मज़बूर - उपन्यास
Shrikar Dixit
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
ये कहानी एक ऐसे मजदूर की है,जो अपने परिवार के साथ घर से बहुत दूर काम की तलाश में जाता है,अचानक से लॉकडाउन होने की वजह से कमाई और आवागमन के सारे रास्ते बंद हो जाने के कारण कुछ ...और पढ़ेतक वो इस उम्मीद मे कि जल्द ही सब सही हो जायेगा और काम मिल जायेगा,वहीं ठहर जाता है धीरे-धीरे उसकी सारी जमा पूजी समाप्त हो जाती है और फिर क्या होता है यही है आज की इस कहानी में...राहुल को घर पर बैठे हुए काफी समय निकल गया था,काफ़ी समय से उसे कोई भी काम नहीं मिल रहा था
ये कहानी एक ऐसे मजदूर की है,जो अपने परिवार के साथ घर से बहुत दूर काम की तलाश में जाता है,अचानक से लॉकडाउन होने की वजह से कमाई और आवागमन के सारे रास्ते बंद हो जाने के कारण कुछ ...और पढ़ेतक वो इस उम्मीद मे कि जल्द ही सब सही हो जायेगा और काम मिल जायेगा,वहीं ठहर जाता है धीरे-धीरे उसकी सारी जमा पूजी समाप्त हो जाती है और फिर क्या होता है यही है आज की इस कहानी में...राहुल को घर पर बैठे हुए काफी समय निकल गया था,काफ़ी समय से उसे कोई भी काम नहीं मिल रहा था
स्वाती दरबाजा खोलती है..राहुल :- रौशन सो रहा है जागा तो नहीं...स्वाती :- नहीं,सो ही रहा है..राहुल :- अच्छा,स्वाती :क्या कहा राजेश जी ने?राहुल :- ह्म्म, नंबर दिया है एक साहब का,कल बात करूँगा..स्वाती :- ...और पढ़ेसो जाइए, मैंने बिस्तर लगा दिया है..राहुल :-अच्छा!राहुल सोने के लिये चला जाता है... अगली सुबह सूरज की पहली किरण के साथ सूरज की खुलती हैं..सुबह के दैनिक कार्य से निपट कर, राहुल अपने फोन से वो नंबर डायल करता है..नंबर पर रिंग बजती है! भारी आवाज के साथ एक व्यक्ति की आवाज आती है. व्यक्ति :- हैलो,दिस इस मेहरोत्रा स्पीकिंग,राहुल :हाँ, हाँ सर मैं राहुल
ट्रेन के आने का announce शुरू हो चुका था,ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आने वाली थी,स्वाती दबे हुए स्वर में राहुल से :आपको क्या लगता है कहीं राजेश लेट तो ना हो जाएगा,राहुल :- नहीं, आ रहा होगा,..( तब तक ट्रेन ...और पढ़े सीटी मारते हुए पहुंच गई थी) अभी तक राजेश का कोई पता नहीं था,चिंता का विषय इसलिये और भी था क्यूँकी ये प्लैटफॉर्म पर अधिक समय तक रुकने बाली नहीं थी... प्लेटफॉर्म पर लगे speakers में जैसे जैसे announce हो रहा था,वैसे वैसे रााहुल की टेंशन बढ़ रही थी...ट्रेन प्लेटफॉर्म से निकलने वाली ही थी कि तब तक राजेश हुआ प्लेटफॉर्म
Majboor is story of struggle of a poor people during lockdown.
आँखों पे ब्लू लाइट इफेक्ट का चश्मा लगाए हुए मेहरोत्रा चेयर पे बैठा हुआ कुछ फाइल देख रहा होता है,राहुल द्वारा अंदर आने के लिए पूछने पर...मेहरोत्रा: - कम इन,राहुल अंदर आके खड़ा हो जाता है..मेहरोत्रा राहुल की ...और पढ़ेदेखते हुए..मेहरोत्रा:- खड़े क्यूँ हो भाई.. बैठ जाओ (चेयर की तरफ इशारा करते हुए)..राहुल :- जी.. जी... साब..मेहरोत्रा (फाइल के पन्ने पलटते हुए...) :आपका परिचय... राहुल :- सर मैं राहुल.. वो आपसे बात हुई थी..मेहरोत्रा:- अच्छा.. अच्छा..,आने में कोई दिक्कत तोनहीं हुई.. ( मुस्कराते हुए राहुल की तरफ देखते हुए..)राहुल :- जी साहब कोई दिक्कत नहीं हुई.. मेहरोत्रा:- रुकने का इंतजाम हो गया
Hey guys this is 6th part of majboor storyif you had not read old 5 partso pleaseread all of them and continuedwith this one...