The girl's life is abandoned without dreams - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

The girl's life is abandoned without dreams - 5

दुनिया मे हवस की दरिंदगी है छाई
एक माँ की कोख मे पलते बच्चे को ना यो, देख पाई l

ऐसा क्या है हवस का रूप अनोखा ,यो
घर की इज़्ज़त भी ना इस के हाथ से है , बच पाई l

इस के जाल मे जो फसता है गया ,
रिश्ते नाते भूल इसी का हो लिया l

इस हवस का हर बार होती, एक औरत ही क्यों शिकार ?
ज़िन्दगी भर सहती क्यों ये अत्याचार ?..

क्या पता ये हवस ,
अगले पल कौन सा दरिंदगी का रूप दिखाती ,
ज़िन्दगी भर एक औरत खुद को इस दरिंदगी से है बचाती...



नूर जल्दी टफ्फिन दयो, मै ऑफ़िस के लिए लेट हो रहा हो
....आई...ये लाओ आप का टफ्फिन .. और आप का ई डी कार्ड
चलो बाय ..☺️
..बाय नहीं टेक केयर ..☺️

नूर अपने घर के कामों मे लग गई l बहुत लेट होगा सब काम ..नूर के पेट मे ६ महीने का बच्चा था l. सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था l नूर और रमन बहुत खुश थे l

नूर बहुत ही खूबसूरत थी l जो उसे देखता ,देखता ही रह जाता था l नूर के गालो की वो लाली , माथे पर छोटी सी बंदी , मद्दाहोस करने वाली आंखे , उसके काले घने बाल ,उसके लबो पर लगी लाल रंग की लिपस्टिक, उसके रंग मे और भी चार चाँद लगती थी l . उसे देख कर हर कोई चलता सा रुक कर ,उसे जरूर देखता l सच मे जैसा उसका नाम वैसा उसका रूप ...नूर ☺️

एक दिन रमन शाम को जब ऑफिस से आया, तो वो साथ अपने दोस्त पुनीत को लेकर आ गया l ..नूर को बोला...
पुनीत की पत्नी अपने मायके गई होइ है .. पुनीत खाना खाने बहार जा रहा था, तो मैं इसे अपने साथ ले आया ..नूर बोली. अच्छा करा..मैं खाना लगाती हो l

पुनीत की तरफ ना नूर का ध्यान था, ना ही रमन का ..
पुनीत तो नूर को देख देख पागल हो रहा था l उसकी खाने की भूख ख़तम हो चुकी थी l उसे तो अगर कुछ दिख रहा था ,तो वो थी नूर .. वो नूर को देखने मे इतना मदहोस हो रहा था, की उसे पुनीत के बोलने तक का पता नहीं चला l. फिर पुनीत ने उसे कंदे से पकड़ कर हिलाया l फिर वो एक दम से जगा जैसे की वो बिहूस हो गया हो l

रमन ने कहा ,"क्या होया .. कहा खोये हो .. खाना खाना शुरु करो" l
पुनीत ने अपना सिर हिलाआ और खाना खाने लगा l खाना खा कर पुनीत घर चला गया l पर उस के दिल दिमाग़ मे बस नूर का चेहरा घूम रहा था l उसे लग रहा था की जैसे वो पागल हो जाये गा l उस रात पुनीत सो नहीं पाया l

अगले दिन पुनीत सुबह ही रमन पास पहुच गया l." हेलो रमन . मुझे तुम से थोड़ा काम था, तो सोचा तुम्हरे साथ ही ऑफिस चला जायो" .. "अच्छा करा चल नास्ता क्रले फिर चलते है" l हां ठीक है .. पुनीत को नूर को देख एक सकून सा मिल रहा था l वो बार बार नूर को ही देख रहा था l नूर को पुनीत का इस तरह देखना अच्छा नहीं लग रहा था l

आखिर वो दोनों ऑफिस चले गए l अब पुनीत के दिमाग मे सिर्फ नूर को पाने की चाहत थी l हर वक़्त वो नूर को पाने के बारे मे सोचता रहता l

नूर ने रमन को कहा , "की मुझे पुनीत का घर आना अच्छा नहीं लगता l तुम उसे साथ मत लेकर आया करो l" रमन ने कहा," की तुम्हे वैसे ही कुछ गलतफमी होइ होगी l पुनीत तो बहुत अच्छा दोस्त है मेरा l हमेशा दुसरो के बारे मे पहले सोचता है l ऑफिस मे सब पुनीत की बहुत इज्जत-मान करते है l. नूर ने थोड़ा उदासी चेहरे😔 के साथ कहा ,.."ठीक है ..पर फिर भी हो सके तो पुनीत को कम ही लेकर आया करो घर "l रमन ने कहा ठीक है ..☺️तुम खुश रहा करो बस ..☺️

अगले दिन ऑफिस के काम से रमन और पुनीत को कही बाहर जाना था l पुनीत ने बीमार होने का बहाना लगाया और रमन के साथ किसी और को भेज दिया l

