हिंदी महिला विशेष कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें

अरे बहु लाये थे या नौकरानी
द्वारा Sumit Singh

मुझे आज भी वह दिन याद है जब मैं अपनीशादी के 3 साल बाद हिन्दुस्तान वापस आया था, घर का हर शक्स एयरपोर्ट पर मौजूद था, जिसमें मेरी 2 ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२३)
द्वारा Saroj Verma

बहुत समय पहले की बात है,मनप्रीत और उसका बड़ा भाई किसी गाँव में रहा करते थे, मनप्रीत के माता पिता उसके बचपन में गुजर गए थे जब लगभग वो ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 5
द्वारा Ratna Pandey

हीरा लाल जिस तरह से सभी के लिए कुछ ना कुछ करते ही रहते थे इसलिए शक्ति सिंह की बेटी नीलू ने तुरंत ही उनके आग्रह को स्वीकार करते ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२२)
द्वारा Saroj Verma

कुछ ही देर में बूढ़ी सरदारनी का घर आ गया और उन्होंने सावधानीपूर्वक सरगम को रिक्शे से उतारा,फिर रिक्शेवाले ने दोनों का सामान नीचे उतारा और अपना मेहनताना लेकर ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 4
द्वारा Ratna Pandey

शक्ति सिंह से मिल कर घर वापस आने के बाद हीरा लाल बहुत बेचैन थे, अपनी पत्नी को उन्होंने सारी परिस्थिति से अवगत कराया और विजया का अधिक ख़्याल ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२१)
द्वारा Saroj Verma

फिर सरगम ने गनपत से कहा.... "गनपत भइया!कार बस स्टैण्ड की तरफ ले लो,मैं बस से जाऊँगी", "लेकिन दीदी!बस से क्यों?" गनपत ने पूछा... "रेलवें स्टेशन यहाँ से काफी ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 3
द्वारा Ratna Pandey

पिंकी के मुँह से यह सुनकर कि तुम जल्दी से अपने घर भाग जाओ, विजया हैरान रह गई। उसने पूछा, “क्यों दीदी?” “कोई सवाल मत करो विजया मैं जैसा ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२०)
द्वारा Saroj Verma

सरगम कार में पीछे जा बैठी और गनपत कार स्टार्ट करके कार को कमलकान्त बाबू के घर की ओर बढ़ चला,सरगम कार में रोते रोते सोचती रही कि जिन ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 2
द्वारा Ratna Pandey

भले ही उस नवजात शिशु के साथ गायत्री और हीरा लाल जी का कोई सम्बंध नहीं था परन्तु झाड़ियों में पड़े हुए उस शिशु को बचाने के लिए भगवान ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 1
द्वारा Ratna Pandey

सेठ हीरा लाल अपनी पत्नी गायत्री के साथ रोज़ की ही तरह आज भी प्रातः काल सैर पर निकले थे। बारिश के दिन थे, बहुत ही खूबसूरत मौसम, ठंडी ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१९)
द्वारा Saroj Verma

जब सरगम आदेश के सीने से लगी तो आदेश बोला... "ये क्या कर रही हो सरगम! कोई देख लेगा तो क्या समझेगा?"... "ऐसा क्यों कह रहे हैं आप?मैं अब ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१८)
द्वारा Saroj Verma

अपने माँ बनने की खबर सुनकर सरगम बहुत डर गई और फूट फूटकर रोने लगी,सिमकी भी इस बात से बहुत परेशान हो उठी और उसने सरगम को दिलासा देते ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१७)
द्वारा Saroj Verma

आदेश एयरपोर्ट जाने के लिए कार में बैठ गया और सदानन्द जी भी उसके साथ उसे एयरपोर्ट छोड़ने चले गए,इस बीच आदेश ने सरगम से ना आँखें मिलाईं और ...

क्या तुमने - भाग - ९ 
द्वारा Ratna Pandey

सखाराम ने बसंती के माता-पिता से माफ़ी मांगते हुए कहा, “समधी जी मुझे ऐसा लगता है कि अब मोहन कभी नहीं सुधरेगा। हमें अब उसकी पुलिस में शिकायत कर ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१६)
द्वारा Saroj Verma

कुछ ही देर में दोनों मंदिर पहुँच गए और सरगम ने मंदिर के भीतर जाते समय अपने सिर पर पल्लू ले लिया फिर दोनों मंदिर के भीतर पहुँचकर पूजा ...

