Gini Pigs book and story is written by Neelam Kulshreshtha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Gini Pigs is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
गिनी पिग्स - उपन्यास
Neelam Kulshreshtha
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
गिनी पिग्स नीलम कुलश्रेष्ठ (1) [ आजकल सारा विश्व कोरोना वायरस के भय से आक्रांत है। सारे विश्व के वैज्ञानिक प्रयोगशाला में इसे ठीक करने की दवाई व वैक्सीनेशन खोज रहे हैं। ये दवाइयां पहले प्रयोगशला में बनाकर जानवरों पर फिर इंसान पर प्रयोग की जातीं हैं। इस प्रक्रिया को कहतें हैं- क्लीनिकल ट्रायल। मातृभारती क्लीनिकल ट्रायल पर हिंदी साहित्य की प्रथम कहानी आपके लिये प्रस्तुत कर रही है। .भारत की सबसे बड़ी दवाई बनाने वाली बेल्ट गुजरात के गाँव`पोर ` में है ] घर में सुबह सुबह आया फ़ोन चौंका देता है, सात बजे किसको ज़रूरत पड़ गई बात
गिनी पिग्स नीलम कुलश्रेष्ठ (1) [ आजकल सारा विश्व कोरोना वायरस के भय से आक्रांत है। सारे विश्व के वैज्ञानिक प्रयोगशाला में इसे ठीक करने की दवाई व वैक्सीनेशन खोज रहे हैं। ये दवाइयां पहले प्रयोगशला में बनाकर जानवरों ...और पढ़ेफिर इंसान पर प्रयोग की जातीं हैं। इस प्रक्रिया को कहतें हैं- क्लीनिकल ट्रायल। मातृभारती क्लीनिकल ट्रायल पर हिंदी साहित्य की प्रथम कहानी आपके लिये प्रस्तुत कर रही है। .भारत की सबसे बड़ी दवाई बनाने वाली बेल्ट गुजरात के गाँव`पोर ` में है ] घर में सुबह सुबह आया फ़ोन चौंका देता है, सात बजे किसको ज़रूरत पड़ गई बात
गिनी पिग्स नीलम कुलश्रेष्ठ (2) जब एक प्रखर युवा की मौत होती है तो वह इमारत रोती है, वह कॉलॉनी रोती है. शहर का वह हर कोना रोता है जिससे वह युवा जुडा होता है --------- आधा घंटा बाद ...और पढ़ेके कमरे में रोने की आवाज़ तेज़ हो जाती है. कमला जी उससे कह उठतीं हैं. उठावनी हो रही है. बाहर के कमरे की स्त्रियों के रुदन से वनिता का दिल दहल रहा है ---`राम नाम सत्य है `----`राम नाम सत्य है `---------कहता काफिला पुलिन की अर्थी को उठा रहा है. शामल जी ने अर्थी को कन्धा देते हुए
गिनी पिग्स नीलम कुलश्रेष्ठ (3) "देखो दुनियां में अच्छे लोगों की भी कमी नहीं है. ये मीडिया या एक्टिविस्ट न हों तो हम लोग तो इन भयानक अपराधों को जान भी नहीं सकते. " हर दिन इस दुःख पर ...और पढ़ेचदाये जा रहा है ----वनिता की स्कूल की दिनचर्या जैसे वह सब भुलाए दे रही है. फिर वही पुरानी चिंता यानी रूपाली की शादी की चिंता सिर उठाने लगी है. रूपाली की शादी के लिए उसकी अपनी पसंद है कि किसी वैज्ञानिक के साथ ही वह विवाह करेगी, वहभी इसी शहर का होना चाहिए. वह कहीं दूर चली गई तो