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The girl's life is abandoned without dreams - उपन्यास
navita
द्वारा
हिंदी महिला विशेष
"The girl's life is abandoned without dreams" "लड़की का जीवन सपनों के बिना छोड़ दिया जाता है"✍️ ?Navita ? ✍️? Dedicated to ?My lovely family Specially my mother- in -lawMy friends- Garry & me ..Thanks to - Wr.Messi ??Also Dedicated to :? All world's Wonderful reader's ?Cover page - Wr. Messi ? ? Book summary ?Hello everyoneमेरा पहला नावेल "नविता की कलम से" मे आप सब ने मुझे बहुत प्यार और प्रोत्साहन दिया। जिस से प्रेरित हो कर में अपना दूसरा नावेल "The girl's life is abandoned without dreams""लड़की का जीवन सपनों के बिना छोड़ दिया जाता है"लिख रही हूं। मुझे
"The girl's life is abandoned without dreams" "लड़की का जीवन सपनों के बिना छोड़ दिया जाता है"✍️ ?Navita ? ✍️? Dedicated to ?My lovely family Specially my mother- in -lawMy friends- Garry & me ..Thanks ...और पढ़े- Wr.Messi ??Also Dedicated to :? All world's Wonderful reader's ?Cover page - Wr. Messi ? ? Book summary ?Hello everyoneमेरा पहला नावेल "नविता की कलम से" मे आप सब ने मुझे बहुत प्यार और प्रोत्साहन दिया। जिस से प्रेरित हो कर में अपना दूसरा नावेल "The girl's life is abandoned without dreams""लड़की का जीवन सपनों के बिना छोड़ दिया जाता है"लिख रही हूं। मुझे
???Noor???Part - 2चली थी मैं अपनों पर यक़ीन करने..मेरे अपनों ने था, मेरे यक़ीन को तोड़ा..बाहर से ज्यादा, अपनों से था मैंने मुँह मोड़ा..इज़्ज़त का रख ध्यान...,अपनों से रहना पहला सावधान l जब नूर ८ क्लास मे थी, ...और पढ़ेनूर की ताई जी बीमार हो गयी इस के कारण उसे वहाँ रहने जाना पड़ा। नूर अभी भी श्याम भैया द्वारा की गयी उस हरकत को भूली नहीं थीl अब नूर बड़ी हो चुकी थी, तो उस ने सोचा इस बार भैया ऐसा नहीं करेंगे। मम्मी पापा के कहने पर नूर अपने ताया जी के घर चली गई।ताया जी के ३ बेटे
Chapter-- 3 ???गुरु का पाखंड ?????ताया ताई जी के घर से वापस आने के बाद नूर थोड़ा उदास रहने लगी और फिर धीरे धीरे नूर अपनी पढ़ाई मे व्यस्त हो गयी परंतु ये बातें नूर जितना भूलना ...और पढ़ेथी, उसके अपने ही उसे उतना ये सब बाते याद करवाते थे।नूर के परिवार वाले एक गुरु जी को बहुत मानते थे l वो अपने सब काम, अपने गुरु जी को पूछ कर ही करते थे l सारा परिवार उन के पास जाता था l खास कर नूर का बड़ा भाई गुरु जी को बहुत मानता था। गुरु जी के बुलावे पर, वो
?थोड़ा सोचो--? कौन गुनहगार ?"तू निकल मेरे घर से , एक तो चोरी करती है ऊपर से झूठ बोलती है। जा निकल ""मैडम मैंने चोरी नहीं करी, मुझे नोकरी से मत निकालो , मेरा परिवार भुखा मर ...और पढ़ेऐसा मत करो मैडम में सच बोल रही हो, मैंने चोरी नहीं करी। ""रहने दे तेरे परिवार को जानती हो मैं , पैसे के लिए तुम लोग अपने बच्चो को भी यही काम सिखाते हो। " इतना सुन गीता वहां से रोती-रोती घर आ गई। और अपने कमरे में जा कर लेट गई। नूर घर आई। अपनी माँ को सोइ देख उसे उठाने
दुनिया मे हवस की दरिंदगी है छाई एक माँ की कोख मे पलते बच्चे को ना यो, देख पाई lऐसा क्या है हवस का रूप अनोखा ,यो घर की इज़्ज़त भी ना इस के हाथ से है , बच ...और पढ़ेlइस के जाल मे जो फसता है गया ,रिश्ते नाते भूल इसी का हो लिया lइस हवस का हर बार होती, एक औरत ही क्यों शिकार ?ज़िन्दगी भर सहती क्यों ये अत्याचार ?..क्या पता ये हवस ,अगले पल कौन सा दरिंदगी का रूप दिखाती ,ज़िन्दगी भर एक औरत खुद को इस दरिंदगी से है बचाती...नूर जल्दी टफ्फिन दयो, मै ऑफ़िस के लिए लेट हो