SABIRKHAN लिखित उपन्यास वो कौन थी.. | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें होम उपन्यास हिंदी उपन्यास वो कौन थी.. - उपन्यास उपन्यास वो कौन थी.. - उपन्यास SABIRKHAN द्वारा हिंदी डरावनी कहानी (3k) 98.2k 145.5k 940 (अपने अंदाज को बरकरार रखते हुये एक और कहानी लेकर हाजिर हुं ) १ मकान हवा उजास वाला और काफी बडा है जिजु..! निगाहने सारे कमरे का मुआयना करके अरमान के चेहरे पर उभर आए विचित्र भावों को पढ़ने ...और पढ़ेकोशिश करते हुए कहावैसे आप और जीजी को रहना है !पसंद नहीं है तो दूसरा ढूंढ लेंगे तब तक आप मेरे घर में रह जाओ!फ्लैट के 3 बड़े बड़े कमरे और किचन को देखने के बाद अरमान को जो विचित्र एहसास हुए उसको वह जाहिर कर के अपनी पत्नी नाज को परेशान करना नहीं चाहता था!मन के विचारों पर पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें पूर्ण उपन्यास वो कौन थी.. (298) 16.8k 20k (अपने अंदाज को बरकरार रखते हुये एक और कहानी लेकर हाजिर हुं ) १ मकान हवा उजास वाला और काफी बडा है जिजु..! निगाहने सारे कमरे का मुआयना करके अरमान के चेहरे पर उभर आए विचित्र भावों को पढ़ने ...और पढ़ेकोशिश करते हुए कहावैसे आप और जीजी को रहना है !पसंद नहीं है तो दूसरा ढूंढ लेंगे तब तक आप मेरे घर में रह जाओ!फ्लैट के 3 बड़े बड़े कमरे और किचन को देखने के बाद अरमान को जो विचित्र एहसास हुए उसको वह जाहिर कर के अपनी पत्नी नाज को परेशान करना नहीं चाहता था!मन के विचारों पर सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 2 (167) 9.1k 11.2k ( अगले पार्ट में हमने देखा की डरावनी रात का एक एक पल निगाह के लिए युग जैसा लग रहा था सास बहू दोनों परेशान हो जाते हैं! सर धूम रहा था! वो अपनी आंखो पर वजन महसूस करती ...और पढ़ेवक्त किसी ने दरवाजा ठोका था अपनी दीदी और जीजा होने का अंदेशा पाकर वह दरवाजे पर आती है!दरवाजे पर से रेहान की आवाज सुनकर उसके ह्रदय को धक्का लगता है! अपनी गलती पर उसे बहुत पछतावा होता है अपने बच्चे रेहान को बाहर जाने देने गलती से कैसे हो गई?जब उस बच्चे के लिए वह दरवाजा सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 3 (165) 7.9k 12.4k (अगले पार्टमे देखाकी.. एक कार हादसा देखकर फर्नाडिंज अमन की गाडी रुकवाता है..! वो घभराया हुवा भागकर गाडी की और आता हैं अब आगे) ठंड की वजह से अमन को गाड़ी से बाहर निकलने की जरा भी इच्छा नहीं ...और पढ़ेमगर फर्नांडिस कब से जहां कार हादसा हुआ था ,उस जगह पर गया था! जब काफी देर हो गई तो अमन को उसकी चिंता होने लगी! रात के वक्त में ऐसी जगहों पर रुकना खतरनाक था! लुटेरों के आतंक की वजह से इस सड़क पर पहले काफी लूटपाट हो चुकी है !अनगिनत लोगों का मर्डर हुआ है ,जो सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी-4 (142) 6.9k 9.6k तभी वो शैतानी बच्चा उसके घर मे जा धमका है..! उसका मन अब खाने में नहि लगा..! वो उठ गया! हवा के तेज रुख से दिवार पर टंगा कैलेन्डर उसके टेबल पर आकर गीरा! फडफडा कर सब ...और पढ़ेउलट गये.. रविवार और पूष्प नक्षत्र की तारीख पर रेड मार्कर से मार्क किया गया था! 