भूतिया मंदिर - 5 Rahul Haldhar द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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भूतिया मंदिर - 5

'घटना के स्थान पर ….'

नितिन की मां बाहर दरवाजे पर रोते - रोते बेहोशी
की हालत में है , बेटे की अभी - अभी क्रिया क्रम
हुई है और मौत भी अपने बेटे के हाथों , इससे बड़ी
दुःख किसी मां के मन में और क्या होगी ?
नितिन के पिता कई साल पहले हार्टअटैक के चलते
सिधार चुके हैं , नितिन की मां एक लेडीज कपड़े की
दुकान में ड्रेस सिलाई की काम करती और उसी से
छोटे और बड़े दोनों को पढ़ा रही थी ।

हादसे के तीसरे दिन विनय फिर से उसके घर गया
अब तक नितिन की कोई खबर नही थी ।
विनय को देखते ही नितिन की मां जोर से रो पड़ी
और बोली – " बेटा देख क्या हो गया , नितिन ने क्या
कर दिया और मेरा नितिन भी न जाने कहाँ चला गया ।"
यह कहते हुए रोते रोते नीचे बैठ गयी , विनय ने सात्वना
देते हुए कहा – "चाची आप चिंता न करिए वह मिल
जाएगा फिर पता चल जाएगा कि यह सब किसने किया ।"
" और किसने किया उसी ने किया है बेटा , उस दिन
उसकी आँखों में मैंने शैतान की छाया देखी थी ।वह
किसी भूत प्रेत की वश में था वरना अपने जान से ज्यादा
प्यारे भाई को वह एक खरोंच भी न दे ।" नितिन की
मां एक सांस में बोल गयी ।
विनय बोला – " चाची मैं नितिन का कमरा देख सकता
हूँ ।"
"हाँ बेटा देख लो "
नितिन के कमरे में जाते ही विनय को न जाने एक
घुटन सी महसूस हुई और दीवाल पर जो देखा वह
देख आश्चर्यचकित हो गया वहां ठीक उसी मंदिर
की तरफ यहां दीवाल पर ॐ ( ओम ) को लिख कर
काटा गया था और कई देवताओं के नाम लिखकर
भी काटा गया था और नितिन के कमरें में रखे
वैष्णो माता की फ़ोटो को भी अपमानित किया
गया था आपके चेहरे को पेन से काटा गया था ।
यह सब देख विनय का शक सही हो गया कि
हो न हो वह मंदिर सही में भूतिया है जिसने नितिन
को वश में कर लिया है विनय जान गया कि नितिन
वहीं मिलेगा ।…..

ईधर नैनीताल में बाला के गांव में ….
पूरा गांव में हलचल थी क्योंकि एक 14 -15 साल
का लड़का गायब था । उसकी खोज चल रही थी
पर वह नही मिला और अगले दिन उसकी सर कटी
लाश एक पेड़ से झूलती हुई मिली । धड़ तो था पर सिर
नही था पूरा गांव करुण क्रंदन से गूंज उठा ।
और उसी रात एक और लड़का उसी उम्र का गायब ।
पुलिस फिर आयी फिर पूरा पहाड़ छान डाला पर
कोई सुराग नही और अगले दिन फिर सर कटा धड़
पेड़ पर लटका मिला । बाला के गांव के 25 घर इस
डर से सहम उठे कि अब किसकी हत्या करेगा हत्यारा ।
पर उससे डरावनी बात यह थी कि पहाड़ के पास ही
एक और गांव में भी बड़े रहस्यमयी तरीके से जवान
लड़के की हत्या कर रखे लाश मिलने लगी ।
पुलिस को भी कुछ समझ नही आ रही थी आखिर
इन पहाड़ों में कौन सा महामारी फैल गयी है ।
पूरे नैनीताल में एक डर की लहर दौड़ गयी कोई
भी व्यक्ति पहाड़ पर जाने से डरने लगा ।
एक भी लैश की सर नही मिली यह सबसे भयावह
था , पर किसी को उस मंदिर का ख्याल नही आया ।
उस मंदिर की स्मृति मानों किसी के पास नही है
और वह छोटा जंगल और घना हो गया है ।

