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प्रेमी-आत्मा मरीचिका - उपन्यास
Satish Thakur
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
ये बात आज से बहुत पहले की है जब सामाजिक कुरीतियों और वीभत्स प्रथाओं का समय हुआ करता था। उस समय एक राज्य था नागोनी होरा, ये एक आदिवासी राज्य था यहाँ उस समय सभी प्रकार की सामाजिक कुरीतियाँ और प्रथाएँ प्रचलन में थीं। इस राज्य के भौगोलिक आकर की वजह से इसका नाम नागोनी पड़ा क्योंकि उसका आकार ऐसा था जैसे कई सारी नागिन अपने बिल में से निकल कर भाग रही हों और इसका अंतिम नाम होरा यहाँ राज करने वाले आदिवासी राजा की जाति के आधार पर रखा गया।
यहाँ के राजा का नाम था तेम्बू होरा, वो यहाँ अपनी बेटी कस्तूरी, बेटा हलक और कई सारी पत्नियों के साथ रहता था, उसकी प्रमुख पत्नी का नाम सुहागा था। राजा तेम्बू को देख कर ही उसके क्रूर और वहसी होने का पता लगता था, उसका चेहरा कई जगह से कटा हुआ था पर एक निशान जो दाई आँख के ऊपर माथे से चालू होकर उसकी नाक को पार करता हुआ बाएँ गाल के आखिर तक जाता था, उसे देख कर कोई भी उसकी दहशत में आये बिना नहीं रह सकता था।
तेम्बू होरा के मंत्री भी उसी की तरह खूंखार और दरिंदे थे इनमें सबसे ज्यादा बदनाम और कमीना मंत्री था सुकैत, इसी राज्य में एक ओझा भी था जिसे बहुत सी काली शक्तियां प्राप्त थीं, राजा भी इसकी राय के बिना कोई काम नहीं करता था और पूरा राज्य इससे खौफ खाता था इसका नाम था हरेन। राजा अपने सभी काम बहुत ही गुप्त तरीके से किया करता था, यहाँ तक की इनका ये राज्य भी गुप्त था। सिर्फ नागोनी होरा के लोगों को ही इस राज्य के बारे में जानकारी थी इसके अलावा संसार और कोई भी नहीं जानता था की इस नाम का कोई राज्य भी है, और अगर कोई भूल से भटक कर इस राज्य की तरफ आ जाता था वो फिर बच कर बापस नहीं जा सकता था।
प्रेमी-आत्मा मरीचिका - 01 ये बात आज से बहुत पहले की है जब सामाजिक कुरीतियों और वीभत्स प्रथाओं का समय हुआ करता था। उस समय एक राज्य था नागोनी होरा, ये एक आदिवासी राज्य था यहाँ उस समय सभी ...और पढ़ेकी सामाजिक कुरीतियाँ और प्रथाएँ प्रचलन में थीं। इस राज्य के भौगोलिक आकर की वजह से इसका नाम नागोनी पड़ा क्योंकि उसका आकार ऐसा था जैसे कई सारी नागिन अपने बिल में से निकल कर भाग रही हों और इसका अंतिम नाम होरा यहाँ राज करने वाले आदिवासी राजा की जाति के आधार पर रखा गया। यहाँ के राजा का
प्रेमी-आत्मा मरीचिका - 02 “तो तुम चाहते हो की वो बच्चा तुम्हें दे दिया जाए जिससे की तुम्हें और तुम्हारी पत्नी को बच्चे का सुख मिल सके और बुढ़ापे की एक उम्मीद, सही कहा मैंने” तेम्बू कुमार की बात ...और पढ़ेसुने बिना ही बोल पड़ा। अब आगे, “जी सरदार, अगर आप हाँ करें तो” कुमार सिर्फ इतना ही कह पाया। तेम्बू ने अपने मंत्री को उस लड़के को सभा में लेकर आने को कहा, कुछ ही समय बाद वो लड़का सभा के बीचों-बीच खड़ा था। “क्या ये वही लड़का है कुमार?” तेम्बू ने कुमार की ओर देखते हुए पूछा। “
हरेन एक मांसल शरीर का स्वामी है और उसका रंग बिल्कुल काला है, चेहरे पर नाक बहुत ही बड़ी है ऐसा लगता है की उसे अलग से लगाया गया हो उसकी आँखें हमेशा लाल रहती हैं, उसके शरीर की ...और पढ़ेउसका रंग, चेहरे पर अजीब सी नाक और लाल आँखों की वजह से वो बैसे ही बहुत भयानक दिखता है उस पर वो इस समय अपने घर पर नंगा, पसीने से नहाया जिस बेढंगी मुद्रा में बैठा है उसे देख कर सुभ्रत भय से कांप गया। अब आगे - इतनी सुंदर और मादक स्त्री सुभ्रत ने कभी स्वप्न में भी
प्रेमी-आत्मा मारीचिका 04 सुभ्रत का शरीर एक रोमांच से भरा हुआ था, उसके अंदरूनी अंगों में खून का संचार बहुत तेज गति से हो रहा था, इस हालत में कस्तूरी का उसे छोड़ कर चले जाना उसे सही नहीं ...और पढ़ेपर करता भी तो क्या? अपने मन को मसोस कर वो वहां से चला जाता है। अब आगे... सूरज देवता अपनी रौशनी की छटा को समेट कर रात की चाँदनी के आगोस में आने को बेताब हो कर अस्त होने की कोशिश में थे और उधर दूसरी तरफ सुभ्रत शाम से ही रेत के एक टीले पर बैठा है जहाँ