The character - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

किर_दार - 3

कुछ दिन पहले ही देश का मनोरंजन विभाग याने हमारे बोलीवूड के कुछ मशहूर अदाकार हमारे बिच नही रहे, वक्त से पहले ही उनको ईश्वर/परमात्मा ने उन्हें बुला लिया, लेकिन उनका युं अधुरे सफर मे चले जाना सभी को ठिक नही लगा । शायद उन्हें कभी बहोत कुछ पाना बाक़ी था, उन्हें और उंचाई पर जाकर यह बताना था के कोई गली-मोहल्ले से निकलकर भी उस उंचाई को छु सकता है, बस आपमे वह हौसला होना चाहिए ।

तब से दुख तब हुआ जब हम मे से ही कोई एक ऐसे उंचाई पर पहुँच चुका था, जो हर एक इंडस्ट्री मे आने वाले का सपना होता है ।

जब उस मशहूर एक्टर ने खुदखुशी कर ली, तब इस बात को पहले दिन मानना ही मुश्किल था । शायद सभी के सात ही ऐसा हुआ हो । ऐसे लगा के कोई सिर्फ भ्रामक न्युज ही फैला रहा हो, फिर कुछ महत्वपूर्ण और विश्वास के लायक न्यूज़ वेबसाइट की चक्कर लगाए तब कहीँ विश्वास रख पाए । और जो कुछ भी हुआ वह बेहद दुखद था/है, हम सब मानवीय संवेदना को समझने वालोअं के लिए । शायद कोई जाकर रोक लेता, कोई बात कर लेता तो शायद उसका वह बुरा वक़्त कट जाता, लेकिन यह सिर्फ़ सब अब बाते बन कर रह गई है, कुछ ने यो इसे नसीब मानकर इस बात को मान कर दिमाग के किसी कोने मे दफना भी दिया ।

लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए, कुछ लोगों के किरदार है के बदलते ही नही और कुछ लोंगो के किरदार हमेशा बदलते रहते है ।

हम जब इस इंडस्ट्री मे कदम रखते है या मानवीय जीवन बसर करते है, तब इन्सान की फितरत है के वह कुछ अच्छे और कुछ बुरे लोग बना लेता है । सही मानो मे अपना एक क़रीबी लोगों का सर्कल तैयार कर लेता है और उस सर्कल मे अपनी जिंदगी से जुड़ी हुई बहोत कुछ बातों पर बात, मशवरा भी करता है ।

कुछ लोग है के वक्त के साथ बस अपना जातिय फायदा देखने मे व्यस्त रहते है, फिर वकात और हालात की इन्हें फिक्र, होश कहाँ ?

जैसे ही उसने खुदखुशी की, उसके तुरंत बाद से इन कुछ गिने-चुने लोगों ने यह जताना शुरू कर दिया वह कितना उनसे क़रीब था ! उसने कुछ ऐसी बाते उसके बारे मे कहीं, अगर वही बातें पहले कही होती तो बिला शुभा वह जिंदा, हम सब के साथ होता ।

कुछ लोछ ऐसे भी ...

कुछ लोग इसमे ऐसे भी है, जो ऐसे ही मामले मै, सात साल पहले एक मुंबई ही की लड़की अपना वजुद निर्माण करने के लिए इंडस्ट्री मे कदम आजमाने की कोशिश कर रही थी, मध्यम परिवार से थी, उसे एक ऐसे ही व्यक्ति के बेटे से मोहब्बत हो गई जिसकी इंडस्ट्री मे अच्छा दबदबा था । उस लडके ने उससे मोहब्बत तो कि या नही, पता नही मगर उसके खुदखुशी करने का जिम्मेदार तो 100% था । तब सब कुछ मालुम होने के बावजुद तब खुदखुशी करना बस एक मानसिक रोग होता है और इसमे दुसरा कोई भी व्यक्ति जिम्मेदार नही होता है, ऐसा कहने वाले आज बस मिडिया मे रहने के लिए किसी पर भी कुछ भी कीचड़ उछाल रहे है, इन्हें पता नहीं है या यह लोग भुल गए है के इन्होंने सात साल पहले क्या कहा था । यह अदाकार/अदाकारा भी है जो यह सब मालुम होने के बावजुद भुल जाने का नाटक कर रहे है ?

दो घटनाओं के पिछे जो कोन भी लोग है, उसकी प्रशासन पर दबाव बना कर एक निष्पक्ष जांच करानी चाहिए फिर उसमे कोई ही हस्तक्षेप ना कर सके । ऐसे कुछ मुद्दों को उठाकर यह लोग लोगों का ध्यान कहीं और आकर्षित कर कर मुजरिमों को फायदा पहुंचाने मे लगे होते है ।

भाई-भतीजावाद को समर्थन तो हम ही लोगों का है, चाहे वह राजनीति हो या फिल्म इंडस्ट्री । वरना हम उन्हें देखना या उनकी जयजय कार करना छोड़ दे तो सब ठिक हो जाएगा ।


#भावपुर्णश्रद्धान्जली

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