैरानगी और परेशानी के भाव छाये हुए थे, अविनाश का तो जैसे दिल ही टूट गया था । वो पथराई ...और पढ़ेसे एकटक मान्या को चेहरे की तरफ देखने लगा । अचानक ही अविनाश की आंखों में नमी तैर गई थी ।" मिस्टर अविनाश चौहान आपको तो खुश होना चाहिये,,, कि आप पिता बन गये है,,,,पर आप तो हैरान हो रहे है,,कुछ बात है क्या " डॉ. ने अविनाश के चेहरे के भावो को पढ़ते हुए कहा ।वो खुद को सम्भालते
अविनाश ने आकाश के पास जाने के लिये कार का दरवाजा खोला ही था कि तभी उसकी नजर सामने से आ रही कार पर पडती है, वो कार हॉस्पिटल के सामने आकर रूकती है जिसमे से सूरज मलखानी और ...और पढ़ेमलखानी बाहर निकलते है, गीता के चेहरे पर बैचैनगी के भाव थे वही सूरज के चेहरे पर गुस्सा और गंभीरता भरा रौब साफ दिखाई दे रहा था ।अविनाश ने सूरज को देखा तो उसने तुरंत अपने कार का दरवाजा वापस बंद कर दिया ।" अंकल इतने गुस्से में हैं लगता है मान्या कॉल पर सब कुछ बता दिया,,,, पता नहीं
होटल मून मान्या और अविनाश ने आकाश को ऊपर से लेकर नीचे तक घूरा,,, आकाश उन दोनो से कुछ कहने वाला था कि तभी अन्दर से गौरी की आवाज आती है ।" बेबी,,,, कौन है बाहर,,जो भी है उसे ...और पढ़ेकरो और जल्दी से मेरे पास वापस आओ,,, हमे कन्टिन्यू करना है,,,,!!!मान्या ने गौरी की आवाज सुनी तो उसके माथे की नसे तन गई, उसने आकाश को एक तरफ धक्का मारा और रूम के अन्दर चली आयी ।आकाश, सम्भलते हुए- मान्या यह क्या हरकत है,,, अविनाश कहा जा रही है यह...? अविनाश ने आकाश के चेहरे को एकटक देखा फिर
सभी के जाने के बाद आकाश ने हिती की तरफ नजरे उठाकर देखा, और उसके पास आकर वहां पडी चेयर पर बैठ गया । " क्या किया तुमने यह सब,? क्या मिला तुम्हें यह सब करके, मेरे प्यार का ...और पढ़ेयह सिला क्यो दिया आकाश? तुम गौरी के पास कैसे जा सकते है,,? तुम तो मुझसे प्यार.........!!!! हिती इससे आगे कुछ कहती आकाश ने उसे टोकते हुए सख्त लहजे से कहा-: सुनो हिती मेैं तुम्हें पहले भी कह चुका हू, अभी दोबारा कह रहा हूं,,, मै तुमसे प्यार नही करता हू,, तुम सिर्फ मेरी अच्छी दोस्त रही हो हमेशा से,,,!!