End is beginning.. book and story is written by Sarvesh Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. End is beginning.. is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पांच दिन - उपन्यास
Sarvesh Saxena
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
सड़कों पर गाड़ियों की लंबी लाइन लगी हुई थी , लोग जल्दी जल्दी में अपने काम पर जा रहे थे , बच्चे स्कूल जा रहे थे, किसी को इतनी फुर्सत नहीं थी कि किसी से कोई बात कर ले l शहरों में सुबह से शाम तक यही माहौल रहता है पर वरदान इस मुंबई शहर की भागदौड़ भारी ज़िन्दगी से बिल्कुल अलग था, वो मुंबई में 4 साल से अकेला रहता है, एकदम मस्त, बिंदास l सुबह के 9:30 बज गए थे, सारा सामान कमरे में फैला पड़ा था, घड़ी का अलार्म बजा जा रहा था और वरदान टांगे फैला
सड़कों पर गाड़ियों की लंबी लाइन लगी हुई थी , लोग जल्दी जल्दी में अपने काम पर जा रहे थे , बच्चे स्कूल जा रहे थे, किसी को इतनी फुर्सत नहीं थी कि किसी से कोई बात कर ले ...और पढ़ेशहरों में सुबह से शाम तक यही माहौल रहता है पर वरदान इस मुंबई शहर की भागदौड़ भारी ज़िन्दगी से बिल्कुल अलग था, वो मुंबई में 4 साल से अकेला रहता है, एकदम मस्त, बिंदास l सुबह के 9:30 बज गए थे, सारा सामान कमरे में फैला पड़ा था, घड़ी का अलार्म बजा जा रहा था और वरदान टांगे फैला
कहानी के पिछले भाग मे आपने पढ़ा.. वरदान एक बिंदास लड़का है जो मुंबई मे रह रहा है, लेकिन जब से उसे एक बच्चे की अजीब सी तस्वीर मिलती है तब से उसके साथ अजीबो गरीब घटनायें होने लगती ...और पढ़ेउसे एक नर जानवर दिखाई पड़ता है और उसी रात एक बुढ़िया सपने मे दिखती है जो उसे कह जाती है कि वो सिर्फ पांच दिनों तक जिएगा lअब आगे.... वरदान ने डर कर दरवाजे बंद कर लिए और बिस्तर पर जाकर लेट गया तभी उसके पैर टेढ़े होने लगे और वह जानवरों की तरह होने लगा, वह तेजी से चिल्लाने लगा
कहानी के पिछले भाग मे आपने पढ़ा वरदान अपने साथ होने वाली घटनाओं से परेशान होकर अपने गाँव जाने का फैसला करता है पर कुछ अनहोनी के कारण जंगल मे छूट जाता है जहां उसे नेहा मिलती है, नेहा ...और पढ़ेकहानी बताती है जिस से पता चलता है उस नर जानवर का सच, अब आगे.... नेहा ने बताया उसके पापा मम्मी इसी घर में रहते थे, पापा बहुत बड़े पंडित थे, सारा गाँव उनकी बहुत इज़्ज़त करता था, माँ घर पर ही रहती, माँ को कहानियां पढ़ना बहुत पसंद था पर वो हमेशा भूत, प्रेत और काली शक्तियों वाली कहानियाँ पढ़ती
कहानी के पिछले भाग मे आपने पढ़ा कि नेहा बताती है कि वो नर जानवर और कोई नहीं उसका भाई है जिसे उसकी माँ ने काली शक्तियों. से पैदा किया था, जो हर पांच दिन मे एक शिकार ढूंढता ...और पढ़ेवरदान और नेहा उसे मारने के लिए योजना बनाते हैं lअब आगे.... यह कह कर वरदान नेहा को कुछ बता कर बाहर चला गया l नेहा ने एक बैग तैयार किया l वरदान ने भी गाड़ी मे बहुत सी काम की चीज़ें रख ली और यह सब लेकर वह घर से जंगल की ओर निकल पड़े, बहुत दूर चलने के बाद