KAAPURUSH book and story is written by S Sinha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. KAAPURUSH is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कापुरुष - उपन्यास
S Sinha
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
“ अरे जवान लड़के पर इस तरह कोई हाथ उठाता है क्या ? . “ माँ सीता देवी ने अपने बड़े बेटे डॉक्टर सोनी से कहा .
सोनी को अपने छोटे भाई हीरा के गाल पर जोरदार तमाचा लगाते देख कर माँ से कहा
“ माँ अगर तुमने इसे बचपन में मारा होता तो आज मुझे इस आवारा लड़के पर हाथ उठाने की जरूरत नहीं पड़ती . “
“ क्या किया है इसने ? बिना पूछे मुंबई चला गया था , यही न ? “ माँ ने फिर कहा
“ नहीं , सिर्फ इतना ही नहीं . इसने अपनी भाभी के झुमके चुरा कर बेच डाले और उन्हीं रुपयों से मुंबई भाग गया हीरो बनने . इसे किसी तरह मैंने बी ए कराया . बी ए में किसी तरह पास मार्क लाया , इस डिग्री पर इसे कोई नौकरी नहीं मिल रही थी . तब फिर किसी तरह प्राइवेट लॉ की डिग्री ली . फिर मैंने अपने एक दोस्त सीनियर वकील के अंडर भेजा ताकि कुछ वकालत सीखे और अपने पैरों पर खड़ा हो सके . पर इन पर हीरो बनने का भूत सवार था . अब तुम ही इसे समझाओ . “
भाग -1 एक ऐसी कहानी जिसमें आदमी पारिवारिक दबाव में आ कर दो शादी तो करता है पर खुद पर शर्मिंदा भी है … कहानी - कापुरुष “ अरे जवान लड़के पर इस तरह कोई हाथ उठाता ...और पढ़ेक्या ? . “ माँ सीता देवी ने अपने बड़े बेटे डॉक्टर सोनी से कहा . सोनी को अपने छोटे भाई हीरा के गाल पर जोरदार तमाचा लगाते देख कर माँ से कहा “ माँ अगर तुमने इसे बचपन में मारा होता तो आज मुझे इस आवारा लड़के पर हाथ उठाने की जरूरत नहीं पड़ती . “ “ क्या
पिछले अंक में आपने पढ़ा कि हीरा बड़े भाई डॉ सोनी के ससुराल नौकरी की तलाश में गया। अब आगे …. कहानी - कापुरुष भाग 2 हीरा अपने बड़े भाई डॉ सोनी के ससुराल गया . कुछ ...और पढ़ेके लिए उसे वहीँ ठहरना भी था . डॉ सोनी के ससुर अच्छे ठाटबाट से रहते थे और हों क्यों न .आखिर सुरेश म्युनिसिपल कमिश्नर जो थे . हीरा के ठहरने के लिए भी एक अच्छा सा कमरा दिया गया . यहाँ की शान शौकत देख कर हीरा का मन सोचने लगा कि अच्छा होता यदि वह यहीं रह जाता
पिछले अंक में आपने पढ़ा कि हीरा बड़े भाई डॉ सोनी के ससुराल नौकरी की तलाश में गया . अब आगे … कहानी - कापुरुष भाग 3 इसी बीच मधु की माँ रमा दो दिनों ...और पढ़ेलिए रांची गयी . रांची से लौटते समय उसकी टैक्सी घाटी में काफी नीचे जा गिरी . इस हादसे में रमा का देहांत घटनास्थल पर ही हो गया . मधु के ऊपर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा . उसका और कोई नजदीकी रिश्तेदार भी नहीं था . एक दो दूर के रिश्तेदार आये थे जो दाह संस्कार के बाद
पिछले अंक में आपने पढ़ा कि हीरा की माँ ने आत्महत्या का प्रयास किया था पर उसके बड़े डॉ सोनी ने उसे बचा लिया . अब आगे अंतिम भाग में पढ़ें … कहानी - कापुरुष अंतिम ...और पढ़े4 माँ ने फिर कहा “ मेरी जान तुमलोग कब तक बचाओगे . मेरे जीते जी हीरा की शादी किसी दूसरी लड़की से हो , मुझे मंजूर नहीं है . इसे मेरी मर्जी की लड़की से शादी करनी होगी नहीं तो मैं किसी पल जान दे दूँगी . तुमलोग कब तक मुझे बचाते रहोगे . “ “ अच्छा फिलहाल