Mohobbat toh Mohobbat hai - 11 books and stories free download online pdf in Hindi

मोहब्बत तो मोहब्बत है - Part-9

तीन साल बाद

मुम्बई , महाराष्ट्र



आज शहर में काफी ज्यादा चहल -पहल है,,, मिडिया में सुनने में आ रहा है कि देश की सबसे टॉप वन कम्पनी अब हिती एन्टरप्राइजेज है ।

हिती एन्टरप्राइज जो पिछले साल तक देश की जानी -मानी दूसरी बडी कम्पनी थी वो आज टॉप वन पॉजिशन में थी । और इस बात को लेकर मिडिया में काफी शोर मचा हुआ है ।

" मिस्टर अविनाश,,, मिस्टर अविनाश आप अपनी इस सक्सेस से कितने खुश है,,, क्या आप हमें बताएगे,,,, " हिती एनटरप्राइजेज के के बाहर एक लम्बी कार के आते ही मिडिया वाले उस पर लपकते हुए अपने सवाल शुरू कर देते है ।

" सर आपनें खन्ना एन्टरप्राइजेज को कडी मात दी है,,,, आप अब टॉप वन पर है,,,, सुना है खन्ना एन्टरप्राइजेज के शयर्स तेजी से नीचे गिरे है,,,,,"

अविनाश के कार को बाहर निकलते ही मिडिया वालो नें सवाल कर दिया वो उसे घेरकर खडे हे गये थे । अविनाश किसी बिजनैसमेन की तरह बिजनैस सूट पहनें, आंखो पर शेड्स लगाये गंभीर चेहरा जो कि कभी हंसा ही ना हो । उस लुक में दिखाई दे रहा था ।

" एक्सक्यूजमी,,, एक्सक्यूजमी,,,, " अविनाश मिडिया वालो को नजरअंदाज करके अन्दर बढता है । मिडिया वाले अविनाश के पीछे जाने लगते हैं तो अविनाश के गार्ड्स मिडिया वालो को अन्दर जाने से रोकते है ।

अविनाश अपने ऑफिस के अंदर का मसला है जहां सभी एंप्लॉय से गुड मॉर्निंग विश करते हैं अविनाश के पीछे पीछे उसका सेक्रेटरी रोहन भी उसके साथ साथ चलते हुए-:" सर आपसे मिलनें आकाश खन्ना आये है,,, वो आपके केब्न में ही बैठे है,,,, "

" तुमनें उन्हे मिटिंग रूम में बैठाना चाहिये था,,,, मेरे कोबिन में क्यो,,,,,, " अविनाश नें बिना किसी भाव से कहा ।

" सर वो जबरदस्ती आपके केबिन में जाकर बैठ गये,,, मैने उन्हें मना किया था पर,,,,,, वो नही माने,,,, "

" हम्म,,, ठीक है,,,, " कहते हुए अविनाश अपने केबिन के बाहर पहुचता है । और रोहन को बाहर रहने का इशारा करते हुए केबिन का डोर ऑपन करके अन्दर आता है ।

सामने चेयर पर आकाश भी उसकी तरह बिजनेस सूट पहने बैठा हुआ था । वो पूरे रूम को घूरकर देख रहा था पर अविनाश के आते ही वो एक नजर अविनाश को देखता है फिर वापस सामने अपनी नजरे टिका लेता है जहां अविनाश की चेयर के बिल्कुल सामने ही दीवार पर हिती की एक बड़ी सी तस्वीर लगी हुई थी ।

हिती कि वह मुस्कुराती तस्वीर जिसे 3 साल पहले अविनाश ने अपने केबिन में सजाया था आज भी वह तस्वीर उसके दिल का सुकून भी वह चाह कर भी उससे सुकून को अपनी जिंदगी और अपनी आंखों से एक पल दूर नहीं कर सकता था ।

