दो दिलों की कहानी प्यार - part -4 Ishani Morya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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दो दिलों की कहानी प्यार - part -4

अब तक आपने पढ़ा....
की आदित्य के मंदिर जाने से मना करने पर अखिलेश जी माया जी और अर्शी तीनों मंदिर की और निकल जाते हैं..........

अब आगे.....
एक बहुत बड़ा मंदिर जो बहुत खूबसूरत था.....
तभी एक कार आकर रूकती है मंदिर के सामने ,उसमे अर्शी माया or अखिलेश जी बाहर आये और मंदिर के अंदर जाते है |

और पूजा करने लगते है तभी एक जगह बहुत भीड़ जमा हो रखी थी......
जिससे खूसूर फुसुर हो रहा था.. तभी माया जी का ध्यान उस तरफ चला गया और माया जी, अखिलेश जी को कहा.......

माया जी:- जी उधर बहुत ज्यादा भीड़ हो रही है थोड़ा उधर चलकर देख कर आते हैं कि क्या मसला है।

अखिलेश जी: हां चलिए......

माया जी अखिलेश जी के साथ अरु को लेके वहा गयी तो देखा एक 4 साल की लड़की जो देखने में किसी अप्सरा से कम नही थी.......
बो बैठी थी और उसके सामने एक बुजुर्ग महिला खून से लठपथ थी....
ये देख माया दौड़ के उस महिला के पास गयी और बोली......

माया:- अरे आपको क्या हुया........

बुजुर्ग महिला :- अपनी लड़खरा त जुबान से..... मेरी पो....ती का ध्यान.... रख... ना.. इस दुनि......या मे उस.... का कोई नहीं है मेरे सि.... बा............................

ये बोलते हुए उस बुद्धि महिला ने अपना दम तोड़ दिया। माया जी के आँखो से आशु निकल गए तभी माया जी ने उस 4 साल की बच्ची को देखा जो उसे ही देख रही थी अपनी आंसुओं से भरी टीमटीमती आँखोसे से....🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺

बो अभी बच्ची थी, तो उसे समझ नहीं आया था की अभी अभी वहां क्या हुआ है।
तभी बो 4 साल की बच्ची अपनी cute तोतली आवाज में. .....पली की दादी को त्या हुआ (परी की दादी को क्या हुया) बोलकर माया जी कि और देखने लगी ,(अपनी cute cute आँखोसे से )

माया जी तो उसकी बात सुन के फिर से रोने लग गयी, फिर शांत होके बोली.......

माया जी:- कुछ नही परी के दादी भगवान जी के पास चली गयी है परी...

तभी परी बोलती है
परी :- पली को भी दाना है (परी को भी जाना है)

माया :- अरे बो तो जब तुम बुड्ढी हो जाओगी ,तब ओके😊 अब परी के दादी ने कहा की परी को मेरे साथ रहना है तो क्या बच्चा आप हमारे साथ चलोगे.....

परी :- पल पली तो आपको दांती नहीं है फील पली क्यों दाये (पर परी तो आपको जानती नहीं है फिर परी क्यों जाए) ?
माया :- क्युकी परी के दादी ने कहा है... और परी तो अपनी दादी की सारी बात मानती है ना बच्चा?और परी हमारे साथ जाएगी तो बहुत चॉक्लेट देंगे हम परी को....

परी :- त्या सच्ची आप पली को तोतलेट देंगे (क्या सच्ची आप परी को चॉकलेट देंगे)

माया‌ :- हां परी....

परी‌ :- फील तो पली दायदि आपके थात (फिर तो परी जाएगी आपके साथ)

अर्शी जो कबसे देख रही थी.... उसे परी पसंद आयी थी इसलिए उसने आगे आकर कहा... मेरा नाम अरु है... (मुस्कुराते हुए )
परी ने पहले उसकी तरफ देखा, फिर माया जी कि तरफ...

माया:- ये है अर्शी मेरी बेटी और तुम्हारी दीदी........

परी ने मुस्कुराते हुए कहा....
परी :- मेला नाम पली है पली, क्या पली आपको अल्सी दी बोल धकती है (मेरा नाम परी है परी क्या परी आपको अर्शी दी बोल सकती है)

अर्शी ने परी के गलो पर किस करके बोला.....

Arshi :- हां परी तो, अब से मेरी छोटी है, और अब में परी को छोटी बोलूंगी ओके छोटी ......

परी
:- ओके अल्सी दी...

Note:- कहानी में आदित्य के पिताजी का नाम अनुभव जी की जगह अखिलेश जी हो गया है तो तो कोई कंफ्यूज मत होना......

आज के लिए इतना ही अब मिलते हैं कल.........

धन्यवाद हमारी कहानी को यहां तक पढ़ने के लिए.... हो सके तो कमेंट भी कीजिएगा.....

Ishu....😉🥰✍️✍️✍️