Kya Ekant hi sukh hai ? - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

क्या एकांत ही सुख है ? -1

एक तुषांत नाम का लड़का था जो अकेले रहना पसंद करता था और वह किसी से ज्यादा बात करना भी पसंद नही करता था जिसके कारण उसका कोई दोस्त भी नही बन पाया था । उसके स्कूल टाइम के समय सभी सहपाठी उसका मजाक बनाते थे उसे छेड़ते थे फिर भी वह किसी को कुछ भी भला बुरा नही बोलता और चुपचाप उनकी बात सुन लेता था । इसके साथ ही पूरी क्लास में अकेला बैठा रहता था और क़िताबे पढ़ता रहता था लेकिन जब किसी और स्कूली दोस्त को उसकी जरूरत पड़ती तो उनके लिए हमेशा तैयार रहता ।

ऐसा देखकर एक अध्यापक ने उससे पूछा कि कोई तुमसे बात भी नही करता और ना ही तुम्हे अपना दोस्त मानते हैं और हर बात पर तुम्हारा मजाक बनाते रहते है ।

फिर वह तुशांत नाम का लड़का बोला की मुझे पता है कोई मुझसे दोस्ती नही करना जानता क्योंकि में किसी से ज्यादा बात नही करता और मेरे पास पैसे भी नही हैं जिस कारण सभी मुझसे दूर रहते हैं और मेरा मजाक बनाते हैं लेकिन में उनके जैसा नही हु जो उनकी तरह व्यव्हार करू ।।

ऐसी बात सुनकर अध्यापक प्रसन्न हुया उस बच्चे पर । उसे बोला की तुम बहुत बड़े आदमी बनोगे और अपने परिवार का नाम रोशन करोगे ।

"अक्सर जो इंसान शांत रहते है वो दिल के सच्चे होते है और उनकी हर भावनाएं दिल से जुड़ी रहती है तो किसे एसे इंसान का मजाक नही बनाना चाहिए "

इस तरह से उसने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर ली और बिना किसी मित्र के सहारे के और उसके घर वाले भी उसे डांटते रहते थे , तू तो निकम्मा हैं कुछ नी कर सकता और तुझसे कुछ होगा भी नही ।

तब ऐसी बातों को लेकर वह रोने लग जाता था और सोचने लगता की मुझसे कोई प्यार नही करता यह तक की मेरे मम्मी पापा भी नही करते थे ।
दरअसल उसके परिवार वाले आर्थिक तंगी से जुंझ रहे थे जिसके कारण वह तुषांत नाम का लड़का अपनी परिवार की स्थिति से वाकिफ था और अपनी आर्थिक स्थिति को कैसे सुधरा जाए ऐसा सोचता रहता था ।
फिर स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उसने कॉलेज में प्रवेश लिया और उसकी आगे का अध्यनन शुरू हूया।
वही शुरुआती दिनों में उसका कोई मित्र नही बना और न ही उसने किसी से बात की ओर क्लास के टाइम अकेले पीछे बैठा रहता और कल्पनायो के जाल में बुना रहता और एक कोरे कागज पर अपने विचार व्यत्त करता रहता था ।

धीरे-धीरे दिन बीतते गए तब एक अध्यापक ने उस बच्चे को वही अकेला बैठा पाया देख हैरत में पड़ गए और सोचा उससे पूछ लिया जाए वह किसी से बात क्यों नही करता और अकेले ही क्यों बैठे रहता हैं ?

तब उस अध्यापक ने उस बच्चे को पूरी क्लास में खड़ा किया और उससे पूछा की तुम अकेले क्यों बैठे रहते और बच्चे भी है क्लास में उनसे मिलो जुलो और मित्रता बनाओ। ऐसा सुनकर वह बच्चा कुछ नही बोला और शांत भाव से नीचे जमीन की तरफ देख रहा था।

थैंक यू सभी का कहानी को पढ़ने के लिए.........
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अगला भाग जल्द ही जारी होगा ।


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