Neerja Pandey लिखित उपन्यास नैना अश्क ना हो... | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें होम उपन्यास हिंदी उपन्यास नैना अश्क ना हो... - उपन्यास उपन्यास नैना अश्क ना हो... - उपन्यास Neerja Pandey द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ (278) 28.6k 48.2k 15 नैना अश्क ना हो.…...…........नैनों में समन्दर आंसू काहृदय में हाहाकार हैक्या कोई समझेगा मेरी पीड़ा कोउनके लिए तो व्यापार हैंसर्वस्व न्यौछावर किया देश पेइसका मुझको अभिमान हैकरके दफन अपनी जख्मों कोपूरे अपने फर्ज करूकष्ट ऊठाऊं चाहे जितनाहर जनम तुम्हरा ...और पढ़ेकरूंहर जनम तुम्हरा वरण करू।ये कहते हुए नव्या की आंखें से आंसुओं का वेग रोके नहीं रुक रहा था । जब ये शब्द नव्या ने वीरता पुरस्कार ले कर सभी के कुछ कहने के अनुरोध पर ये लाइनें कहीं। वहां कोई ऐसा नहीं बचा था जिसकी आंखों में आंसू ना हो। शब्दों में अपने मैं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें नए एपिसोड्स : Every Wednesday नैना अश्क ना हो... - 1 (31) 5.7k 8.2k नैना अश्क ना हो.…...…........नैनों में समन्दर आंसू काहृदय में हाहाकार हैक्या कोई समझेगा मेरी पीड़ा कोउनके लिए तो व्यापार हैंसर्वस्व न्यौछावर किया देश पेइसका मुझको अभिमान हैकरके दफन अपनी जख्मों कोपूरे अपने फर्ज करूकष्ट ऊठाऊं चाहे जितनाहर जनम तुम्हरा ...और पढ़ेकरूंहर जनम तुम्हरा वरण करू।ये कहते हुए नव्या की आंखें से आंसुओं का वेग रोके नहीं रुक रहा था । जब ये शब्द नव्या ने वीरता पुरस्कार ले कर सभी के कुछ कहने के अनुरोध पर ये लाइनें कहीं। वहां कोई ऐसा नहीं बचा था जिसकी आंखों में आंसू ना हो। शब्दों में अपने मैं अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग- २ (22) 4.3k 6.1k Part -2 शाश्वत ने अपने पिता को एक अजीब सी दुविधा में डाल दिया था। अगर वो बेटे की इच्छा का मान रखते हैं, तो समाज में क्या प्रतिष्ठा रह जाएगी? कैसे सामना करेंगे समाज से मिलने ...और पढ़ेतानों का ? अभी कुछ समय पहले ही उनके साथ काम करने वाले सिन्हा जी के बेटे ने साथ पढ़ने वाली यादव जी की पुत्री से विवाह कर लिया था। बेशक दोनों खुश थे परन्तु, उस समय बहुत चर्चाएं हुई थी। हर किसी की जुबान पर उन्हीं की बातें रहती थी। पूरा घटनाक्रम उन्हें याद आ गया। फिर उन्होंने सोचा अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग -2 (21) 3.7k 5.5k उस दिन पापा ने बार बार शाश्वत से पूछा बताओगे कि क्या करूं ?पर वो कुछ भी नहीं कह पाया । किसी को भी कुछ नहीं सूझ रहा था कि क्या किया जाए ? जब दोपहर में नव्या से ...और पढ़ेहुई तो शाश्वत ने कहा कि तुम अपने पापा को मेरे यहां भेजो पर वो साफ मुकर गई।ना! बाबा ! ना मेरी हिम्मत नहीं है ,कि मैं पापा या मम्मी से बात कर सकूं ।शाम को सब ने मिलकर ये फैसला किया कि नव्या के मम्मी- पापा को फोन कर यहां खाने पर बुलाया जाए। फिर उसी समय बात की अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग 3 (22) 3.8k 6k उधर शाश्वत की पोस्टिंग उधमपुर केआर्मी बेस के किश्तवाड़ में थी"। घर से आने के बाद उसे कुछ समय लगा यहां के परिवेश में ढलने में , पहाड़ों के बीच का अनुभव अब काम आ रहा था । बाॅर्डर ...और पढ़ेहोने के कारण सेना की एक टुकड़ी हमेशा अलर्ट मोड में रहती थी। लगातार गश्त पर जाना होता था । यहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं आता था। कभी कभी ही ऐसा होता जब नेटवर्क आता और तभी घर पे बात हो पाती थी । इधर नव्या भी हमेशा मोबाइल अपने हाथ अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग - 4 (18) 2.9k 5.5k आर्मी हेडक्वार्टर से तड़के सुबह करीब चार बजे रहे होंगे कि आया ।सारे लोग सो रहे थे । नव्या ने काफी देर रात तक पढ़ाई की थी इसलिए वो गहरी नींद में सो रही थी।फिर फोन की चीखती हुई ...