7 तारीख थी.! मतलब कल की तारीख पर मार्क था! अमन के दिमाग में एक अजीब विचार कौंधा..! क्या ये कोई अगमचेती थी? कोई संकेत था ,जिसके पिछे कोई दिल दहलाने वाला राज छूपा था? क्योंकि घरकी दिवार पर लिखी अरबी ईबारत कुछ दफन राज की और ईशारा कर रही थी! कुछ अनसुलझी पहेली जरुर थी, जो फिलहाल उसकी समझ मे नहीं आ रही थी! सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी.. - 5 (140) 6.2k 9k उसने मरने से पहले जिस बच्चे को जन्म दिया था वह बच्चा गायब था ! फर्नांडिस काफी डर गया था! उसके दिमाग में यह बात आई थी की वह मरी हुई औरत पुलिस के हाथ्ये लग जाती है तो ...और पढ़ेवह पकड़ा जाएगा ! इसलिए फर्नांडीज नें किसी की हेल्प ले कर उस औरत की डेड बॉडी को ठिकाने लगाने का प्लान बना दिया! भागता हुआ वह ढाबे पर पहुंचा! ढाबे वाला लड़का फर्नांडिस को अच्छी तरह जानता था! फर्नांडीज ने जब इशारा करके उससे बाहर बुलाया तो वह बेझिझक उसके पास चला आया! तन्ने कुछ मारो सपोर्ट करणो है..? ऐळी कई बात है ? कुछ परेशाणी वाली बात है? यो काम करण वास्ते कलेजो छत्तीस रो चावे! काम थारे मुफ्त में नीं करणो है! थन्ने मिठाई खिलाउला! सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी-6 (137) 4.1k 5.5k अमन गेलरी मे आ गया! वो ईस वक्त दो मंजिला मकान के उपरी हिस्से मे था! ठीक सामने वाले मकान मे एक खौफ़नाक नजारा उसने देखा! एक औरत छत पर एक बच्चे को दोनो हाथो में जकडे हूये थी! ...और पढ़ेके हाथो के ठीक नीचे बिजली का खंभा उसी मकान से एक ईन्च की दूरी पर मौजुद था! अमन की नजरे जैसे ही उस पर पडी, हवा में लहराते खुले बालो वाली उस औरत ने रहस्यमय मुस्कान के साथ अमन को देखा और उस बच्चे को खंभे के उपरी छौर पर बिठा दिया! बच्चे को वहां से उठा लो..! वो सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी-7 (121) 3.7k 6.7k पिछले भाग में हमने देखा कि वारिस खान की बीवी बताती है 10 रोज पहले अमन की गाड़ी एक कार से टकराई थी!जहां अमन की मौत हो गई थी फर्नांडीस उसकी धड़कने दोबारा शुरू कर दी तभी फर्नांडिस की ...और पढ़ेउसके सामने थी अब आगे) बाहर शीत लहर छाई होने के बावजुद कमरे में जरा भी ठंड महेसूस नही हो रही थी! कमरा पूरी तरह पेक था! वारिसखान के बेडरूम मे परदे के भीतर एक परछाई बेठी थी!उसकी गोद में वो बच्ची लेटी थी! अपनी बच्ची के बालो को अपने हाथों से वो सहला रही थी! आधी रात सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी-8 (121) 3.5k 4.9k अमन आगे बढा..! गुलाब की खुश्बु से कमरा पूरी तरह महक उठा था! दीवार पर टंगी बहुत ही पुराने माडल की एन्टिक घडी की बडी सूई सरसर आवाज के साथ खिसक कर रात के 2 पर स्टोप हुई! तभी ...और पढ़ेके इस खौफनाक सन्नाटे में 'टन.. टन 'घडी के घंटे की आवाज दूर-दूर तक चली गई! इस वक्त कोई भी आवाज उसको छूं नहीं रही थी! अमन ने जैसे ही उस पर्दानशीन औरत की बेड के आसपास बंघे रेशमी परदे को छूआ..!कोई छलावे ने बिना नजर आये ही एक भारी घूंसा अमन को रसीद कर दिया!वार इतना जबरदस्त था कि सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 9 (111) 3.4k 5.1k (पिछले पार्ट में हमने देखा की अंजुमन के शरीर में रही रूहानी शक्तियां अमन को बताती है कि वो आखिर कौन थी और क्यों एक-एक करके सब को मौत के घाट उतार रही है अब आगे) दिमाग चक्कर ...