क्या तुमने - भाग - ८ 
द्वारा Ratna Pandey

मोहन चला तो गया लेकिन अब वह उस मौके की तलाश में था जब वह बसंती को वापस अपने पास ले आए। उन्हीं दिनों उसके पूरे परिवार को एक ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१५)
द्वारा Saroj Verma

जब शीतला जी और भानूप्रिया शादी में जाने की तैयारियाँ करने लगी तो सरगम ने शीतला जी पूछा.... "चाची जी!कहाँ जाने की तैयारियाँ हो रहीं हैं"? "सरगम बेटा!मेरे भान्जे ...

क्या तुमने - भाग - ७  
द्वारा Ratna Pandey

बसंती के शरीर से बहते खून को देखकर सभी चिंतित हो गए और वे तुरंत ही उसे अस्पताल ले गए, जहाँ पता चला कि वह गर्भ से थी। ज़्यादा ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१४)
द्वारा Saroj Verma

उस रात के बाद सरगम और आदेश में फिर से सुलह हो गई और फिर से वें एकदूसरे के संग पहले की तरह ही व्यवहार करने लगे,सरगम ने तो ...

क्या तुमने - भाग - ६
द्वारा Ratna Pandey

अपने भाई से नाराज मोहन ने दुकान पर जाना भी छोड़ दिया। अब उसे पैसे की तंगी होने लगी। मोहन किसी और की दुकान पर काम करने लगा। थोड़ा ...

मैं पापन ऐसी जली!--भाग(१३)
द्वारा Saroj Verma

खाना खाते खाते सिमकी ने सरगम से पूछा.... "दीदी!तुम भी पढ़ती होगी ना!" "हाँ!मैं भी पढ़ती हूँ",सरगम बोली... "किताबें पढ़कर बहुत अच्छा लगता होगा ना!"सिमकी ने पूछा... "हाँ!अच्छा लगता ...

क्या तुमने - भाग - ५
द्वारा Ratna Pandey

गोविंद आज मोहन के मन में पल रहे पाप को पहचान गया था। वह जानता था कि बिना शक के मोहन यह सब नहीं करता। वह सच में उस ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१२)
द्वारा Saroj Verma

सरगम यूँ ही कुछ देर तक बिस्तर में मुँह छुपाकर रोती रही और मन में सोचती रही कि उसने आदेश से प्यार करके कोई गलती कर दी क्या?,उसकी माँ ...

क्या तुमने - भाग - ४
द्वारा Ratna Pandey

मोहन के मन में शक की चिंगारी ऐसी भड़की कि उसने अपने घर में ही आग लगा दी। बसंती जब भी गोविंद से बात करती, मोहन को बिल्कुल पसंद ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(११)
द्वारा Saroj Verma

कमलकान्त जब शान्त हो गया और सरगम से कुछ ना बोला तो सरगम उससे बोली... "क्या हुआ कमलकान्त बाबू!कहिए ना कि क्या बात है?" "जी!आप बिना बात सुने ही ...

क्या तुमने - भाग - ३
द्वारा Ratna Pandey

मंडप में बैठी महिलाओं के ऐसे व्यंग वाण सुनकर एक समझदार महिला ने कहा, “तुम लोग क्या फिजूल की बातें कर रहे हो। अरे सूरत शक्ल में क्या रखा ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१०)
द्वारा Saroj Verma

आदेश का यूँ कमरें को गौर से देखना सरगम को कुछ अटपटा सा लगा तो सरगम ने आदेश से पूछा... "क्या हुआ?आप कमरे को इतने गौर से क्यों देख ...

क्या तुमने - भाग - २
द्वारा Ratna Pandey

गोविंद और जयंती दोनों ने ही मोहन और बसंती के रिश्ते के बारे में अपने-अपने घर में बात कर ली। दोनों तरफ से हरा सिग्नल मिलने के बाद फिर ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(९)
द्वारा Saroj Verma

सरगम अपने कमरें आई और बिस्तर पर किताबें फैलाकर पढ़ने बैठ गई,लेकिन जैसे ही उसने किताब उठाई तो उसे रह रहकर आदेश और उसकी बातें याद आने लगीं,उसने मन ...

क्या तुमने - भाग - १
द्वारा Ratna Pandey

बसंती अपने माता पिता और बड़ी बहन जयंती के साथ झोपड़ पट्टी की एक खोली में रहती थी। उसकी उम्र अभी 15 साल ही थी। बसंती के पूरे परिवार ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(८)
द्वारा Saroj Verma

आदेश के घर पहुँचते ही उसकी माँ शीतला के पैर खुशी के मारे धरती पर नहीं पड़ रहे थे,आदेश जैसे ही द्वार पर पहुँचा तो शीतला आरती की थाली ...

अटूट प्यार..
द्वारा Saroj Verma

गाँव के एक पक्के मकान के पीछे के दरवाजे से एक मर्द और औरत चोरों की तरह आगे पीछे देखते हुये मकान से बाहर निकले, सामने सूरज ढल रहा ...