और पढ़ेउसके कानों में पड़ी" वो अनमनी सी हो गई की सुबह-सुबह ही किसका फोन आ गया" पर रात में गश्त पर जाने से पहले शाश्वत की काॅल आई थी किन्तु कुछ ही देर में डिस्कनेक्ट हो गया था ।इस वजह से उसे लगा कि शाश्वत अब गश्त से वापस लौट आए होंगे और उन्होंने हीं फोन किया होगा । वो अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग-5 (15) 1.5k 2.6k "पत्रकार ने जैसे ही नव्या को देखा उसको देखते ही" ,उसकी ओर लपका । नवल जी और शांतनु जी ने उसे रोकने के लिए आगे बढ़े, पर उन दोनों की कोशिश सफल नहीं हो सकी।वो, कुछ दूर था तब ...और पढ़ेवहीं से नव्या से सवाल किया,"नव्या जी आपको कब और कैसे पता चला? कैप्टन शाश्वतशहीद हो गए ।क्या कहा आपने?नव्या ने विस्मित ! होकर पूछा ।नवल जी कुछ नहीं बेटा कहते हुए, उसे अंदर लाने की कोशिश की ।पर बाहर लगी भीड़ और न्यूज़ रिपोर्टर्स को देख कर उसेकुछ अनहोनी की आशंका हो गई।अब वो खुद पर काबू ना रख अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग -6 (22) 1.2k 2.3k नव्या ने अपने आंसू पोछ लिए थे , क्योंकि शाश्वत नहीं चाहता था कि वो रोए या उसकी आंखों में आंसू का एक कतरा आए ; पर पर दिल में अंदर तक रची - बसी उसकी यादें नव्या को ...और पढ़ेनहीं दे रही थी। जब भी सोने के लिए अपनी आंखे बंद करती ,"शाश्वत का हंसता हुआ चेहरा उसकेसामने आ जाता "।नव्या चौंक कर बैठ जाती। किसी तरह सो भी जाती, तो भी उसे सपने में शाश्वत ही दिखाई दे रहा था।इधर नव्या का हाल बेहाल... था तो उधर शाश्वत के मां की हालत अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग - 7 (18) 1.1k 2k शांतनु जी ने अपने दुख को अपने जब्त कर लिया था। उन्होंने निश्चय किया की मै जब तक जीवित हूं ,नव्या के आस पास भी गम की छाया ना पड़े इसका पूरा प्रयत्न करूंगा। शाश्वत नहीं है तो ...और पढ़ेहुआ ,जिसे वो अपने प्राणों से अधिक चाहता था वही अब मेरे लिए मेरा शाश्वत है। नव्या के आगे पूरी जिंदगी पड़ी थी ,उसे आगे बढ़ाना शांतनु जी अपना दायित्व समझते थे। यही सोचकर उन्होंने नव्या को फिर से कोचिंग जाने के लिए कहा। पर नव्या ने ये कह कर मना कर दिया कि " पापा मै नहीं अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - 8 (20) 1.2k 2k रात भर के सफ़र के बाद जब सुबह आंख खुली तो नई दिल्लीस्टेशन बस आने ही वाला था।जैसे ही ट्रेन रुकी शांतनु जी बाहर गेट के पास आए देखने की किसी कुली को बुला ले समान उठाने के लिए ...और पढ़ेपर सामने से सेना के कुछ जवान आते दिखाई दिए । वो समझगए कि ये उनको ही रिसीव करने आए है ।सबसे आगे चल रहे जवान ने पास आकर शांतनु जी के पैरछुए और बोला ,"सर मै आपको लेने आया हूं ।"शांतनु जी बोले,"पैर भी छूते हो, और सर भी कहते हो !!!!अंकल कह सकते हो बेटा ।"जवाब में जवान अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - 9 (29) 1.2k 2.1k रात में डिनर से थोड़ा पहले प्रशांत आ गया ।जब तक प्रशांत फ्रेश हो कर , कपड़े चेंज कर आया रघु खाना लगा चुका था ।सब ने साथ मिल कर खाना खाया।प्रशांत खाते खाते बोला, "रघु आज तो सब्जी ...और पढ़ेअच्छी बनाई है ,लगता है सिर्फ मेरे और मां के लिए खाना बना बना कर तू भी बोर हो गया है ;आज सब को देख कर तुमनेभी इतना स्वादिष्ट खाना बनाया है। "रघु शरमा गया, बोला "नहीं साब ये नव्या भाभी का कमाल है,उन्होंने ही सब्जी बनाई है ,मै तो बस मदद कर रहा था।"प्रशांत मां की तरफ शिकायती नजर अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो..भाग - 10 354 1.1k उस कार्यक्रम के बाद सभी घर आ गए। दिन भर की भाग - दौड़ की वजह से सभी थक गए । इस कारण सभी अपने - अपने कमरे में आकर जल्दी ही सो गए।दूसरे दिन दोपहर में उनकी ट्रेन ...