विनय , शुभम और विशाल नैनीताल फिर एक बार
पहुँच गए , वह सीधे मंदिर में जाना चाहते थे पर
उन्हें पहले बाला के गांव जाकर उनसे पूछना अच्छा
समझा । पर गांव पहुँच कर उन्हें हत्या के बारे में पता
चला तो उन्होंने उस मंदिर के बारे में कहा कि वहां
शायद उनका दोस्त चला गया है ।उसके ऊपर कोई
साया है ।
शाम हो चुकी थी और कोई भी उस मंदिर में नही
जाना चाहता था और सब मना भी कर रहे थे कि
वहां न जाये ।
पर उनसे न रहा गया और तीनों फिर चल पड़े उस
मंदिर की ओर ।
अंदर से एक बहुत ही बेकार सड़ी बदबू आ रही
थी मानों चर्बी और मांस जल रहा हो और बीच बीच
में किसी के जोर से हँसने की आवाज भी आ रही थी।
तीनों ने धीरे से मंदिर का दरवाजा खोला वह पूरी
तैयारी कर के आये थे विशाल ने एक डंडा या कहें
लाठी व विनय भगवान की फ़ोटो यह सब लेकर
आये थे अंदर गर्भगृह में पहुँच कर जो देखा वह देख
उनके होश उड़ गए ।
अंदर चारों तरफ मांस के सड़ने की गंध है और नितिन
पास ही बैठ कर एक लड़के की खोपड़ी जिसकी आंखे
नही थी पर बाल और चेहरे की मांस को जैसे खाया गया
हो उसी को चाट रहा था । और पास ही एक सर उस
शैतान कंकाल को चढ़ाया गया था ।

यह दृश्य देख उन तीनों की घिग्गी बंध गयी और शरीर
सुन्न हो गया । वह उस काल अंधेरे में जलते आग
की रोशनी में छुप कर यह सब देख ही रहे थे कि तभी
चारों तरफ से रोने और हँसने की आवाजें आने लगी
पर वह चीज क्या थी वह नही दिख रहा था ।
फिर वहां रखी सर को एक काली सी आकृति खाने
लगी वह बहुत ही भयानक था ।
और नितिन पास ही बैठकर उस खोपड़ी को
खा रहा और कह रहा है – " कितने दिनों के बाद
इतना स्वादिष्ट प्रसाद मिला ।"
उसकी आँखों में एक लाल हुई पुतली को साफ देखा
जा सकता था और उसके चेहरे के भयानकपन को
देख कोई भी भयभीत हो जाये ।
उन तीनों को तो कुछ समझ में नही आ रहा था कि
यहाँ हो क्या रहा है और इस नितिन को क्या हो गया
है और इसके पीछे कौन है ।
फिर उन्होंने देखा कई सारी काली आकृति उनकी तरफ
बढ़ने लगी ध्यान से देखा तो नितिन भी उनकी तरफ
ही घूर रहा था उसकी होठों से खून नीचे टपक रहा था
और जैसे वह अभी उन्हें भी खा जाएगा , काली
भयानक साया तो उनकी तरफ बढ़ ही रही थी
तीनों की हालत एकदम काटो तो खून नही ऐसा हो
गया ।

"अब हम क्या करें ?" विशाल चिल्लाया ।…
फिर तीनों बाहर की तरफ भागें पर उन साया ने शुभम
को पकड़ लिया वह चिल्लाने लगा " बचाओ - बचाओ "
विनय और विशाल तो पागलों की तरह बाहर भागे ।
फिर मुड़ कर देखा तो शुभम चिल्ला रहा था और
तभी नितिन एक बड़े से चक्कू से उसका पूरा सर
धड़ से उतार दिया चारों तरफ खून की एक फव्वारा
सा छूट गया , और नितिन किसी भयानक दानव की
तरह खड़ा होकर जोर जोर से हँसने लगा और बोला
" शैतान इस भोग को स्वीकार कर ।" .....
विनय चिल्लाया ........


…क्रमशः…