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लखनऊ मर्डर केस - उपन्यास
Palak Jain
द्वारा
हिंदी थ्रिलर
"हटिए हटिए...... चलिए दूर होइए आप लोग।" कहते हुए कांस्टेबल चहल भीड़ को लाश से दूर हटाने लगा।
इंस्पेक्टर अनिरुद्ध खत्री, कांस्टेबल चहल और एक लेडी कॉन्स्टेबल प्रीति पाटिल के साथ मौका-ए-वारदात पर मौजूद थे।
ये इलाका फैजाबाद पुलिस के अन्तर्गत आता है इसलिए फैजाबाद पुलिस वहां पर उपस्थित थीं। कंट्रोल रूम में किसी व्यक्ति का सुबह 10:30 बजे फोन आया था कि उसने फैजाबाद के जंगल में एक महिला की लाश देखी है, जिसके आधे घंटे बाद फैजाबाद पुलिस मौका-ए-वारदात पर जांच पड़ताल के लिए उपस्थित थी। इंस्पेक्टर खत्री और दोनों कॉन्स्टेबल नाक और मुंह पर रुमाल रखे.. भोंहे सिकोड़ते हुए उस महिला की लाश और वारदात कि जगह को देख रहे थे। कातिल ने महिला का चेहरा बिगाड़ दिया था जिससे वो पहचान में नहीं आ रही थी। उसके पेट पर कई सारे वार करने की वजह से अब तक काफी खून बह चुका था। एक कार थी लाल रंग की जो पेड़ में घुसी हुई थी। शायद पेड़ से टकराने कि वजह से उसका एक्सिडेंट हो गया था। कार के शीशे वगैरह टूट चुके थे।
इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं। कहानी में उल्लेखनीय स्थानों का इस्तेमाल सिर्फ कहानी को जीवंत बनाने के मकसद से किया गया है। कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से सम्बंध संयोगिक मात्र है।सर्वाधिकार सुरक्षित© ...और पढ़े लखनऊ मर्डर केस। भाग-1लखनऊ, उत्तर प्रदेश फैजाबाद रोड (जंगल एरिया) 20 जुलाई 11:00 सुबह "हटिए हटिए...... चलिए दूर होइए आप लोग।" कहते हुए कांस्टेबल चहल भीड़ को लाश से दूर हटाने लगा। इंस्पेक्टर अनिरुद्ध खत्री, कांस्टेबल चहल और एक लेडी कॉन्स्टेबल प्रीति पाटिल के साथ मौका-ए-वारदात पर मौजूद थे। ये इलाका फैजाबाद
लखनऊ मर्डर केस। भाग-2"कैसे जानते हो तुम इस महिला को..?" खत्री ने उस आदमी की तरफ देखते हुए पूछा। "सर..ये मेरी वाइफ है..नित्या मित्तल! मतलब थी..!!" उस आदमी ने मासूमियत से कहा। "तुम्हारी वाइफ थी..और तुम आज आ रहे ...और पढ़ेकल तक कहाँ थे..तुम! और आज अचानक तुम्हारी आँख कैसे खुली..?" खत्री ने लगभग झल्लाते हुए कहा। "सर मैं कल इसलिए नहीं आ पाया क्योंकि कल तक मुझे इस सब की खबर नहीं थी..वो तो आज सुबह मैंने जब अपना फोन चेक किया
लखनऊ मर्डर केस। भाग-3उसी दिन फैज़ाबाद रोड पुलिस थाना "चहल एक काम करो..तुम जाकर गाड़ी निकालो। हम पहले नित्या के ऑफिस चलते हैं उसके बाद नीतेश के ऑफिस चलेंगे। तब तक नित्या के फोन की कॉल डिटेल्स भी आ ...और पढ़ेइंस्पेक्टर खत्री ने कहा। "ठीक है सर..!!" इतना कहकर चहल वहाँ से चला गया। कुछ देर बाद दोनों जानकीपुरम में स्थित नित्या की वेडिंग एक्सपर्ट एंड इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की बिल्डिंग के सामने खड़े थे। दोनों अंदर पहुँचे तो उन्हें देखकर रिसेप्शन पर मौजूद एक दुबली पतली और लंबी सी
लखनऊ मर्डर केस- भाग 4इंस्पेक्टर अनिरुद्ध खत्री ने चहल से गाड़ी निकालने को कहा और फिर दोनों अहसान के घर की तरफ निकल पड़े। लगभग पंद्रह मिनिट बाद चहल ने गोदावरी कॉलोनी में स्थित अहसान के घर के सामने ...और पढ़ेरोक दी। खत्री गाड़ी से तुरंत उतरा और गेट के बाहर खड़े होकर डोर बेल बजाने लगा। दो तीन बार बेल बजाने के बाद भी जब किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो खत्री ने दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन वो बाहर से ही लॉक था। अहसान के एक दो पड़ोसी आवाज़ें सुनकर अपने घर से बाहर आ गए थे.!!
लखनऊ मर्डर केस- अंतलेपटॉप में सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद खत्री ने चहल से गाड़ी निकालने के लिये बोला और फिर दोनों केबिन से बाहर निकलने लगे। अचानक खत्री को कुछ याद आया तो वो पीछे पलटा और अपने ...और पढ़ेकी एक लेडी कॉन्स्टेबल प्रीति पाटिल से बोला "अरे..पाटिल मैडम आप भी चलिये हमारे साथ..!! जहाँ तक मुझे लगता है..आप की जरूरत भी पड़ सकती है वहाँ।" "ठीक है सर..मैं भी चलती हूँ।" पाटिल ने कहा और खत्री के साथ गाड़ी में बैठ गयी। कुछ देर बाद वे तीनों अपनी मंज़िल पर पहुँच गए थे। "सर..आप श्योर हैं..? क़ातिल यहीं