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अभिव्यक्ति.. द्वारा  ADRIL in Hindi Novels
इज़ाज़त... आज मुझे ये शाम सजाने की इज़ाज़त दे दोदिल-ओ-जान तुम पर लुटानेकी इज़ाज़त दे दोमिले जो दर्द या मिले सुकून - कुबू...
अभिव्यक्ति.. द्वारा  ADRIL in Hindi Novels
  नजर.. कैसी नजर है तेरी, की मुझे नजर सी लग गयी, नजर पड़ी जब उस नजर पे, तो नजर मेरी ये भर गयी फिर मेरी नजर, उस नजर को, एक...
अभिव्यक्ति.. द्वारा  ADRIL in Hindi Novels
आखिरी... पहला ये इश्क था मेरा जो आखिरी हो गया,.. देहलीज़ पे अपनी दुल्हन का ख्वाब आखिरी हो गया,.. तेरे नाम का पहला हकदार अ...
अभिव्यक्ति.. द्वारा  ADRIL in Hindi Novels
में नहीं चाहती,...      सीता जैसी महान बनकर, में जीना नहीं चाहती फसल की तरह धरती से में पैदा होना नहीं चाहती   औरत हू मे...
अभिव्यक्ति.. द्वारा  ADRIL in Hindi Novels
  इंतकाम,...    कसम से इंतकाम का हमें ऐसा सुकून मिले  खुदा करे की तुम्हे तुमसा कोई हू-ब-हू मिले    जिसे तुम बेपनाह चाहो...