Bhutiya Mandir book and story is written by Rahul Haldhar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhutiya Mandir is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
भूतिया मंदिर - उपन्यास
Rahul Haldhar
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
रात के कुछ बारह बज रहे होंगे नितिन के कमरे से कुछ
आवाजें उसकी माँ को सुनाई दी
" नितिन तुम क्या कर रहे हो " उसकी माँ ने बाहर से आवाज
देते हुए पूछा ।
एकाएक अंदर से सभी चीजों के इधर उधर गिरने की
आवाजें आने लगी , उसकी माँ ने तुरंत अंदर जाकर देखा तो
नितिन ने कमरे के सारे समान इधर उधर गिरा और कुछ
चीजें तोड़ दी है और वह दीवाल से चिपककर बैठा कांप रहा
है वह पूरी तरह से पसीने से भीगा हुआ था ।
" क्या हुआ बेटा ? " उसकी माँ परेशान होकर पूछा ।
उसने वहीं सामने दीवाल की तरह इशारा करते हुए कहा
– " मां वह मुझे मार देगा । "
" पर कौन बेटा , कौन मार देगा ।"
रात के कुछ बारह बज रहे होंगे नितिन के कमरे से कुछआवाजें उसकी माँ को सुनाई दी " नितिन तुम क्या कर रहे हो " उसकी माँ ने बाहर से आवाजदेते हुए पूछा ।एकाएक अंदर से सभी चीजों के ...और पढ़ेउधर गिरने कीआवाजें आने लगी , उसकी माँ ने तुरंत अंदर जाकर देखा तो नितिन ने कमरे के सारे समान इधर उधर गिरा और कुछचीजें तोड़ दी है और वह दीवाल से चिपककर बैठा कांप रहाहै वह पूरी तरह से पसीने से भीगा हुआ था ।" क्या हुआ बेटा ? " उसकी माँ परेशान होकर पूछा ।उसने वहीं सामने दीवाल की तरह
इस घटना के 10 दिन पहले ......नितिन , विनय , शुभम और विशाल चारों बहुत खुश थे क्योंकि वे सब उत्तराखंड घूमने जा रहे थे ।उन सब का ग्रेजुएशन पूरा हुआ था और फिर इस ट्रिपका प्लान किया गया ...और पढ़े– " भाई मैंने तो कुछ गर्म कपड़े ले लिए हैं वहांबहुत ठंडी पड़ती है । " विनय – " भाई हमें भी पता है । " विशाल – " यार वहां किसी नैनीताली को मैं दिल न दे बैठू । " तीनों हँस पड़े और बोले – " तू तो है ही दिलफेंक आशिकतुझे कोई न कोई मिल ही जाएगी । " कुछ घंटों के
अब आगे ….अंधेरा का घेरा कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था पर फिर भी वह चारों पहाड़ पर बिना किसी दिशा देखे चल पड़े ,सबसे खराब बात यह थी कि उनमें से किसी के मोबाइलमें नेटवर्क नही था , ...और पढ़ेपहाड़ पर नेटवर्क कहाँ , नेटवर्क हो तो पुलिस को तो फोन ही किया जा सकताथा । और एक अजीब सा डर उनके अंदर आ गया थाऔर न जाने बीच -बीच में नितिन अजीब हरकत कर रहा था , कभी कहता ' चलो उस मंदिर में चले ' कभीकहता ' हम सब मर जायेंगे ' तो कभी ' तुम सब केमांस का स्वाद बहुत
अब तक आपने पढ़ा कि , चारों पहाड़ो में अंधेरे में खोने के बाद वहीं के एक पहाड़ी गांव में पहुंचे , और अगले सुबह शुभम ने नितिन को एक अलग रूप में देखा ।अब आगे ….शुभम चिल्लाते हुए ...और पढ़ेओर गया जहां सब सोए हुए थे , वहां नितिन नही था । तो वह सबको जगानेलगा , चिल्लाहट सुन सब जग गए । तो शुभमबोला – " नितिन अभी यहां बाहर से ही गायब हो गया , मैंने अपने आंखों से देखा ।"विनय आंख मलते हुए बोला – " क्या बकवास कर रहा है ? , वहीं बाहर होगा । " शुभम चिल्लाकर बोला –
'घटना के स्थान पर ….'नितिन की मां बाहर दरवाजे पर रोते - रोते बेहोशीकी हालत में है , बेटे की अभी - अभी क्रिया क्रमहुई है और मौत भी अपने बेटे के हाथों , इससे बड़ीदुःख किसी मां के ...और पढ़ेमें और क्या होगी ? नितिन के पिता कई साल पहले हार्टअटैक के चलते सिधार चुके हैं , नितिन की मां एक लेडीज कपड़े की दुकान में ड्रेस सिलाई की काम करती और उसी से छोटे और बड़े दोनों को पढ़ा रही थी ।हादसे के तीसरे दिन विनय फिर से उसके घर गया अब तक नितिन की कोई खबर नही थी । विनय को देखते ही