" सच में मुझे यकीन नहीं हो रहा कि तुमने आज भी उस लड़की की तस्वीर अपने केबिन में लगाई हुई है वाकई मानना पड़ेगा तुम्हारी मोहब्बत को अविनाश " आकाश ने तस्वीर को देखते हुए कहा ।

" मैं जान सकता हूं तुम यहां क्या कर रहे हो और अगर मुझसे मिलना ही था तो मीटिंग रूम में वेट करते मेरे केबिन में क्यो आये,,,, " अविनाश ने गंभीर होकर कहा ।

" दोस्तों को कभी मीटिंग रूम में बैठाया जाता है क्या ? और मैं तो तुम्हें तुम्हारी जीत की बधाई देने आया था वह जीत जो तुमने 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद हासिल की है वह जीत जिसे हर हाल में हासिल करना चाहते थे,वह जीत जिसे तुम मुझे यह महसूस करवाना चाहते थे कि तुम कितने लायक हो देखो आज तुमने वह जीत हासिल कर ली तो एक दोस्त होने के नाते मुझे तुम्हें कांग्रेचुलेशन तो करना ही था " आकाश ने चेयर से खड़े होते हुए कहा अविनाश ने अपनी आंखों से अपने शेड्स हटाते हुए आकाश को देखकर एक हल्की मुस्कान दी ।

" तुम एक दोस्त होने के नाते अगर मुझे कांग्रेचुलेशन करने आए हो तो मैं बहुत खुश हूं पर मैं इतना भी ज्यादा खुश नहीं हूं कि अपने दुश्मन को अपने सामने देखकर उसका कांग्रेचुलेशन एक्सेप्ट करो तुम मेरे लिए दोस्त थे हो नहीं तुम्हारी वजह से मैंने वह सब कुछ झेला है आप आज जो कि मुझे नहीं झेलना था तुम्हारी वजह से सब कुछ खत्म हो चुका है "

" यार तुम भी क्या पुरानी बातें लेकर बैठे हो मुझे यकीन नहीं हो रहा कि तुम अभी भी 3 साल पहले वाले हादसे में जी रहे हो मर गई वह लड़की तुम्हारी नई जिंदगी बहुत अच्छी चल रही है आखिर तुम्हारी कंपनी अरे तुमने तो अपनी कंपनी का नाम भी उस लड़की के नाम पर रखा हुआ है हाय मोहब्बत क्या-क्या करवाती है,,,, यह भी जानता हूं कि तुम उस लड़की का बदला लेने के लिए मेरे साथ हमेशा गलत करते हो भूल जाओ उसे कितनी बार तो तुम्हें समझा चुका हूं अब तो लगता है कि जैसे तुम कुछ समझना ही नहीं चाहते,,,,, "

" तुम्हारी फिजूल बाते सुनने का वक्त नही है मेरे पास,,, कुछ मतलब की बात करनी है तो कहो वरना तुम जा सकते हो "

" तुम सच में बहुत बदल गये हो यार,,,," आकाश की बात सुनकर अविनाश मुस्कुरा देता है ।

वो आकाश को नजरअंदाज करके अपनी चेयर पर बैठ जाता है । और लैडलाइन से रोहन को कॉल करके उससे मिटिग्स की डिटेल्स मंगवाता है ।

आकाश उसके चेहरे को देखते हुए -:" वाकई तुम अब वो अविनाश नही रहे जो मेरे लिये सबकुछ करने को तैयार था,,,, "



" वो अविनाश ,हिती के साथ ही मर चुका है,,, या कहूं उस वक्त मर गया था जब तुमने हिती की मोहब्बत का मजाक बनाया था " इतना कहकर अविनाश नें एक नजर आकाश पर डाली फिर अपना लेपटॉप ऑन किया ।

आकाश मुस्कुराकर-: " ग्रेट तुम्हारी मोहब्बत तो वाकई मोहब्बत है,,, इसके मरने के बाद भी तुम उसका बदला लेना चाहते हो वो भी मुझसे "

