Do Dilo ki Kahaani Pyaar book and story is written by Ishani Morya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Do Dilo ki Kahaani Pyaar is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दो दिलों की कहानी प्यार - उपन्यास
Ishani Morya
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
To कहानी की शुरू होने से पहले मैं आप सबको कहानी के बारे में छोटा सा ट्रेलर or charter ka intro देना चाहूंगी कि is कहानी ki किस तरह से मेरे द्वारा शुरुआत होती है तथा किस तरह से यह आगे चलती रहेगी....... शुरुआत........ तो यह कहानी है आदित्य सिंघानिया? और प्रिया रॉय??️ kii....... प्रिया जब 5 साल की थी तभी से ही वह आदित्य की जुनून और दीवानगी बन चुकी थी.... दीवानगी का असर इस कादर की आदित्य परी के लिए पूरी दुनिया को भी आग लगा सकता है | इस चीज को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा की परी (हम प्रिया कोउसके nic
To कहानी की शुरू होने से पहले मैं आप सबको कहानी के बारे में छोटा सा ट्रेलर or charter ka intro देना चाहूंगी कि is कहानी ki किस तरह से मेरे द्वारा शुरुआत होती है तथा किस तरह से ...और पढ़ेआगे चलती रहेगी.......शुरुआत........तो यह कहानी है आदित्य सिंघानिया और प्रिया रॉय️ kii.......प्रिया जब 5 साल की थी तभी से ही वह आदित्य की जुनून और दीवानगी बन चुकी थी.... दीवानगी का असर इस कदर की आदित्य परी के लिए पूरी दुनिया को भी आग लगा सकता है इस चीज को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा की परी (हम प्रिया
अब तक आपने पढ़ा.….........उसे घर के अंदर एक रूम था उसे रूममें बीचों बीच किंग साइज बेड पर एक लड़का सो रहा था जो लगभग 14 साल का लग रहा था। कहने को तो उसे लड़के की उम्र 14 ...और पढ़ेहै पर उसे रूम को देखकर कोई नहीं कह सकता कि, यह रूम उसे लड़के का है ,क्योंकि वह रूम पूरा ब्लैक और ब्लू थीम में था, जो कि यूं कहे बहुत अजीब और खतरनाक रूप दे रहा था,उसे म को।उसे कमरे में हर एक चीज को बहुत सुंदर और सलीके से सजाया गया था ,बेड के दीवार पर एक
अभी तक आप लोगों ने पढ़ा....की सभी लोग मंदिर जाने के लिए रेडी हो जाते हैं की तभी अखिलेश जी पूछतेहैं कि आदि कहां है क्या वह नहीं चल रहा हमारे साथ मंदिर।अब आगे.अर्शी = नहीं पापा भैया भैया ...और पढ़ेबोला कि उनको स्कूल जाने में देरी हो रही है इसलिए वह हमारे साथ मंदिर नहीं जाएंगी माया = हमें तो पहले ही पता था... की आदि कुछ ना कुछ बहाने तो जरूर बनाएंगे मंदिर ना जाने के लिए....( फिर अनुभव जी को कहते हुए) आपको तो पता है ना हमारा बेटा कैसाहै.... वह उसकी उम्र के बाकी सभी बच्चों
अब तक आपने पढ़ा....की आदित्य के मंदिर जाने से मना करने पर अखिलेश जी माया जी और अर्शी तीनों मंदिर की और निकल जाते हैं..........अब आगे.....एक बहुत बड़ा मंदिर जो बहुत खूबसूरत था..... तभी एक कार आकर रूकती है ...और पढ़ेके सामने ,उसमे अर्शी माया or अखिलेश जी बाहर आये और मंदिर के अंदर जाते है |और पूजा करने लगते है तभी एक जगह बहुत भीड़ जमा हो रखी थी......जिससे खूसूर फुसुर हो रहा था.. तभी माया जी का ध्यान उस तरफ चला गया और माया जी, अखिलेश जी को कहा....... माया जी:- जी उधर बहुत ज्यादा भीड़ हो रही
अब तक आपने पढ़ा .... माया :- ये है अर्शी मेरी बेटी और तुम्हारी दीदी परी:- (मुस्कुराते हुए.. कहा) मेला नाम पली है पली, क्या पली आपको अल्सी दी बोल थकती है (मेरा नाम परी है परी क्या परी ...और पढ़ेअर्शी दी बोल सकती है) अर्शी परी के गलो पर किस करके बोली..... हां हां परी तो अब से मेरी छोटी है और अब में परी को छोटी बोलूगी ओके छोटी परी :- ओके अल्सी दी।अब आगे......माया एक बार अखिलश जी के तरफ देखती है, जो अर्शी और परी को देखकर मुस्कुरा रहै थे ।तभी माया ने बोला.....माया :- अखिलेश