और पढ़ेकी तरह धुमने लगा उसका! जब अंजुमन की बच्ची ने दस्तक होने पर दरवाजा खोला !भीगी हवा ने बेफाम होकर मिनटो मे धर का माहौल पलट दिया! वो डोर लोक करके वापस मां के पास बैठ गई थी! उस वक्त अंजुमन का मन और दिमाग सतर्क हो गये !हथोडे की तरह एक बात दिमाग पर चोट कर रही थी सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 10 (93) 2.8k 4.2k (पिछले पार्ट में हमने देखा कि वारिस खान को फज्र के वक्त किसी अनजान लड़की कि कॉल आती है!घबराई हुई वह लड़की वहां पर हुए अत्याचार के बारे में बताती है वारिस खान वहां पर पहुंचकर बहुत ही खौफनाक ...और पढ़ेको देखता है फर्नांडिस की लाश रोंगटे खड़े कर देने वाली हालत में पाई जाती है घटना की तफ्तीश करने ढाबे पर पहुंच था जहां अपने बच्चे को दोषी पाकर ढाबे वाला गबरुसिंग वारिसखान को पैसे देकर चुप कर देता है! तभी उन्हें मालूम होता है कि छोरे की खौफनाक मौत हुई है गबरुसिंग भूमि पर लुढ़क कर सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी-11 (89) 2.6k 3.7k (पिछले पार्ट में हमने देखा कि अपने दांपत्य जीवन में सुखी जिया के सामने एक रहस्यमई घटना घटती है अचानक एक कौवा उसके पास आकर बैठ जाता है उसकी आवाज कर्कश और विचित्र है दूसरी तरफ एक छोटे से ...और पढ़ेके बच्चे को डर देखकर डरी हुई निगाह के साथ क्या होता है पढीए इस भाग में..) वह रात अमन की जिंदगी में सबसे खौफनाक रात साबित हुई!तकरीबन तीसरा प्रहर था!अगर वारिसखान की रूह उसे अपने घर ना ले आती तो गुलशन की आत्मा उसी का भी वही हश्र करती जो उसने कसूरवार लोगो का किया था!जब गुलशन की सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 12 (86) 2.5k 3.4k (पिछले पार्ट मे हमने देखा की अमन का रुप धरकर वो निगाह से फिझिकल रीलेशन बनाने की कोशिश करता है... अब आगे..) वो कौन थी ( होररकथा) ---------भयावह अंधेरा ...और पढ़ेकर उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई थी!घने जंगलों में जमीन की तह तक चंद्रमा की चांदनी भारी तूफान की वजह से लुका छुपी खेल रही थी! आधा आसमा घऩे बादलों से गिरा हुआ था !जबकि आधा सितारों से जगमगाया हुआ था!दूर जा रहा शशी कभी-कबार बदलीअों के पीछे छुप कर अपनी लीला बार-बार समेट लेता था!एक पेड़ के सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 13 (86) 2.4k 3.2k आबु का सर्द सुनहरा मौसम खुशनुमा था!जिया आबु का सर्द सुनहरा मौसम खुशनुमा था!जिया गुलशन की मां सुल्तान और उनकी खातून एक साथ एक ही कार मे आबु निकले थे! जब पहुंचे श्याम के 4:00 बज रहे थे! सुल्तान ...और पढ़ेड्राइवर उसके कहने से किसी की गाड़ी ले आया था तत्पश्चात वह लोग बिना समय गंवाए निकल पड़े थे! ड्राइवर इकबाल ने पूछा भी था आखिर अचानक ऐसी क्या बात हो गई सुल्तान भाई जो आनन-फानन में आबू जाना है! सुल्तान ने उसे सारी बात से अवगत कराया ! फिर इकबाल चुप हो गया था परिस्थिति की गंभीरता को वो सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 14 (84) 2k 3.2k (पिछले पार्ट में हमने देखा कि जिया सुल्तान की फैमिली के साथ गुलशन को ढूंढने आबू पहुंचते हैं अब आगे) सांझ ढल रही थी! सूरज की सुनहरी किरने जैसे रंग बदलने लगी थी!