Kya Ekant hi sukh hai ? book and story is written by Poonam Kuhar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kya Ekant hi sukh hai ? is also popular in प्रेरक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
क्या एकांत ही सुख है ? - उपन्यास
Poonam Kuhar
द्वारा
हिंदी प्रेरक कथा
एक तुषांत नाम का लड़का था जो अकेले रहना पसंद करता था और वह किसी से ज्यादा बात करना भी पसंद नही करता था जिसके कारण उसका कोई दोस्त भी नही बन पाया था । उसके स्कूल टाइम के समय सभी सहपाठी उसका मजाक बनाते थे उसे छेड़ते थे फिर भी वह किसी को कुछ भी भला बुरा नही बोलता और चुपचाप उनकी बात सुन लेता था । इसके साथ ही पूरी क्लास में अकेला बैठा रहता था और क़िताबे पढ़ता रहता था लेकिन जब किसी और स्कूली दोस्त को उसकी जरूरत पड़ती तो उनके लिए हमेशा तैयार रहता ।
एक तुषांत नाम का लड़का था जो अकेले रहना पसंद करता था और वह किसी से ज्यादा बात करना भी पसंद नही करता था जिसके कारण उसका कोई दोस्त भी नही बन पाया था । उसके स्कूल टाइम के ...और पढ़ेसभी सहपाठी उसका मजाक बनाते थे उसे छेड़ते थे फिर भी वह किसी को कुछ भी भला बुरा नही बोलता और चुपचाप उनकी बात सुन लेता था । इसके साथ ही पूरी क्लास में अकेला बैठा रहता था और क़िताबे पढ़ता रहता था लेकिन जब किसी और स्कूली दोस्त को उसकी जरूरत पड़ती तो उनके लिए हमेशा तैयार रहता ।ऐसा
फिर वह अध्यापक तुषांत के पास आता है और उसकी नोटबुक चेक करता है तो उसे पता चलता है की ये स्टोरी लिखने का शौकीन है । फिर वह तुशांत को लंच टाइम में अपने पास आने के लिए ...और पढ़ेहै । आगे यह होता है की तुषांत अकेले उस अध्यापक से मिलने जाता हैं तो वह उसे कुछ पैसों का offer करता है। अगर तुम्हे पैसे चाहिए तो मेरे लिए काम करना होगा जिसके बदले में तुम्हे पैसे दे दूंगा । और जिस पैसों से तुम अपनी जरूरतें पूरा कर सकते हो लेकिन हमारी ये बाते हम दोनो के
आगे तुषांत अपने घर की ओर लोट रहा तो उसने देखा की महज 10,12 साल का छोटा सा मासूम सा बच्चा फटे पुराने कपड़े पहने हुए था और पूरा शरीर खून से लथपथ सुनसान रास्ते पर अकेले चल रहा ...और पढ़े।जब मैने पीछे मुड़कर देखा तो कुछ 3,4 लोग उसका पीछा कर रहे थे और मेरे देखते - देखते ही उन लोगो ने उस मासूम से बच्चे को पकड़ लिया और उसे पीटने लगे ।यह दृश्य देखकर मैं उनके पास गया और उनसे पूछा की आप इस बच्चे को क्यों पीट रहे है यह तो बहुत ही छोटा और मासूम
तुषांत बहोत खुश था की उसे अवि के रूप में भाई मिल गया और मम्मी पापा को अवि के रूप में एक बेटा । इसके विपरित तुषांत इस बात से अनजान था की उसकी जिंदगी में आगे कितनी कसोटिया ...और पढ़ेचुनौतियां आयेगी उसे पीछे खींचने के लिए । यह जानने के लिए कहानी को पढ़िए __।तुषांत सुबह जल्दी उठता था और उठकर स्नान करता फिर घर वालो के लिए चाय बनाकर उन्हें उठाता था । तुषांत का ये डेली लाइफ रुटीन बन गया क्योंकि वह एक संस्कारी समझदार बालक था जो की घर वालो की सेवा करना अपना परम कर्तव्य
तूषांत और प्रेमा ने एक - दूसरे को अपने दिल की बात बता दी की वह एक - दूसरे से कितना प्यार करते हैं ।और फिर प्यारी प्यारी बाते आपस में करने लग जाते हैं । तुषांत प्रेमा से ...और पढ़ेहैं की तुम कभी मेरा साथ तो नही छोड़ोगी । तब प्रेमा तुषांत का हाथ अपने हाथो मे रखकर बोलती हैं की तुम क्यों टेंशन ले रहो , तुम्हे मुझ पर विश्वास नहीं ही क्या ?फिर तुषांत बोलता ऐसी बात नहीं हैं , विश्वास तो तुम पर खुद से ज्यादा करता हु पर प्यार भी बहोत करता हु तुझसे ।