अविनाश उसकी बाते नही सुनता, उसे आकाश से किस हद तक नफरत थी वह यह बता नहीं सकता था उसे आकाश को देखकर ही यही आ याद आता था कि वह उसकी मोहब्बत का हत्यारा है ।

कुछ ही देर में रोहन केबिन के अंदर आता है आकाश अभी भी अविनाश के सामने खड़ा उसे देख रहा था पर अविनाश उस पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा होता ।

" सर यह आपकी मीटिंग की फाइल्स " रोहन ने टेबल पर फाइल रखते हुए कहा तो बदले में अविनाश ने अपना सिर हिला दिया ।

रोहन तिरछी नजरों से आकाश को देखता है चुपचाप वहां से जाने लगता है तभी अविनाश उसे रोकते हुए-:" अविनाश इमसे कहा यहां से चले जाये और अगली बार मेरे कैब इन में आने से पहले अपॉइंटमेंट लेना ना भूलें क्योंकि तुम्हें पता है कि मेरा टाइम कितना जरूरी है और मैं यूं हर किसी पर अपना वक्त जाया करना पसंद नहीं करता "

आकाश अवनाश की बात सुनकर गुस्से से उसे देखता है

वह खुद को किसी तरह कंट्रोल करके अविनाश को एक नजर घूरता है और फिर तेज कदमों से वहां से निकल जाता है इससे पहले कि रोहन उससे कुछ कहता अविनाश ने भी आकाश को गुस्सा दिलाने के लिए ही यह सब कहा था ।

रोहन चुपचाप केबिन से बाहर चला जाता है वही अविनाश एक नजर डोर पर डालकर हल्की मुस्कान देता है और वापस अपना काम करने लगता है अचानक ही वह अपनी नजर उठा कर सामने लगी हिती की तस्वीर को देखता है ।

" आई प्रॉमिस यू तुम्हारे गुनहगार को जिंदगी भर तड़पा तड़पा कर मारगा उसने तुम्हें मुझसे छीना है तुम्हारी जिंदगी छीनी है मैं उससे से सब कुछ छीन लूंगा और उसे इतना बेबस कर दूंगा कि वह बस खुद को मारने पर मजबूर हो जाए यह तो बस शुरुआत है मैं तुम्हारी मौत का बदला जरूर लूंगा " अविनाश ने अपने आप से कहा और अपनी आंखें बंद करके हिती का वो बेजान चेहरा याद करने लगता है जो कि तीन साल अपने उसकी ही बांहो में था ।



दूसरी तरफ

मन्नत हॉस्पिटल

दिल्ली



एक नर्स हाथो में ट्रे पकडे तेजी से ऑपरेशन थिएटर की तरफ जा रही होती है साथ ही वो बडबडा भी रही थी ।



" मेरे तो समझ नही आ रहा है कि इतना जल्दी में ऑपरेशन करने की क्या जरूरत है,,,, अचानक पेसेन्ट आने पर पूरे हॉस्पिटल में तहलका मच जाता है और केस भी इतने सिरियस होते है कि पूछो मत,,,, और उस लडके का सिर पूरा फट गया है कितना खून निकल गया है और एक यह इन्टर्न,,, इतमा लेट हो जाते है कि,,,,,,!!! न जाने यह डॉक्टर वर्तिका किधर है,,,,, " कहते हुए वो नर्स जैसे ही ऑपरेशन थिएटर के पास पहुचती है तभी अचानक ही किसी से टकरा जाती है ।



नर्स के हाथ से सारा सामान फ्लोर पर गिर जाता है और इसके साथ ही सामने खडी लडकी अपनी नजरे झुकाकर नीचे फ्लोर की तरफ देखती है । वो नर्स सामने खडी लडकी को देखकर जोर से चिल्ला पडती है ।



" डॉक्टर वर्तिका "



जारी है

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