तावड़े भले ही गाड़ी ड्राइव ...और पढ़ेरहा था, पर उसका दिमाग उन लाशों के ढेर में उलझा हुआ था..!पुलिस जीप को मेईन रोड पर लेते हुए सुल्तान के सामने तावडे ने अपनी उलझन का राग आलापा! जनाब एक बात तो पक्की है ! तुम्हारे बच्चों के साथ हुआ एक्सिडेंट और इन हत्याओं की वारदातो के बीच कुछ ना कुछ कम्युनिकेशन जरूर है! कोई सोच भी सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 15 (68) 2.2k 3.2k सांझ ढल रही थी! सूरज की सुनहरी किरने जैसे रंग बदलने लगी थी!तावड़े भले ही गाड़ी ड्राइव कर रहा था, पर उसका दिमाग उन लाशों के ढेर में उलझा हुआ था..!पुलिस जीप को मेईन रोड पर लेते हुए सुल्तान ...और पढ़ेसामने तावडे ने अपनी उलझन का राग आलापा! जनाब एक बात तो पक्की है ! तुम्हारे बच्चों के साथ हुआ एक्सिडेंट और इन हत्याओं की वारदातो के बीच कुछ ना कुछ कम्युनिकेशन जरूर है! कोई सोच भी नहीं सकता कि ऐसा भी हो सकता है , लेकिन सर जी(वारिसखान) के कॉल के बाद इस गुत्थी को सुलझाने में मेरी सुनो अभी पढ़ो वो कोन थी - 16 (83) 2.1k 3.1k गाडी रुकते ही पगलाई सी जिया जंगल की ओर भागी जैसे इस जमी से बखूबी परिचित हो..!सुल्तान नें एक उडती नजर अपनी लिनिया पर डाली! भुमि पर सुखे पत्तौ की परत बिछी थी तभी तो पांव बजने लगे थे..! ...और पढ़ेगुलशन की कोख मे पल रहा था! राक्षसी पेड़ों के घेरे में छुपकर बैठे गिद्घ अभी भी गोश्त के लोथडों के साथ एक दूसरे से छीना-झपटी कर रहे थे! वह खूंखार जानवर आक्रमक रूप अख्तियार कर के अधमरे किसी भी जीव पर धावा बोलने हमेशा तत्पर रहते.! एक दुसरे पर हमले के वक्त निकलती उनकी आवाजो ने जंगल के माहौल सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 17 (83) 2k 2.8k एक जबरदस्त खेल शुरू हुआ था!जिसका अंदाजा जिया को हो चुका था..!यकीनन कोई ऐसी बात थी जो दिमाग के परखच्चे उड़ाने की ताकत रखती थी..!तावड़े का अचानक ही बदला हुआ रूप सुल्तान और जिया दोनों को आंख में कंकर ...और पढ़ेतरह चुभा था..!जिया ने सूचक नजरों से सुल्तान को देखा ! जिया की बात को सुल्तान समझ गया! जो होगा देखा जाएगा! यही बात दोनों ने मन में ठान ली!तावडे की गाड़ी पहाड़ियों के रास्ते में तेजी से भाग रही थी..! उसका चुप हो जाना जैसे किसी बड़े आने वाले तूफान का अंदेशा था..!कामदेव ने पूरे प्रदेश पर अपना जादू बिखेरा था..! सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 18 (91) 2.1k 3.5k "कहां होगी मेरी बच्ची ..? किस हाल में होगी ? कोई उसे ढूंढ कर ले आओ ..! गुलशनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल था! वो बार-बार एक ही बात बोले जा रही थी! "मुझे मेरी बच्ची से मिलाओ..! मैं ...और पढ़ेबच्ची के बिना नहीं जी सकती..!