Yaha.. Waha.. Kaha.. book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yaha.. Waha.. Kaha.. is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
यहां... वहाँ... कहाँ ? - उपन्यास
S Bhagyam Sharma
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
यहां... वहाँ... कहाँ ? मूल लेखक राजेश कुमार राजेश कुमार इस उपन्यास के मूल तमिल लेखक राजेश कुमार है। आपने 50 वर्षों में डेढ़ हजार उपन्यास लिखे और 2000 कहानियां लिखी। आपकी उपन्यास और कहानियों के पाठकों की संख्या बहुत ज्यादा है। अभी आपका नाम गिनीज बुक के लिए गया हुआ है। चाहे आपके उपन्यासों हो या कहानियां दोनों ही एक बार शुरू कर दो खत्म किए बिना रखने की इच्छा नहीं होती उसमें एक उत्सुकता बनी रहती है कि आगे क्या होगा तमिलनाडु में इनकी कहानियों और उपन्यासों की बहुत ज्यादा मांग है इसीलिए मैंने भी इनकी
यहां... वहाँ... कहाँ ? मूल लेखक राजेश कुमार राजेश कुमार इस उपन्यास के मूल तमिल लेखक राजेश कुमार है। आपने 50 वर्षों में डेढ़ हजार उपन्यास लिखे और 2000 कहानियां लिखी। आपकी उपन्यास और कहानियों के पाठकों की संख्या ...और पढ़ेज्यादा है। अभी आपका नाम गिनीज बुक के लिए गया हुआ है। चाहे आपके उपन्यासों हो या कहानियां दोनों ही एक बार शुरू कर दो खत्म किए बिना रखने की इच्छा नहीं होती उसमें एक उत्सुकता बनी रहती है कि आगे क्या होगा तमिलनाडु में इनकी कहानियों और उपन्यासों की बहुत ज्यादा मांग है इसीलिए मैंने भी इनकी
अध्याय 2 रूपला चाय भरी हुई प्यालियो को रसोई से बाहर लेकर आई। "क्या बात है जी......! विष्णु का 2 हफ्ते से कुछ पता नहीं। किसी केस के सिलसिले में बाहर गया है क्या?" "हां... मंगलूर गया था। कल ...और पढ़ेको वापस आ गया। अभी थोड़ी देर में आएगा देखो....." "क्यों मैंगलोर गया?" "प्रजानंदा एक स्वामीजी है। वह अच्छे हैं, क्या खराब हैं ऐसा दिल्ली के सी.बी.आई. को संदेह है। उनके बारे में मालूम करने के लिए उसे योगा सीखने के लिए एक भक्त बना कर भेजा हैं । जाकर आ जाएगा।" "उसका रिजल्ट क्या है? प्रजानंदा अच्छे हैं.... नहीं
अध्याय 3 सातवीं मंजिल के छत के किनारे खड़े होकर नीचे देख रहा था गोकुलम। नीचे बहुत से पत्थर दिखाई दे रहे थे। सर के बल गिरे तो बस..... तुरंत मृत्यु। सूर्य की लालिमा अब 50% दिखने लगा.... समुद्र ...और पढ़ेलहरों में लालिमा चिपक गई। 'नीचे कूद जाना ही चाहिए'-इरादा कर जैसे पैर उठाया उसी क्षण- उसी क्षण उसके शर्ट में से मोबाइल का रिंगटोन बजा। पॉकेट में से धीरे से निकाला। डिस्प्ले में एक नया नंबर। 'यह कौन?' गोकुलम सोच कर सेल फोन को कान में लगाया। "हेलो!" दूसरी तरफ से एक आदमी की आवाज घबराहट के साथ सुनाई
अध्याय 4 उस 'रेड अलर्ट क्यूब' उस सेल के अंदर कुल 23 बड़े पुलिस अधिकारी सीधे होकर बैठे हुए थे.... कमिश्नर उपेंद्र धीमी आवाज में बात कर रहे थे। सामने के दो लाइनों में विवेक विष्णु दोनों ध्यान से ...और पढ़ेबातों को सुन रहे थे। सुबह के 10:00 बजे। "इंडिया को घूमने के लिए आए टूरिस्ट लोगों की मोहर लगे नासा के वैज्ञानिक लोग दिल्ली से रवाना होकर अगले दिन सुबह 11:00 बजे चेन्नई एयरपोर्ट आ जाएंगे। उसमें भारत के एक वैज्ञानिक अग्निहोत्री भी होंगे।' "यह 12 लोग तमिलनाडु टूरिज्म के द्वारा कोल्ड हॉटस्टार होटल चले जाएंगे। वे जैसे ही
अध्याय 5 असिस्टेंट कमिश्नर संतोष इंचंबाकम पहुंचकर अधूरे बने वामन अपार्टमेंट के सामने जीप को लाकर खड़ा किया 10:15 बजे। खून और मांस जमकर वहां गोकुलम के शरीर को देखने एक भीड़ जमा थी.... वह बीट इंस्पेक्टर को परशुरामन ...और पढ़ेकर कर सैल्यूट किया। "सर !" "आदमी कौन है परशुरामन ?" "थोड़ी देर पहले कंफर्म हुआ साहब ! सेल फोन नंबर को देखकर सब डिटेल्स कलेक्ट कर लिया। लड़के का नाम गोकुलम साहब! बहुत बड़े घर का लड़का है।" असिस्टेंट कमिश्नर अपने भौंहौ को ऊपर किया । "बड़ा घर मतलब....?" "रियल एस्टेट बिजनेस करते हुए झंडा गाड़ रहे आदिमूलम का