The character book and story is written by sk hajee in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. The character is also popular in जीवनी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
किर_दार - उपन्यास
sk hajee
द्वारा
हिंदी जीवनी
एक ही व्यक्ति के दो किरदारों को मानना मेरे लिए बड़ा मुश्किल है, यूं कहूँ तो उसके दो किरदार मै मानता ही नही । पहले किरदार मे वह लोगों मे फुट डालने की बात करता है, लोगों मे नफरत फैलाने का काम करता है । उसके एक जिंदगी/किरदार की लोग बात करना ही नही चाहते (डरते है,उसके बारे मे बात ही नही करना चाहते) और उसकी दुसरी जिंदगी को जो भी उसने इनके नजर मे अच्छे काम किए हो या समाज मे विज्ञान को फैलाने मे मदत की हो ( यह भी उनके नजर मे) उसी नजरिये को लेकर फुले नही
एक ही व्यक्ति के दो किरदारों को मानना मेरे लिए बड़ा मुश्किल है, यूं कहूँ तो उसके दो किरदार मै मानता ही नही । पहले किरदार मे वह लोगों मे फुट डालने की बात करता है, लोगों मे नफरत ...और पढ़ेका काम करता है । उसके एक जिंदगी/किरदार की लोग बात करना ही नही चाहते (डरते है,उसके बारे मे बात ही नही करना चाहते) और उसकी दुसरी जिंदगी को जो भी उसने इनके नजर मे अच्छे काम किए हो या समाज मे विज्ञान को फैलाने मे मदत की हो ( यह भी उनके नजर मे) उसी नजरिये को लेकर फुले नही
हम किर_दार के माध्यमसेहमारे बिच रहने वाली सोच को उजागर करने का प्रयास कर रहे है । बार-बार बदलने वाली इन्सानी फ़ितरत, लालच ...
जरूर देखें और लाइक, कंमेट, शेयर जरूर करे ।
कुछ दिन पहले ही देश का मनोरंजन विभाग याने हमारे बोलीवूड के कुछ मशहूर अदाकार हमारे बिच नही रहे, वक्त से पहले ही उनको ईश्वर/परमात्मा ने उन्हें बुला लिया, लेकिन उनका युं अधुरे सफर मे चले जाना सभी को ...और पढ़ेनही लगा । शायद उन्हें कभी बहोत कुछ पाना बाक़ी था, उन्हें और उंचाई पर जाकर यह बताना था के कोई गली-मोहल्ले से निकलकर भी उस उंचाई को छु सकता है, बस आपमे वह हौसला होना चाहिए । तब से दुख तब हुआ जब हम मे से ही कोई एक ऐसे उंचाई पर पहुँच चुका था, जो हर एक इंडस्ट्री
प्रोफेसर सहाब और मै कुछ ऐसे नगिनो के किरदार के बारे मे जानने की कोशिश करते जो है सदियों से महिलाओं को प्रताड़ित करने का काम करते आए है । और यह मनुष्य समुह हमेशा अपने आप को श्रेष्ठ ...और पढ़ेमहिला को दुय्यम दर्जे का स्थान देकर अपना जिवन बसर कर रहा है । ऐसा नही के महिलाओं का भी ऐसा वर्ग नही है लेकिन पुरुषों के मामले इनकी संख्या बहोत कम देखने को मिलेगी । पता नही स्त्री को हमारे समाज मे दुय्यम दर्जे का स्थान कैसे प्राप्त हुआ । तब की स्थिति अनुसार पुरूषों की जाती ने अपना