इन बूढी आंखों की रोशनी है मेरी बच्ची...! मुझे मेरी बच्ची के पास ले चलो..! जनरल वार्ड में उनकी ऐसी दयनिय हालत देखकर बहुत सारे पेशेंट और उनके रिलेटिव पिघल से गए थे! काफी हद तक खलिल ठीक था! अपनी सास की हालत को वह अच्छी तरह समझ सकता था! एक मां का दिल सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी-19 (77) 1.6k 3k सूरज ढल चुका था,फिर भी क्षितिज गुलाबी चुनरी ओढ़ कर और भी लुभावनी लग रही थी...!आबू का खूबसूरत प्राकृतिक नजारा कैमरे में कैद कर लेने को किसी का भी मन उतावला हो उठे एेसा था!मन को प्रसन्नता से भर ...और पढ़ेवाले अनुपम करिश्माई मंजर आंखों की ठंडक बने हुए थे!धीमे-धीमे पश्चिम की ओर क्षितिज पर मंडराने वाली सिंदूरी रोशनी अपनी रोनक समेटते हुए अंधेरे के आगोश में ढलने लगी !घाढ अंधेरा हो जाए उससे पहले तावड़े को फर्नांडिज का पर्स हासिल करने की तलब लगी थी!वारिसखान की आत्मा का अचानक प्रकट होना और फिर गायब हो जाना बात कुछ हजम सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 20 (92) 1.8k 3.9k काले घने अंधेरे में गुलशन का सिर हाथ में लेकर अमन को भागते हुए देख कर सुल्तान भी चौक गया था!"Oh my god... ये तो मोहम्मद अमन है..! उसके हाथों में गुलशन का कटा हुआ सिर है ! भागो ...और पढ़ेहमें इसका पीछा करना है! किसी भी हाल में उसे पकड़ना रहै!"सुल्तान का रोंया रोंया खडा हो गया !रात के अंधेरे में जिया का पीछा करते हुए दोनों एक दूसरे का हाथ थाम कर भागे!"आखिर ये मो. अमन है कौन..?और हम से पहले इसने गुलशन का सिर कहां से हासिल कर लिया..?""आपने देखा नहीं परवाने सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी.. 21 (97) 1.8k 3.2k रात काफी हो चुकी थी! लिनिया तेजी से आबू को पीछे छोड़ कर पालनपुर की ओर भाग रही थी! होस्पिटल से खलिल को छुट्टी मिलने के बाद खलिल उसकी अम्मीजान और गुलशन कि मां सबकी राह तक कर बैठे ...और पढ़ेतावडे ने लिनिया को एक्सिडेन्ट प्लेस से बिना झिझक होस्पिटल पहोंचाया था! सुल्तान ने तावडे का शुक्रिया अदा करते हुए कहा था! "आप जैसे पुलिसिये बहोत कम मिलते हैं, जो जी जान से हर कदम मुश्किलो मे साथ देते है! आप हमेशा मेरे दिल और दिमाग मे रहोगे..! मुस्कुराकर तावडे बिदा हो गया था! खलिल शोक में डूबा हुआ था! सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 22 (85) 1.6k 3.1k दूर-दूर से लंबी दूरी की गाड़ियों की व्हिसल सुनाई दे रही थी!रात के लास्ट पहर में भी शहर में रोशनी बिखरी हुई थी! एकल-दोकल वाहनो में निकलने वाले इंसानों को छोड़कर अभी कोई चहल-पहल नहीं थी!शहर की अंदरूनी गलियां ...और पढ़ेथी!इस वक्त उस मकान की खिड़कियों की झिर्रियों से झांकते वक्त उसका दिल धाड-धाड बज रहा था!जब उसने पूछा क्या चाहिए तुम्हे..?वो काला बच्चा चुप हो गया!जब बार-बार पूछा गया! तो खिलखिला कर उस बच्चे ने जो मांगा वह सुनकर उसकी हालत पतली हो गई!फज्र के वक्त चुपके से उनकी बातें सुन रही जिया के पैर कांपने लगे!उसकी सारी आशंका सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 23 (93) 1.6k 3.1k जिया ने डोरबेल को पुश किया!उसी पल दरवाजे के भीतर लगे सेंसर के स्पीकर से आवाज उठी!"अस्सलाम वालेकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातहू..! दरवाजा खोलिए..! कोई बाहर दरवाजे पर मौजूद है..! दरवाजा खोलिए..! दरवाजा खोलिए..!"