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किरदार द्वारा  Priya Saini in Hindi Novels
माँ का सपना बस पूरा ही होने वाला था, दो दिन बाद अंजुम की शादी जो थी। माँ ने अंजुम की शादी के लिए न जाने कितने खुआब बुन र...
किरदार द्वारा  Priya Saini in Hindi Novels
दूसरे दिन सब लोग सुबह से ही काम में जुट जाते हैं। घर को सजाना है, गाने बजाने का भी इंतजाम करना है। एक ही दिन शेष है शादी...
किरदार द्वारा  Priya Saini in Hindi Novels
माँ खाने के थाली लगाकर अंजुम के पास आती है और कहती है, "खाना नहीं खायेगी तो ताकत कैसे आएगी। चल थोड़ा सा खा ले फिर कर लियो...
किरदार द्वारा  Priya Saini in Hindi Novels
माँ: अंजुम….अंजुम, उठ जा अब जल्दी। भोर हो गई।सारे रिश्तेदार आ चुके हैं। घर में बहुत चहल-पहल है, कोई नाश्ता कर रहा है तो...
किरदार द्वारा  Priya Saini in Hindi Novels
माँ अंजुम को गले लगाकर रो रही है, अंजुम भी रो रही है पर अब उसने माँ से कुछ न कहा। अंजुम के पिता की आँखें भी नम हैं। माँ:...