और पढ़े। रात में जल्दी सोने के कारण सभी जल्दी ही उठ गए। अभी उन्हें जगे कुछ ही देर हुआ था कि प्रशांत भी मार्निंग वॉक से आ गया। रघु चाय लेकर आया तो सभी लॉबी में आ चुके थे । प्रशांत ने शांतनु जी से पूछा,"अंकल ट्रेन कितने बजे है ,मै आज छुट्टी ले लेता हूं आप सभी को ट्रेन अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग - 11 (14) 435 1.1k दिल्ली से घर आकर सब रिलैक्स हो गए थे। दूसरे दिननवल जी कुछ जरूरी काम आ जाने से शांतनु जी से किया गया वादा (दूसरे दिन आने का)नहीं पूरा कर सके।वापस आने के कुछ दिन बाद दिल्ली हेड ऑफिस ...और पढ़ेनव्या के पास फोन आया कि आप एक महीने बाद अपने डाक्यूमेंट्सके साथ रिपोर्ट करे । आपके लिए एक सम्मानित पद का आपके योग्यता के अनुरूप सृजन किया जाएगा। नव्या नेहां कर दिया की बताए गए डेट को वो अपने डाक्यूमेंट्सलेकर पहुंच जाएगी।बात खत्म होने पर वो शांतनु जी के पास गई और शांतनु जी के पास जा कर बोली,"पापा अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग - 12 273 693 शांतनु जी नव्या के मायके से लौटे तो रास्ते में बाज़ार भी हो लिए । इतनी देर घर से बाहर रहने का कुछ कारण तो होना चाहिए। घर पहुंचते ही सब सवाल - जवाब शुरू के देंगे की इतनी ...और पढ़ेतक कहां थे। दरअसल में जब से शाश्वत गया था ;शांतनु जी का ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं रहता था। वो अचानक सेब्लड प्रेशर बढ़ने पर बेहोश हो जाते थे , इसलिए जब भी शांतनुजी बाहर जाते जरा सी भी देर होने पर सब परेशान हो जाते कीकही वो फिर से बेहोश तो नहीं हो गए ।जल्दी जल्दी बाज़ार से कुछ अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग - 13 252 630 थोड़ी देर की खामोशी के बाद नव्या बोली, " क्या आप सब नहीं चाहते कि मै शाश्वत का अधूरा ख्वाब पूरा करूं ? उसका पहला प्यार देश है और शाश्वत मेरा पहला प्यार तो मै कैसे उसके प्यार को ...और पढ़ेदूं ! मेरा भी पहला प्यार अब देश ही है । मै अपना जीवन देश के नाम समर्पित करना चाहती हूं । पापा आप ये मत समझिए कि मै देश सेवा करते हुए मै अपना वो दायित्व नहीं पूरा करूंगी जो मेरा आपके और इस घर परिवार के प्रति है । अब मुझे कुछ नहीं कहना जो भी फैसला आप अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग 14 270 648 इधर नवल जी साक्षी और नव्या को लेके घर पहुंचे। जैसे बच्चों के आ जाने से घर में जान आ गई थी। पर उन दोनों को ही पता था कि ये खुशी बस पल भर की है फिर रहना ...और पढ़ेउन्हे अकेले ही है। तो क्यों ना हर पल को मजे से इंजॉय किया जाए ना की ये सोच कर दुखी हुआ जाए कि कल से फिर अकेले ही रहना है। चेंज कर नवल जी बोले, " नव्या चलो पत्ते हो जाए । क्या आज फिर कोशिश करोगी पापा को हराने की ? साक्षी आओ तुम भी अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग 15 258 819 नव्या ने शांतनु जी से पूछा, "पापा - मां आपको कोई एतराज़ तो नहीं साक्षी को मम्मी पापा के पास रखने में?""नहीं बेटा ! साक्षी नवल जी और गायत्री जी पास रहे या मेरे पास बात एक ...और पढ़ेहै अब हम एक ही परिवार है एतराज़ कीतो कोई बात ही नहीं।"" तो फिर बात पक्की पापा और मां मेरे साथ चलेंगे। साक्षीमम्मी - पापा के साथ रहेगी। पापा आप अपनी छुट्टी कीव्यवस्था कर लीजिए।" नव्या ने कहा।सब कुछ तय होने के बाद शांतनु जी अपने परिवार के साथघर लौट आए। नवल जी और गायत्री बहुत खुश थे कि अभी पढ़ो नैना अश्क ना हो... - भाग 16 252 918 प्रशांत ने बहुत ही ज्यादा भाग - दौड़ कर नव्या की ज्वाइनिंग की सारी फॉर्मेलिटी पूरी करवा दी । शांतनु जी एक जगह बैठे सारा कुछ देख रहे थे । प्रशांत ने उन्हे अपनी जगह से हिलने भी नहीं ...और पढ़े। नव्या के साथ सारी कागजी कार्यवाही पूरी करवाता रहा। शीघ्र ही सब कुछ पूरा हो गया। नव्या को ज्वाइनिंग लेटर मिल गया । परसो सुबह से ही नव्या की ट्रेनिग शुरू थी। मिलिट्री ट्रेनिंग एकेडमी की बजाय नव्या के लिए स्पेशल ट्रेनिंग की व्यवस्था यही दिल्ली मै ही करवाई गई थी। नव्या और प्रशांत अंदर चले गए थे, शांतनु अभी पढ़ो अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Neerja Pandey फॉलो