Adhuri Kahaani book and story is written by Chandan Kumar Rajput in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Adhuri Kahaani is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अधूरी कहानी. - उपन्यास
Chandan Kumar Rajput
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
चंदू नाम का एक लड़का जो पढ़ने लिखने में बहुत समझदार था उसने एक ही स्कूल से अपनी पढ़ाई 1से 6 तक एक ही स्कूल से तब तक की उसकी उम्र लगभग 12 साल की थी उस समय एक लड़की से मिला था हलकी वह लड़की से प्यार करता था वाह लड़की बहुत सुंदर थी उसका नाम अनु था अनु और चंदू साथ साथ में पढाई करते थे6 साल तक एक स्कूल में पढ़ाई की उसके बाद किसी करण चंदू ने स्कूल छोड़ कर अलग पढ़ाई करने लगा अब उसने 10वीं में दाखिला ले लिया था चंदू स्कूल की छुट्टी होती ही अपनी सैकिल से अनु को देखने के लिए जल्दी-जल्दी से आता था उसी समय
चंदू नाम का एक लड़का जो पढ़ने लिखने में बहुत समझदार था उसने एक ही स्कूल से अपनी पढ़ाई 1से 6 तक एक ही स्कूल से तब तक की उसकी उम्र लगभग 12 साल की थी उस समय एक ...और पढ़ेसे मिला था हलकी वह लड़की से प्यार करता था वाह लड़की बहुत सुंदर थी उसका नाम अनु था अनु और चंदू साथ साथ में पढाई करते थे6 साल तक एक स्कूल में पढ़ाई की उसके बाद किसी करण चंदू ने स्कूल छोड़ कर अलग पढ़ाई करने लगा अब उसने 10वीं में दाखिला ले लिया था चंदू स्कूल की छुट्टी
बात नहीं करता सबसे दूर चार साल बीते जेन के बाद चंदू एक लड़की को जानता था उसका नाम वंदना था चंदू सहर में था उसने सोचा एक ना एक दिन सादी karna पड़ेगी तो क्यू ना जो हुआ ...और पढ़ेभूल कर वन्दना से सादी कर लू लेकिन उसको ये नहीं पता था कि वन्दना के दिल में क्या है।चंदू अब सहर से घर वापस आ गया था कि वंदना से एक बार बात करके देख ता हूं कुछ दिन बाद बड़ी मुश्किल से एक दिन वन्दना से किसी ने कहा चंदू आपसे बात करना चाहता है वन्दना ने कहा
चंदू के प्यार के बारे में चंदू के घर वालों को पता चल गया ओर चंदू के घर वाले उस लड़की के घर वालो से सादी करने के लिए कहा ऑरअपनी बात राखी लेकिन उस लड़की के घर वालो ...और पढ़ेशायद ये रिश्ता मंजूर नहीं था इसके पीछे कई कारण हो सकता है जैसी की वंदना इस सदी से कोई एतराज़ होगा चंदू को यहीं लगता था कि अब वंदना से उसकी सदी हो जाए लेकिन जैसा वो समझता था वैसा कुछ नहीं हुआ अब पल पल चंदू अपने आपको बिल्कुल अकेला मेहसूस कर्ता जैसा जैसा दिन गुजर रहा था