उसदिन रमन और उसका कलिक दोनों सुबह जल्दी ही निकल गए l.ता जो शाम तक जल्दी वापिस आया जा सके l . पुनीत ने ऑफिस मे कॉल कर बीमार होने का बहाना करा और घर रुक गया l अब पुनीत के दिमाग मे बस नूर को पाने की होड़ लगी थी l की चाहे जो हो जाये वो आज नूर को अपना बना कर ही दम लेगा l.अब और सहन नहीं होता l पुनीत पूरी तरह हवस मे डूबा पढ़ा था l उसे नूर के सिवा कुछ नहीं दिख रहा था l

पुनीत तैयार हो कर नूर के घर गया l दरवाजे की घंटी बजाई l नूर ने दरवाजा खुला l

नमस्ते भाभी जी ..रमन है ..

नूर थोड़ा अस्चारक्ति हो कर देखने लगी .और बोली नहीं," वो चले गए ..आप कल ऑफिस नहीं गए ... "

पुनीत ने झूठी स्माइल से कहा , ओह हां आज उसे ऑफिस के काम से बाहर जाना था मै भूल गया l कोई बात नहीं ....
भाभी थोड़ा पानी मिले गए ...
हां , कोई नहीं भईआ, मैं अभी लेकर आई l
नूर पानी लेने किचन मे गई l पुनीत भी घर के अंदर चला गया l और धीरे से दरवाजा अंदर से बंद क्र दिया और वो नूर के पीछे किचन मे चला गया l नूर जब गिलास लेकर पीछे मोड़ी .. तो पुनीत को देख दर गई l गिलास नीचे गिर गया l सारा पानी नीचे फर्श पर बिखर गया l💦

पुनीत ने एक दम से नूर का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा l नूर खुद को छोड़ने के लिए पुनीत को मरने लगी l और ज़ोर ज़ोर से चीलाने लगी l तभी पुनीत ने उस के मुँह को उसकी साड़ी के पलो से बंद दिया .. और वो धीरे धीरे कर नूर की साड़ी खुलने लगा ..नूर की आँखों से पानी बहता गया l पर उस पुनीत को नूर पर कोई दया नहीं आई l नूर खुद को छोड़वना चाहती थी ..उसकी आँखों मे दया की भीख थी .. की वो छोड़ दे उसे . उसकी कोख मे एक बच्चा पल रहा है .... छोड़ दयो मुझे ...मेरा बच्चा मर जाये गा l खुद को छोड़वाते छोड़वाते उस का पैर फर्श पये गिरे पानी पर रख कर फिसल गया और वो नीचे गिर गई l जिस के कारण वो बिहुस हो गई l पुनीत ने वही करा ,जो वो चाहता था ..उसने नूर का रेप कर दिया ... रेप करने के बाद उसे ऐसे ही छोड़ भाग गया l

शाम को रमन घर आया l दरवाजा खुला था .. रमन घबरा कर नूर नूर आवाज लगने लगा l नूर का कोई जवाब नहीं आया l वो अंदर गया l किचन की तरफ गया l वहां सब देख वो वही गिर पड़ा l. पूरी किचन मे खून ही खून तैर रहा था l नूर नीचे गिरी पड़ी थी l. वो रोता होया नूर के पास गया .... नूर ...नूर ...उठ नूर ....नूररररर ...😭😭😭 नूर के सिर से खून आ रहा था और नीचे से गुप्तअंग से भी सब खून आ रहा था l. उसका मुँह साड़ी से बाँदा होने के कारण नूर की सांसे रुक चुकी थी l. रमन का हस्ता खेलता परिवार ख़तम हो चुका था l रमन ने, आज पुनीत की हवस के कारण ना की उसने अपनी पत्नी नूर को खोया ,बल्कि नूर के साथ अपने ६ महीने के बच्चे को भी खो दिया था l

आज रमन.. नूर और अपने बच्चे के लिए अदालत मे केस लड़ रहा है l. हर रोज कोई नई जांच पड़ताल करवने के लिए पुलिस स्टेशंस जाता है .l पर कोई फैंसला नहीं ..
वही पुनीत किसी दूसरी जगा जा कर अपनी ज़िन्दगी अच्छे से खुले आम बिता रहा है l


आज रमन नूर और अपने बच्चे के लिए अदालत मे केस लड़ रहा है . हर रोज कोई नवी जांच पड़ताल करवने के लिए पुलिस स्टेशंस जाता है . पर कोई फैंसला नहीं .. वही पुनीत किसी दूसरी जगा जा कर अपनी ज़िन्दगी अच्छे से खुले आम बिता रहा है l

पुनीत आज भी इस सब की वजह खुद को मानता है l की क्यों वो पुनीत को घर लेकर आया ?.....😭क्यों उसने नूर की बात पर ध्यान नहीं दिया? .. 😭आखिर क्यों .....😭😭😭😭😭😭


To be countine......☺️☺️


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Thanku so much everyone 🙏🙏☺️


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