स्पीकर बजने लगा!एक एक पल जिया ...और पढ़ेलिए बहुत ही भारी साबित हो रहा था! उसके साथ पेश आए वाकये से वो इतनी बुरी तरह डरी हुई थी कि बार-बार पीछे मुड़कर गली में देख रही थी!डोरबेल बजने के बावजूद दरवाजा खोलने में देरी हुई तो उसने दरवाजे को जोरों से ठोकना शुरू किया!"दरवाजा खोलो..! खलिल दरवाजा जल्दी खोलो..!""कौन है..?" दूर से खलिल की आवाज सुनाई दी..!""मैं सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 24 (95) 1.6k 3.2k जिया के चेहरे पर उड़ने वाली हवाईयां नापते ही सुल्तान चीखा था! "तुमको मना किया था मैंने कि अपनी मनहूस शक्ल मुझे मत दिखाना? फिर तुम मेरे घर पर क्यों आई हो..?" सुल्तान के बदले तेवर देखकर खलिल और ...और पढ़ेमां बुरी तरह चौके ! "गेट आउट.. अभी की अभी मेरे घर से निकल जाओ..! फूटो यहां से..!!" सुल्तान जब फिर से दहाड़ा तो खलिल के भंवे सिकुड़ गए..! बात कुछ हजम नहीं हो रही! अब्बा बेवजह जिया को डांटे ये मुमकिन ही नहीं है! जिस तरह से जिया अब्बा को देख कर चौक गई थी, जाहिर था की उसने सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 25 (86) 1.7k 3.8k सुब्हा का वक्त..!लोबान के धुंप से ढका मजार का माहौल..गुलाब के फूलो की महक..!तरह-तरह के ईत्र की मिली-झुली खुशबू का लुभावना आलम..! ढोलक के ताल कव्वालियां की रौनक..धुएं के गुब्बारो में से अलप-झलप दिखने वाले डरावने चहरे..!कुछ भी बेअसर ...और पढ़ेथा!जिया खलिल का हाथ थामे खडी थी!कोई लंबी घनी डाढी वाला शख्श मिर्गी के मरीज की तरह छटपटा रहा था ,तो कोई बड़ी बड़ी आंखों से उसे घूर रहा था! कोई अपना सर पीट रहा था तो कोई चिल्ला रहा था!"मत जलाओ मुझे..! छोड़ दो ! जाने दो यहां से!"जिया लोबान के धूप में गुम हुए उस शख्स की ओर सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 26 (90) 1.8k 3.3k रुहो का कोई धर्म नही होता!इस बात को ईल्म धारण करने वाले बखूबी जानते है!बाबा का मजार में होना ईतफाक नही था, तय था पहले से.. ! किसी के प्राणो को बचाने वो कुछ भी कर गुजरते है!एक सिध्धयोगी ...और पढ़ेवो उपरी ताकतो को ताड लेते है! उनको कंट्रोल अपने तरीके से करते है!बाबा अच्छी तरह जानते थे की कोई है, जिसने जिन्न को वश किया है! उस इन्सान को पहचान लिया जाता तो बहुत जल्द जिया और खलिल के परिवार को जिन्न के करतूतो से बचाया जा सकता था!जिया को किसी भी हालत में 7 दिन तक मजार पर सुनो अभी पढ़ो वो कौन थी - 27 - Last (121) 2.3k 4.3k बड़ा ही घुमावदार चक्कर था!खलिल सुल्तान और यहां तक कि बाबा भी उसे पकड नही पाये थे!उस रात अम्मी ने जिया की बच्ची गुम होने की खबर सूनाई, तो खलिल के होश उड गये..!कहीं जिन्नात ने उस मासूम बच्ची ...और पढ़ेनुकसान पहुंचाया तो नही पहुचाया..?उस नन्हीं सी जान को अगर खरोच भी आई तो..?यह सोचकर भी खलिल की रूह कांप उठी!भागता हुआ वह जिया के घर पहुंचा! तब तक अपनी बच्ची बाहर नहीं है यह सूनकर वो बावली सी हो गई!"अब वो मेरी बच्ची को नहीं बख्शने वाला..! मेरे कर्मों की सजा मेरी बच्ची को भुगतनी पड़ेगी..! मैं क्या करूं सुनो अभी पढ़ो अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ SABIRKHAN फॉलो