Thai Niremit yani Thailend ka jaadu book and story is written by Neelam Kulshreshtha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Thai Niremit yani Thailend ka jaadu is also popular in यात्रा विशेष in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
थाई निरेमित यानि थाईलैंड का जादू - उपन्यास
Neelam Kulshreshtha
द्वारा
हिंदी यात्रा विशेष
अहमदाबाद से दिल्ली, दिल्ली से बैंकॉक यात्रा समाप्ति पर है, नीचे ज़मीन पर दिखायी दे रहा हैं पीली रोशनियों के बीच रेगती लाल बत्तियां. -एक के पीछे एक. बस लग रहा है कि केलिडो स्कोप की तरह खूबसूरत रोशनियों का जाल बिछा हुआ है. रोशनियों के ये पीले लाल मादक गुच्छे और पास आ रहें हैं---- और पास. एयरपोर्ट से आरक्षित किए मेंशन की तरफ टैक्सी में जाते हुए समझ में आता है कि यहाँ ओवर ब्रिज बहुत हैं जिनके दोनों ओर सोडियम लाइट लगी हुई है. उनपर चलती हुई गाड़ियों में लगी लाल बत्तियाँ ऊपर से देखने में समा बाँध रहीं थीं.
एयरपोर्ट पर 'वीज़ा ऑन अराइवल' लेते हुए या बाहर निकलते हुए अश्चर्य होता ही कि कहीं कोई रोक टोक या चेकिंग नहीं है. एक्सलेटर पर चढ़ती उतरती खुशनुमा भीड़ 'बिना रोक टोक यहाँ वहाँ विचर रही है. एयरपोर्ट पर एक घंटा इंतज़ार करने के बाद टैक्सी के लिए हमारा नंबर आता है हम से मतलब है कि मेरे पति मृदुल जी, बेटा अभिनव, बहु नेहा व चार वर्षीय पोतु उपांशु. सड़क पर टैक्सी दौड़ रही है ऐसा लग रहा है हम भारत के किसी महानगर में चल रहे हैं लेकिन वहाँ दौड़ती महँगी व बड़ी कारें देखकर थाईलैंड की समृद्धि का अनुमान हो रहा है मन में एक उथल पुथल है कि ये कितने रह्स्य व पर्यटन स्थल अपने आप में समेटे हुए है जिनका रह्स्य हमारे सामने खुलेगा. हमे यहाँ के शहर के बीच के एक मेंशन में एक रात रुकना है, कल शाम को सात बजे फ़ुकेट के लिए हमारी उड़ान है.
[नीलम कुलश्रेष्ठ] एपीसोड-1 अहमदाबादसे दिल्ली, दिल्ली से बैंकॉक यात्रा समाप्ति पर है, नीचे ज़मीन पर दिखायी दे रहाहैं पीली रोशनियों के बीच रेगती लाल बत्तियां. -एक के पीछे एक. बस लग रहा है कि केलिडो स्कोपकी तरह खूबसूरत रोशनियों ...और पढ़ेजाल बिछा हुआ है. रोशनियों के ये पीले लाल मादकगुच्छे और पास आ रहें हैं---- और पास. एयरपोर्ट से आरक्षित किए मेंशन कीतरफ़टैक्सी में जाते हुए समझ में आता है कि यहाँ ओवर ब्रिज बहुत हैं जिनके दोनों ओर सोडियम लाइट लगी हुई है. उनपर चलती हुई गाड़ियों में लगी लाल बत्तियाँ ऊपर से देखने में समा बाँध रहीं थीं.
एपीसोड-2 अभिनव और नेहा को फिर पॉपकॉर्न व पेप्सी लेने बेहद अन्दर जाना पड़ता है क्योंकि भूख बहुत कुलबुला रही है. पैकेज का एक शो बाकी है समय तेज़ दौड़ चुका है, शाम की सात बजे कीफ़्लाइटफ़ुकेटकी है. हमें ...और पढ़ेदेना चाहिये था लेकिन मृदुल जी का आग्रह है वह शो भी देख लें. एक बड़े कक्ष में वह सिस्टम दिखाया जाता है कि किसतरह से इस विशाल ओशनवर्ल्डमें सभी एक्येरियम में साफ़ पानी रोज़ आता हैकिसतरह से गंदा पानी बाहर कर दिया जाता है. हर टूरिस्ट को एक टिकिट पर सोवेनियर दिया जाता है।हम यहाँ से उपहार मिलें एक
एपीसोड- 3 "म---माअ ---बि केयरफुल ---. "मेरे गाड़ीमें चढ़तेही जी जी अपना लाड उडेंल देती है,"अब मैं आपको यहाँ का सबसे पुराना टेंपलदिखाऊँगी. " इस मंदिर का स्थापत्य व रंग वैसा ही है,अन्दर बुद्ध की बड़ी प्रतिमा व दिन ...और पढ़ेहिसाब से आठ सुनहरीबुद्ध की प्रतिमायेंबनी हुई हैंलेकिन ये छोटा है. बाहर की दीवार के ऊपर एक ड्रैगन बना है. उससे सटेदाँयीओर के तालाब में काली मछलियाँ तैर रहीं हैं. इस तालाब की बाउंड्रीपर बहुत से पत्थर के मोटेमोंक विभिन्न मुद्राओं में खड़े हैं. मन्दिर के दूसरीतरफ़बनी एनेक्सी को दिखाकर कहती है.,"वहाँ प्रीस्ट रह्ते हैं. " मैदान के पारकी इमारत
एपीसोड- 4 किसी का पर्स खोने के अनाउंसमेंट से व अभिनव के कहने सेकि मृदुल जी अपना पर्स चैक करें. ये बेमन अपनी पॉकेट मेंहाथ डालतेहैं व एकदम चौंककर कहतें हैं, "अरे ! मेरा ही पर्स कपड़े बदलते समय ...और पढ़ेगया होगा. " ये काउंटर पर जाकर अपना पर्स ले आतें हैं. जेटी से हमलोगों को एक पुल से फ़ीफ़ीआईलैंड में प्रवेश करना हैसामनेएक बड़े गेट पर लिखा है 'वेलकम टुफ़ीफ़ीआईलैंड'. सड़क धूल भरी ही हैं. एकमोटी ताजी प्रौढ़विदेशीमहिला 'बिकनी में नजर आ जाती है. दाँयीतरफ़मुड़ते ही'पायरेट्सऑफ़ केरेबिअन शो 'का बोर्ड नजर आता है. बाहर भी एक भूतकाशिप के चक्के
एपीसोड - 5 हम लोग जेम्स बॉण्ड आईलैंड पहुँच चुके हैं. फ़ेरीबोट को किनारे लगा दिया जाता है जहाँ और भी फ़ेरीहैं. पथरीले तट पर सावधानी से उतरते हुए हम आगे बढ़जाते हैं. छोटे से टापू की अपनी ही ...और पढ़ेसुंदरता है, ये प्रसिद्ध इसलिए हो गया है कि एक जेम्स बॉण्ड फ़िल्मकी शूटिंग यहाँ हुई थी. मन में रोमांचक लग रहा है कि दूर दूर तक पानी केबीच हम ग्रे व मटमेली चट्टानों के बीच एक टापू की ज़मीन पर घूम रहे हैं. हमारे भारत के शहरमें खूब भीड़ भड़ होगी, वाहनों का शोर हो रहाहोगा. पीछॆ कीतरफ़जाते हीएकबहुमंज़िली