मानव भेड़ियाँ और रोहिणी-1 book and story is written by Sonali Rawat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. मानव भेड़ियाँ और रोहिणी-1 is also popular in आध्यात्मिक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - उपन्यास
Sonali Rawat
द्वारा
हिंदी आध्यात्मिक कथा
अब मुझे ठीक से तो याद नहीं कि बात कितनी पुरानी हैं, पर जो कुछ हुआ वो एक एक बात आज भी ज़ेहन में अपना घर बनाए बैठी हैं ।
हम चार लोगों ने मिलकर पहाड़ की ठंडी वादियों के नजदीक पिकनिक मनाने की योजना बनाई। यह जगह हमारे शहर से 4 मील की दूरी पर थी। यह जगह हिमालय के नजदीक के जंगलों के पास थी। पहाड़ियों से भरी हुई जगह।
सर्दियों की शुरुआत होने के कारण कम मात्रा में बर्फ पड़ रही थी। उस रात को चांद पूरा निकलने वाला था और हम जानते थे कि इससे वहाँ का दृश्य और भी सुंदर होगा। इस सफर में, मैं ,राजेश, मनोज और विकास शामिल थे। हम लोगों ने कुछ बीयर्स और कुछ नशे की चीजें अपने साथ में ली थी, ताकि हम पूरी रात एन्जॉय कर सकें। तकरीबन रात के 10:00 बज रहे थे, जब हम निकले। जिस जगह हम जा रहे थे। वह एक मनोरंजन की जगह थी, जहां पर लोग मजे कर सकते थे ,कैंप लगा सकते थे और वहां पर पास में एक छोटी सी नदी में नाव चला सकते थे।
अब मुझे ठीक से तो याद नहीं कि बात कितनी पुरानी हैं, पर जो कुछ हुआ वो एक एक बात आज भी ज़ेहन में अपना घर बनाए बैठी हैं ।हम चार लोगों ने मिलकर पहाड़ की ठंडी वादियों के ...और पढ़ेपिकनिक मनाने की योजना बनाई। यह जगह हमारे शहर से 4 मील की दूरी पर थी। यह जगह हिमालय के नजदीक के जंगलों के पास थी। पहाड़ियों से भरी हुई जगह।सर्दियों की शुरुआत होने के कारण कम मात्रा में बर्फ पड़ रही थी। उस रात को चांद पूरा निकलने वाला था और हम जानते थे कि इससे वहाँ का दृश्य
हम नहीं जानते थे कि वह क्या था? इस समय तक विकास काफी ज्यादा डर चुका था और साथ में, मैं भी। हम सभी राजेश पर चिल्लाये कि हम सबको यहां से निकालो। वह भी हमारी ही तरह डरा ...और पढ़ेथा। उसने गाड़ी को स्टार्ट किया और आगे जाने की बजाय वह गाड़ी को रिवर्स में ले गया ताकि हम पीछे होते हुए उस जगह से मेन रोड पर पहुंच सकें। हम किसी तरह से चलते-फिसलते हुए ऊपर चढ़ते हुए मेन रोड पर आ पहुंचे। हमने सोचा कि अब सब कुछ ठीक हैं पर तभी मैंने अपनी जिंदगी की सबसे
उसने कहानी सुनानी शुरू की-----मेरी यह कहानी हैं एक भेड़िया की जो अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा हैं। वह कभी जीतता हैं तो कभी हारता हैं लेकिन कभी हिम्मत नहीं छोड़ता हैं। यह भेड़िया मनुष्यों की तरह जीवन ...और पढ़ेकरता हैं क्योंकि यह मनुष्य का भी रूप ले सकता हैं। लेकिन सच में यह पहले ऐसा नहीं था, उसे तो ऐसा एक घटना ने ऐसा कर दिया। जो मैं आपको बताने जा रहा हूं। बहुत समय पहले की बात हैं कि लकड़हारा था। वह जंगल में जाकर लकड़ियां लाता था और अपना खाना बनाता था। एक बार उसे जंगल
वह उस पेड़ के नजदीक गई और उसने देखा वहां पर एक सुंदर युवक हरे रंग की आंखों वाला उसके सामने खड़ा है वह उसे देख कर चौंक गई और पूछने लगी कि तुम इस जंगल में क्या कर ...और पढ़ेहो ? कहां रहते हो ? वह नौजवान कुछ जवाब दे पाता इससे पहले ही घड़ी ने अलार्म की आवाज बजानी शुरू कर दी और रोहिणी की नींद टूट गई उसने घड़ी में समय देखा और उठकर जल्दी जल्दी कॉलेज के लिए तैयार हो गई। जब वह कॉलेज पहुंची तो वहां पर एक दो अध्यापक के अलावा अन्य कोई अध्यापक
रोहिणी आंखें बंद करके सो गई।कुछ देर बाद माँ रोहिणी को जगाने आई, उठ जा बेटा देख तेरा कोई कॉलेज वाला दोस्त मिलने आया है।रोहिणी ने बाहर आकर देखा तो सामने उसके आकाश खड़ा था।आकाश में उससे से कहा ...और पढ़ेआओ आज हम कहीं बाहर घूमने चलते हैं, रोहिणी ने कुछ पल सोचा और सोचा चलो आकाश के साथ घूम कर आती हूँ, शायद मेरा मन हल्का हो जाए और मेरा मूड भी ठीक हो जाए । फिर वह दोनों बाहर चले गए चलते चलते रोहिणी ने आकाश से पूछा कि हम कहां जा रहे हैं । आकाश ने बोला